छात्रवृत्ति के लिए भटक रहे 250 से अधिक छात्र 

Update: 2017-04-22 12:28 GMT
इस बार ओबीसी छात्रों को छोड़ अन्य छात्रों को छात्रवृत्ति नहीं मिल पाई है।

स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

लखनऊ। समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के कारण सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ प्लास्टिक इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (सीआईपीईटी) के 250 से ज्यादा छात्र छात्रवृत्ति के लिए सरकारी दफ्तरों का चक्कर लगा रहे हैं।

राजधानी के अमौसी स्थित सीआईपीईटी के छात्रों को सरकार की तरफ से छात्रवृत्ति दी जाती है। छात्रों को छात्रवृत्ति 31 मार्च तक मिल जाती है, लेकिन इस बार ओबीसी छात्रों को छोड़ अन्य छात्रों को छात्रवृत्ति नहीं मिल पाई है। छात्रों ने ऑनलाइन जो फॉर्म जमा किया है उसमें फॉर्म को ‘सस्पेक्ट’ बताकर उन्हें छात्रवृत्ति के लिए रोका जा रहा है।

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सीआईपीईटी में प्लास्टिक्स मोल्ड टेक्नोलॉजी में डिप्लोमा की पढ़ाई कर रहे छात्र इशांक गुप्ता बताते हैं, “हमें हमारी पूरी फीस के साथ कुछ रुपए जोड़कर सरकार छात्रवृति देती है। दिसम्बर 2016 में जब हमने ऑनलाइन अपने फॉर्म का स्टेटस देखा था तो सब सही था, लेकिन अब फॉर्म को ‘सस्पेक्ट’ बता कर हमें छात्रवृति से रोका जा रहा है। हमारे यहां ओबीसी छात्रों को छोड़ अभी तक किसी को इस बार की छात्रवृत्ति नहीं मिली है। हम जब अधिकारियों के पास जाते हैं तो वे हमें इधर-उधर दौड़ाते हैं। कोई भी ठीक से जवाब नहीं दे रहा है।”

क्या कहते हैं ज़िम्मेदार

समाज कल्याण विभाग के उप निदेशक पीसी उपाध्याय बताते हैं कि छात्रों के फॉर्म में कुछ दिक्कत आई है, जिसके कारण उनको छात्रवृत्ति नहीं दी गई है। ऑनलाइन फॉर्म में जो सस्पेक्ट दिखा रहा है, वो हम लोग या कोई और अधिकारी जान बूझकर नहीं करता है। सस्पेक्ट सॉफ्टवेयर के कारण दिखाता है। अगर फॉर्म सस्पेक्ट था तो छात्रों को समाज कल्याण अधिकारी से मिलकर डाटा को फॉरवर्ड कराना चाहिए था जिससे हम उस लोग को दूर कर देते। अब तो इसका भी समय निकल गया है।

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