यूपी में दशहरी आम हो सकता है खास 

Update: 2017-04-23 08:27 GMT
फाइल फोटो।

देवांशु मणि तिवारी/केके बाजपेई, स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

लखनऊ। भले ही इस वर्ष देश में आम की पैदावार अच्छी हुई हो, लेकिन उत्तर प्रदेश का प्रसिद्ध दशहरी आम इस बार बाज़ारों में कम दिख सकता है। पिछले महीने हुई छुटपुट वर्षा के कारण प्रदेश में आम में लगे बौरों को काफी नुकसान हुआ था। इसका सबसे अधिक असर मलिहाबाद व सहारनपुर जिलों में देखने को मिला है।

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जिले के माल ब्लॉक के अवधेश कुमार सिंह (60 वर्ष) अमलौली गाँव के पास 10 बीघे में आम की बाग है। अवधेश बताते हैं, ‘’मलिहाबाद क्षेत्र में फलपट्टी के सत्तर प्रतिशत भू-भाग में दशहरी आम की खेती होती है। यहां इतनी बड़ी संख्या में किसान आम की खेती करते हैं, लेकिन इसके बावजूद यहांपर सिंचाई के लिए कोई भी व्यवस्था नहीं है। इस समय आम के फलो के बढ़ने का समय है, बागों की सिंचाई होने से फल छोटा हो रहा है।’’

मलिहाबाद के रहमानखेड़ा में बना मैंगो पैक हाउस जिले में आम की खेती कर रहे किसानों को बढ़ावा देने के लिए खोला गया था। लेकिन इस केंद्र से भी किसानों को कोई मदद नहीं मिल पा रही है। मलिहाबाद के फलपट्टी क्षेत्र में इस बार दशहरी आम की फसल काफी कम हुई है, ऐसे में अबकी बार लोगों को मलिहाबादी दशहरी के स्वाद पाने के लिए की बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है।

क्षेत्र में जो भी किसान संस्थान में आते रहते हैं उन्हें प्रशिक्षण दिया जाता है। अभी किसानों के खेत पर जाकर उन्हें प्रशिक्षण देने की व्यवस्था नहीं बनाई गई है।
डॉ. अतुल कुमार सिंह, उद्यान विशेषज्ञ औद्यानिक प्रशिक्षण संस्थान मलिहाबाद

इस बारे में राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड (यूपी) के निदेशक एसके सिंह ने बताया, “इस वर्ष पूरे देश में आम की पैदावार अच्छी रही है, लेकिन प्रदेश में बीते कुछ दिनों में मौसम में जबरदस्त बदलाव और छुटपुट वर्षा से कई क्षेत्रों में आम की फसल को नुकसान पहुंचा है।’’मौसम विभाग की रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश में बढ़ते वायु प्रदूषण और दिन के तापमान में पिछले कुछ वर्षों के मुकाबले आई बढ़ोत्तरी के कारण मैंगों बेल्ट को खास नुकसान हुआ है।

बढ़ी गर्मी के कारण बढ़ा कीट का खतरा

तापमान में बढ़ी गर्मी के कारण आम की फसल में कीट का खतरा बढ़ गया, इससे अबकी बार प्रदेश में आम के बाज़ार पर असर पड़ सकता है। ‘’इस समय तापमान में गर्मी है और पूरे दिन गर्म हवाएं चलती हैं। इस मौसम में पेड़ों पर लगे आम के छोटे फलों को नुकसान हो सकता है।’’ एसके सिंह आगे बताते हैं। प्रदेश में आम की खेती का गढ़ माने जाने वाले मलिहाबाद क्षेत्र के किसानों को उद्यान विभाग की तरफ से आम की उन्नत खेती के बारे में आज तक कोई भी ज़मीनी प्रशिक्षण नहीं दिया गया है।

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