मिशन उड़ान से संवारा जाएगा गरीब बच्चों का बचपन

Update: 2017-09-14 15:14 GMT
भागीरथ सेवा संसथान में खेलते बच्चे .

गाजियाबाद। गरीबी व कई अन्य कारणों से बच्चों की पढ़ाई रुक जाती है, ऐसे बच्चों को मिशन उड़ान के तहत जल्द ही पढ़ने का मौका मिलेगा। साथ ही ऐसे लोग जो किसी कारण पढ़ाई नहीं कर सके या जिनकी पढ़ाई बीच में ही छूट गई उन्हें भी मिशन उड़ान के तहत शिक्षित किया जाएगा। इस पूरे कार्य में स्थानीय भागीरथ सेवा संस्थान के सहयोग से यह अभियान चलाया जाएगा।

भागीरथ सेवा संस्थान के प्रमुख अमिताभ शुक्ल का कहना है, “जिले में अक्सर ऐसे बच्चे देखने को मिलते हैं, जिनकी उम्र पढ़ने की होती है, लेकिन किसी कारणवश वह स्कूल जाने में सक्षम नहीं हैं। ऐसे बच्चों को गुरु चाणक्या फाउंडेशन के सहयोग से शिक्षित करने की योजना बनाई जा रही है। हमें उम्मीद है कि दो अक्टूबर से पहले सारी व्यवस्था करने बाद मिशन उड़ान के माध्यम से इन बच्चों की जिंदगी में कुछ सार्थक बदलाव कर सकूं तो यह मेरा सौभाग्य होगा।”

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वहीं गुरु चाणक्या फाउंडेशन दिल्ली के हरिनगर आश्रम में ऐसे बच्चों को शिक्षित करने का काम कर रहा है, जो कि कूड़ा बीनने का काम करके अपना गुजर-बसर करते हैं। साथ ही एसपीवाईएम के रैनबसेरे में रह रहे बच्चे को भी शिक्षित किया जा रहा है। ये ऐसे बच्चे हैं जो पहले भीख मांगने का काम करते थे, लेकिन आज ये बच्चे स्कूल भी जाते हैं और पढ़ाई में रुचि भी रखते हैं। इस पूरे कार्य को करने में गौरव को एसपीवाईएम संस्था का भरपूर सहयोग मिला।

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‘बिना साक्षरता के कैसे होगा समाज का भला

जिस उम्र में युवा अपने करियर को लेकर चिंतित रहते हैं और बड़े-बड़े पैकेज के लिए प्रयासरत रहते हैं, उस उम्र में गौरव भारद्वाज (28 वर्ष) अपनी संस्था के माध्यम से गरीब, असहाय बच्चों के बीच कार्य कर रहे हैं।

गौरव का कहना है, “जब तक समाज का एक भी बच्चा निरक्षर रहेगा समाज का भला कैसे हो सकता है। मुझे बहुत दुःख होता है कि जिस देश में बच्चों के लिए काम करने वाले कैलाश सत्यार्थी को इतना बड़ा सम्मान पूरी दुनिया ने दिया हो उस देश की राजधानी में एक लाख से ज्यादा बच्चे रेड लाइटों के आसपास गुजर-बसर करने को मजबूर हैं ये बहुत ही शर्म की बात है।”

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