पूर्व डीजीपी के घर के सामने डकैतों ने पौने घंटे तक मचाया उत्पात, परिवार को चादर से बाँधा  

Update: 2017-07-13 20:35 GMT
डकैती के बाद घटना पर पहुंची पुलिस 

लखनऊ। राजधानी में डकैतों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा और पुलिस सुरक्षा के बड़े-बड़े दावे करने से बाज नहीं आ रही। इन सब के बीच एक बार फिर पुलिस सुरक्षा को धत्ता बताते हुए बेखौफ डकैतों ने शहर में दो महीनों के भीतर गोमतीनगर जैसे पॉश कालोनी में चौथी डकैती की घटना को अंजाम देकर पुलिस के दावों की पोल खोल कर रख दी है।

डकैती का विरोध करने पर बदमाशों ने परिवार को बुरी तरह पीटा

पॉश एरिया गोमतीनगर के विवेकखंड का मामला

गोमतीनगर स्थित विवेकखंड कालोनी में पूर्व डीजीपी एमसी द्धिवेदी के घर के ठीक सामने बिजली विभाग से रिटायर्ड इंजीनियर के परिवार को बंधक बनाकर बदमाशों ने लाखों की डकैती डाल दी। घटना देर रात तीन बजे की है, जहां पांच से छह नकाबपोश बदमाश बगल के खाली प्लाट के सहारे घर की खिड़की काट कर घर में दाखिल हुए।

एसएसपी दीपक कुमार ने बताया कि, विवेकखंड 1/128 में बिजली विभाग से रिटायर्ड इंजीनियर गिरिश चंद्र पाण्डेय (73) अपनी पत्नी मंजू पाण्डेय के साथ रहते है। पिता के ही साथ उनके बड़े पुत्र सुशांत और प्रशांत भी घर में साथ ऊपर वाले कमरे में रहते हैं। पूरा परिवार बुधवार रात खाना खाकर सो रहा था कि, तभी घर के अंदर रात करीब 2:50 के आस-पास कुछ नकाबपोश बदमाश बाहर से खिड़की की ग्रिल काट कर घर में दाखिल हो जाते हैं। पीड़ित गिरिश पाण्डेय के मुताबिक, बदमाशों की संख्या करीब छह थी। कमरे में दाखिल होते ही बदमाशों ने उन्हें बिस्तर से उठाया और जमीन पर बैठने को कहा। जमीन पर बैठने के बाद बदमाशों ने बिस्तर पर पड़ी चादर को फाड़ कर पति-पत्नी के हाथ-पांव बांध दिए। पीड़ित की मानें तो बदमाशों ने घर में रखी ज्वैलरी और नकदी के बारे में पूछा। जिसकी जानकारी न देने पर एक बदमाश ने गिरिश पर चाकू से हमला बोल दिया। चाकू का बचाव करने के चक्कर में गिरिश के दोनों हाथ बुरी तरह खून से लथपथ हो गए।

पति की यह हालत देख बगल में ही बैठी उनकी पत्नी मंजू जोर-जोर से चीखने लगी। बदमाशों ने शोर मचाने पर बुजुर्ग महिला को बुरी तरह डंडों से पीटने लगे। अपनी जान बचाने के मकसद से गिरिश ने बदमाशों को बता दिया कि बगल वाले कमरे में एक अलमीरा है, जिसमें कुछ जेवरात और 22 हजार रुपए नकदी है। इतना सुन बदमाशों के दो सदस्य उस कमरे में दाखिल हो जाते हैं और अलमीरा का ताला तोड़ उसमें रखे नकदी और जेवरात एक बैग में भर लेते हैं। इस बीच तीन बदमाश ऊपर बने दूसरे कमरों में दाखिल हो जाते हैं, जहां गिरिश का छोटा बेटा प्रशांत और उसकी पत्नी अन्नया लेटी हुई थीं। बदमाशों ने प्रशांत के सिर पर असलहे से वार कर दिया, जिसके चलते वह बुरी तरह घायल हो गया। बदमाशों ने प्रशांत की पत्नी के शरीर पर पहने सारे गहने उतरवा लिए। इसके बाद दोनों पति-पत्नी को बदमाशों ने बाहर से कुंडा लगाकर बंद कर दिया। इसके बाद बदमाश कुछ दिन पहले दुबई से आई गिरीश की बेटी बरखा के कमरे में दाखिल हुए और उसके पास मौजूद लाखों की ज्वैलरी भी लूट ली।

हालांकि इन सब के बीच बदमाश बड़े बेटे सुशांत के कमरे में दाखिल नहीं हुए। पीड़ित के मुताबिक, लाखों की लूट की घटना को अंजाम देकर बदमाश नीचे आ जाते हैं और पूरे परिवार को गालियां देने लगते हैं। उन्होंने बताया कि, बदमाशों ने घर से भागने से पहले परिवार के पास मौजूद चार मोबाइल फोन भी अपने साथ ले गए। साथ ही मेन गेट पर लगे ताले की चाभी भी बदमाश अपने साथ ले गए, जिससे घर का कोई सदस्य बाहर आकर बदमाशों का पीछा न कर पाएं। पीड़ित के बेटे प्रशांत ने बताया कि, बदमाशों के घर से जाने के बाद उनका कमरा पिता ने किसी तरह ऊपर आकर खोला, लेकिन बदमाश बाहर निकलने वाला दरवाजा भी बाहर से बंद करके गए थे। जबकि छत का दरवाजा खुला रह गया था, जहां प्रशांत ने छत पर जाकर अपने पड़ोसी अजय को आवाज लगाई। आवाज सुनकर अजय प्रशांत की छत पर पहुंच गया, जहां प्रशांत ने डकैती की पूरी जानकारी उसे दी। पड़ोसी ने तत्काल अपने फोन से डॉयल 100 को घटना की सूचना दी। डकैती की सूचना वायरलस सेट पर प्रसारित होते ही पुलिस महकमे में हड़कम्प मच गया।

सूचना के करीब 20 मिनट बाद घटनास्थल पर पुलिस की पीसीआर वैन घर के बाहर पहुंच जाती है, लेकिन घर के अंदर लगे तालों के चलते पुलिस घर में दाखिल नहीं हो पाती है। मेनगेट के ताले को अंदर से तोड़ने के लिए प्रशांत अपने साथी के साथ किसी तरह वहां पहुंच कर तोड़ने का प्रयास कर रहा था कि तभी घर की गैलरी के पास बने कमरे में किरायेदार चंद्रकात मिश्रा की नींद शोर सुनकर खुल जाती है। वह तत्काल बाहर आएं तो मकान मालिक गिरिश ने उन्हें पूरा घटनाक्रम बताया। जिसके बाद घर गेट की दूसरी चाभी अक्सर चंद्रकांत के पास रहती है, जिसकी मदद से गेट का ताला खोला गया। इन सब के बीच तब तक मौके पर सीओ गोमतीनगर मौके पर पहुंच जाते हैं। हालांकि आधे घंटे के भीतर एसएसपी डॉग स्क्वायड और फिंगर प्रिंट टीम के साथ पहुंच जाते हैं। एसएसपी ने पूरे परिवार से पूरे घंटनाक्रम का विवरण जाना। परिवार ने पुलिस को बताया कि, करीब आठ लाख के आस-पास ज्वैलरी और दो लाख की नकदी लेकर बदमाश मौके से फरार हो गए। वहीं गिरिश और उनका बेटा प्रशांत खून से लथपथ थे, जिन्हें पुलिस की मदद से लोहिया अस्पताल ले जाकर प्राथमिक ऊपचार करवाया गया। उधर करीब 10 बजे एडीजी अभय प्रसाद और आईजी रेंज जय नारायण सिंह भी मौके पर पहुंच कर पीड़ित परिवार से घटना का विवरण जाना। एडीजी जोन लखनऊ ने अभय प्रसाद ने बताया कि, अपराधियों की धर-पकड़ के लिए क्राइम ब्रांच, सर्विलांस और एसटीएफ की टीमें लगा दी है, उम्मीद है कि, जल्द बदमाशों के गिरेहबान तक पुलिस के हाथ पहुंच जाएंगे।

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