रायबरेली। ऊंचाहार में एनटीपीसी प्लांट में हादसे में मरने वालों की संख्या 30 तक पहुंच गई है। इनके परिवार के लोग राहुल गांधी के साथ ही केंद्रीय उर्जा मंत्री आरके सिंह तथा प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा व डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा की मौजूदगी के बाद विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। एनटीपीसी प्लांट के बाहर सैकड़ों लोग इकट्ठा हो गए हैं।
एनटीपीसी प्लांट के बाहर सुबह से ही मजूदर और मजदूरों के परिवार के लोग हंगामा कर रहे हैं। उनका आरोप है कि अभी भी हादसे की जगह मलबे में दर्जनों मजदूर दबे हुए हैं। प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। मजदूरों का कहना है कि उनके कई साथी अभी भी लापता हैं। जिनकी सूचना एनटीपीसी प्रशासन उन्हें नहीं दे रहा है। मजदूरों ने एनटीपीसी प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि न तो उन्हें प्लांट के अंदर जाने दिया जा रहा है। यही नहीं उनका आइकार्ड भी जमा कराया जा रहा है।
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एनटीपीसी की छठी यूनिट में काम करने वाले अरुण कुमार पांडे गाँव कनेक्शन को बताते हैं, ''बुधवार दोपहर लगभग 3.30 बजे यह हादसा हुआ । उस समय हम लोग एक नंबर में काम कर रहे थे। हमें पता चला कि राख वाले पाइप में राख ज़्यादा हो गई थी, जिससे डक्ट फट गया। हमें ये भी पता चला कि यूनिट शिफ्ट हो गई थी लेकिन इसे ज़बरदस्ती चलाया जा रहा था।”
इस बवाल के बीच जिले के डीएम संजय कुमार खत्री और एसपी फिर से मौके पर पहुंचे । वह गेट पर प्रदर्शन कर रहे नाराज मजदूरों को समझाया। रायबरेली के ऊंचाहार में नेशनल थर्मल पावर कॉर्पोरेशन (एनटीपीसी) के प्लांट में कल बड़ा हादसा हुआ। यहां 500 मेगावाट की यूनिट नंबर 6 का बॉयलर स्टीम पाइप धमाके के साथ फट गया। बताया जाता है कि करीब 150 मजदूर यहां काम कर रहे थे। इस हादसे में 30 लोगों की मौत हो गई जबकि 200 के करीब लोग घायल हुए, जिन्हें कई जिलों के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
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तीन यूनिट बंद
ऊंचाहार में एनटीपीसी की तीन यूनिट बंद हो गई है। आज यूसीबी में झटके के साथ नंबर 3,4 व 5 बंद हो गईं। इनमें से अभी तक प्रत्येक से 210 मेगावाट उत्पादन हो रहा था।