पंचायत चुनाव के लिए यूपी में जारी हुई आरक्षण नीति, जिलों में दो-तीन मार्च से शुरुआत
उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव को लेकर प्रधान, ग्राम पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत सदस्य, जिला पंचायत सदस्य, जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख पदों के आरक्षण की 21 पेज की गाइड लाइन जारी कर दी गयी है।
लखनऊ/कन्नौज। उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए प्रधान, ग्राम पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत सदस्य, जिला पंचायत सदस्य, जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख पदों के आरक्षण की नीति जारी हो गई है।
इसके लिए पहले अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। उसके बाद डीएम अपने-अपने जिलों में दो-तीन मार्च को प्रस्तावित सूची प्रकाशित कराएंगे। आपत्तियों के निस्तारण के बाद 13 व 14 को अंतिम लिस्ट जारी कर दी जाएगी।
अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने गुरुवार को लखनऊ में पंचायत चुनाव के लिए आरक्षण की 21 पेज की गाइड लाइन जारी कर दी। शासनादेश में जिक्र है कि 11 से 15 फरवरी तक शासन जिला पंचायत, आरक्षण व आवंटन निर्गत करेगा। इसके बाद ब्लॉक प्रमुख का भी जिलेवार आरक्षण चार्ट जारी करेगा। निदेशालय ब्लॉकवार प्रधान पदों का आरक्षण तैयार कर जिलों को देगा।
जबकि 16 व 17 फरवरी को निदेशालय पर डीपीआरओ व अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत को ट्रेनिंग मिलेगी और 18 व 19 फरवरी को जिलों में ब्लॉकस्तरीय अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके बाद 20 फरवरी से एक मार्च तक जिलेस्तर पर आरक्षित प्रधान, ग्राम पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत सदस्य व जिला पंचायत सदस्य पदों का आरक्षण जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) तैयार करेंगे।
दो से तीन मार्च के बीच पदों की प्रस्तावित सूची डीएम प्रकाशित करेंगे। उस पर चार मार्च से आठ मार्च के बीच आपत्तियां व प्रस्ताव मांगे जाएंगे। डीपीआरओ अपने कार्यालय में नौ मार्च को जिले भर की आपत्तियों को एकत्र करेंगे। 10 से 12 मार्च तक डीएम की अध्यक्षता में गठित समिति परीक्षण व निस्तारण के बाद अंतिम सूची तैयार करेंगे और 13 व 14 मार्च तक उसका अंतिम प्रकाशन करेंगे। 15 मार्च को इसकी सूचना पंचायती राज निदेशालय को भेजी जाएगी।
उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव के लिए आरक्षण जारी pic.twitter.com/kosUf4Hln3
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यह होंगे कमेटी में अधिकारी
डीएम - अध्यक्ष
सीडीओ - सदस्य
एएमए - जिला पंचायत सदस्य
डीपीआरओ - सदस्य सचिव
प्रदेश के इन पदों का जारी होगा आरक्षण
♦ 75 जिला पंचायत अध्यक्ष
♦ 826 ब्लॉक प्रमुख
♦ 58,194 प्रधान
♦ 7,31,813 ग्राम पंचायत सदस्य
♦ 75,855 क्षेत्र पंचायत सदस्य
♦ 30,051 जिला पंचायत सदस्य
इस स्तर पर जारी होंगे पदों के आरक्षण
♦ जिला पंचायत अध्यक्ष पद का आरक्षण व आवंटन शासन जारी करेगा।
♦ ब्लॉक प्रमुख पद का आरक्षण जिले से ही जारी होगा।
♦ निदेशालय स्तर से प्रधान पदों का ब्लॉकवार आरक्षण घोषित होगा।
♦ डीएम जिला पंचायत सदस्य, ब्लॉक प्रमुख, बीडीसी, ग्राम पंचायत सदस्य व प्रधान का आरक्षण जारी करेंगे।
आरक्षण का यह रहेगा क्रम
♦ अनुसूचित जनजातियों की महिलाएं
♦ अनुसूचित जनजातियां
♦ अनुसूचित जातियों की महिलाएं
♦ अनुसूचित जातियां
♦ पिछड़े वर्ग की महिलाएं
♦ पिछड़ा वर्ग
♦ महिलाएं
प्रधानों के आरक्षण का ब्लॉकों में यह लगेगा फार्मूला
ब्लॉक में अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित किए जाने वाले प्रधान पद की संख्या बराबर कुल ग्राम पंचायतों की संख्या में ब्लॉक की अनुसूचित जनजाति की ग्रामीण जनसंख्या का गुणा होगा और कुल ब्लॉक की ग्रामीण जनसंख्या का भाग दिया जाएगा।
प्रदेश में इतने पद होंगे इस वर्ग के लिए आरक्षित
वर्तमान में प्रदेश में 58,194 ग्राम पंचायतें हैं। अनुसूचित जनजातियों की जनसंख्या 0.5677 फीसदी है। इस हिसाब से 330 प्रधान पद अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित होंगे। अनुसूचित जाति की जनसंख्या के हिसाब से 12,045 पद अनुसूचित जाति के लिए होंगे। पिछड़े वर्ग के लिए 27 फीसदी पद यानी 15,712 पद होंगे। अनुसूचित जनजातियों, अनुसूचित जातियों व पिछड़े वर्ग की महिलाओं के लिए आरक्षित पदों का सम्मिलित करते हुए प्रदेश में प्रधानों के पदों की कुल संख्या का एक तिहाई से अन्यून पद महिलाओं के लिए आरक्षित होंगे।
ब्लॉक प्रमुखों के इतने पद होंगे आरक्षित
ब्लॉक प्रमुखों के लिए उत्तर प्रदेश में अनुसूचित जनजाति के लिए पांच, अनुसूचित जाति के 171 और पिछड़ी जाति के लिए 223 पद आरक्षित किए जाएंगे।
25 महिला जिला पंचायत अध्यक्ष, 27 अनारक्षित
प्रदेश में 75 जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर चुनाव होंगे। इसमें 27 अनारक्षित होंगे। अनुसूचित जाति के लिए 16 पद हैं, इसमें छह महिलाएं चुनाव लड़ सकेंगी। पिछड़ी जाति के 20 पद होंगे, इनमें सात महिलाओं के लिए रहेंगे। केवल महिलाओं के लिए 12 पद रखे गए हैं। कुल 25 पद पर महिला अध्यक्ष चुनी जाएंगी।
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