पूरे यूपी में पेट्रोल पंपों पर घटतौली की जांच करने से एसटीएफ ने खड़े किए हाथ!

Update: 2017-05-05 20:17 GMT
पेट्रोल पंप। प्रतीकात्मक फोटो

लखनऊ। यूपी एसटीएफ द्वारा विभिन्न पेट्रोल पंपों पर छापेमारी करके चिप व रिमोट लगाकर पेट्रोल और डीजल की चोरी करने का खुलासा किए जाने के बाद एसटीएफ ने अब इससे अपना हाथ खिंचना शुरू कर दिया है। आपको बता दें कि हाल ही में इस कार्रवाई को जनता ने भी अपना समर्थन देते हुए पूरे प्रदेश में पेट्रोल पंपों के खिलाफ जांच की मांग की थी। हालांकि अब एसटीफ ने पूरे प्रदेश में पेट्रोल पंपों पर छापेमारी करने से मना करते हुए अपने हाथ खड़े कर दिए हैं। एसटीएफ से अचानक इस तरह की प्रतिक्रिया आने से कई सवाल भी उठ रहे हैं।

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उत्तर प्रदेश पुलिस के अपर पुलिस महानिदेशक कानून एवं व्यवस्था आदित्य मिश्र ने बताया '' यूपी एसटीएफ के पास इतना संसाधन या मैनपावर नहीं है कि वह पूरे पद्रेश में पेट्रोलपंपों पर छापेमारी कर सके। अब संबंधित जिलों के प्रशासन, पुलिस और बांट माप विभाग की जिम्मेदारी है कि पेट्रोल पंपों की जांच करें।'' एसटीएफ के अधिकारियों के इस बयान से यह स्पष्ट होने लगा है कि पेट्रोल पंपों के जरिए सालों से की जा रही घटतौली को सामने लाकर एसटीएफ ने बहुत बड़े भ्रष्टाचार को सामने लाया था, लेकिन पेट्रोल पंप संचालकों के दबाव और जिला प्रशासन की सुस्ती के कारण एसटीएफ के मनोबल पर असर पड़ा है। अब हालात ये है कि एसटीएफ ने छापेमारी के अभियान से अलग होने का फैसला किया है।

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इस बारे में जब उत्तर प्रदेश पुलिस के अपर पुलिस महानिदेशक कानून एवं व्यवस्था आदित्य मिश्र से पूछा गया कि जांच में पता चला है कि कई पेट्रोल पंपों के संचालक कुछ बड़े नेताओं और पुलिस के बड़े अधिकारियों के रिश्तेदार है? इसके जवाब में आदित्य मिश्र ने कहा कि अभी इसकी इसकी जांच चल रही है।

उन्होंने आगे बताया कि डिवाइस लगाकर पेट्रोल पंपों की तरफ से तेल चोरी के अपराध पर रोक लगाने को लेकर यूपी पुलिस के डीजीपी सुलखान सिंह ने एसआईटी का गठन का आदेश दे दिया है। इस मामले में प्रदेश सरकार ने इस मामले में दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के आदेश के साथ ही जिला अधिकारियों के लिए भी एडवाइजरी जारी की है। हालांकि पेट्रोल पंपों पर गड़बड़ी की जांच जिस रफ्तार से होनी चाहिए नहीं हो रही है।

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