यूपी: 75 जिलों की 375 सड़कों की होगी जांच, गड़बड़ी मिली तो नपेंगे इंजीनियर

Update: 2017-03-30 20:12 GMT
डिप्टी सीएम ने दिया अल्टीमेटम सड़क निर्माण में गड़बड़ी मिली तो नपेंगे अधिकारी।

लखनऊ। पीडब्ल्यूडी के प्रदेश भर में अफसर अब तैयार हो जाएं। मंत्रालय स्तर पर हर जिले की पांच सड़कों की जांच की जाएगी। अगर कहीं भी गड़बड़ी मिली तब संबंधित अभियंता बख्शे नहीं जाएंगे।

प्रदेश के उप मुख्यमंत्री और पीडब्ल्यूडी मंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि सभी अधिकारी अपनी कार्यशैली एवं कार्य संस्कृति में बदलाव लायें। कर्तव्य के प्रति जिम्मेदारी निभायें। उन्होंने कहा कि कार्य संस्कृति को बेहतर बनाने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाये जायेंगे। मौर्य लोक निर्माण विभाग के सभागार में विभागीय कार्यों के प्रस्तुतीकरण के उपरान्त अधिकारियों को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने निर्देश दिए कि प्रत्येक जिले की पांच सड़कों को चिन्ह्ति कर उनकी गुणवत्ता का परीक्षण कराया जायेगा। उन्होंने इस कार्य में जन प्रतिनिधियों की भागीदारी सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए। जिसमें विधायक और पार्षद शामिल होंगे।

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ई टेंडरिंग से ही देंगे ठेके, ब्लैकलिस्ट होंगे बदनाम ठेकेदार

केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि, अब टेण्डर का कार्य ई-टेण्डरिंग के माध्यम से ही सुनिश्चित किया जायेगा। यदि किसी ठेकेदार की प्रोफाइल मानकों के अनुरूप नहीं है तो उसे ठेके नहीं दिये जायेंगे। उप मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि अधूरी पड़ी ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र की सड़कों को प्राथमिकता से पूर्ण किया जाये। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना एक महत्वपूर्ण योजना है, जिसमें रोजगार के व्यापक अवसर निहित हैं, इसलिए हमारी सरकार ने ग्रामीण सड़कों को विशेष महत्व देने की व्यवस्था की है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण सड़क, राज्य और राष्ट्रीय राजमार्गों तथा एनएचएआई की अन्य सड़कों को 15 जून तक हरहाल में गड्ढा मुक्त कर दिया जाये। उन्होंने कहा कि ग्रामीण विकास के लिए ऐसी योजनाओं को प्राथमिकता दी जाय, जिसका लाभ जनता को जल्द से जल्द मिल सके। उन्होंने निर्देश दिए कि किसी भी कार्य की समय सीमा 12 माह से अधिक नहीं होनी चाहिए, लेकिन इसमें कार्य की गुणवत्ता के साथ कोई समझौता भी नहीं होना चाहिए।

बैठक लेते डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य

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"अर्धकुम्भ मेले की हो जोरदार तैयारियां"

कुम्भ मेले में हुए निर्माण कार्यों पर चर्चा के दौरान मौर्य ने कहा कि गलत लोगों को कुम्भ मेले में हुई अनियमितता की जांच दी गई, जिससे गलत कार्यों पर पर्दा पड़ गया। मौर्य ने कहा कि 2018 में इलाहाबाद के अर्धकुम्भ को लेकर कार्य योजना इस प्रकार बनाई जानी चाहिए कि आने वाली पीढ़ियां भी याद रखें। यह दुनिया का सर्वश्रेष्ठ और सबसे बड़ा मेला है, इसकी गरिमा को ध्यान में रखकर कार्य तैयार की जाये। सभी कार्य निर्धारित अवधि में गुणवत्ता तथा समयबद्धता के साथ कार्य पूर्ण हों ऐसा न करने वाले अधिकारी व ठेकेदार को दण्डित किया जाय। उन्होंने कहा कि कार्य पूर्ण न हो पाने के कारण जो पैसा सरेण्डर हो रहा है उसके कारणों को स्पष्ट किया जाए तथा कार्य पूरा न करने वालों पर कार्यवाही भी की जाए। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि जिले की कार्य योजनायें जिला स्तरीय प्रतिनिधियों के माध्यम से बनाई जाएं तथा कम लागत में ‘लौग लाइफ तकनीक’ को प्रोत्साहित करें ताकि हर स्थिति में उ0प्र0 माॅडल राज्य बन सके।

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"निर्माणाधीन पुलों का काम तत्काल पूरा कराएं"

केशव प्रसाद मौर्य ने राजकीय निर्माण निगम के कार्यों की समीक्षा करते हुए निर्देश दिये कि सभी कार्य समयबद्धता गुणवत्ता एवं मितव्ययिता के साथ हों। उन्होंने निर्माण निगम के कार्य की सराहना करते हुए कहा कि इस प्रकार के कार्यों को और आगे ले जाने की जरूरत है। उ0प्र0 राज्य सेतु निगम के कार्यों की समीक्षा के दौरान उप मुख्यमंत्री ने कहा कि निर्माणाधीन सेतुओं का निर्माण शीघ्र एवं समय सीमा के अन्दर पूरा किया जाए, जहां रेलवे अथवा अन्य संस्था से विवाद की स्थिति है उनको संवाद स्थापित कर शीघ्र हल किया जाय रेलवे के उपरिगामी सेतुओं के निर्माण पर विशेष ध्यान दे।

मौर्य ने कहा कि प्रत्येक प्रोजेक्ट शुरू करने तथा कार्य समाप्त करने की तिथि अवश्य निर्धारित की जाए। उन्होंने कहा कि विकास कार्यों के लिए पैसे की कमी नहीं आने दी जायेगी। इस अवसर पर लोक निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव सदाकान्त, सचिव मृत्युन्जय नारायण सिंह, विशेष सचिव अरविन्द सिंह, प्रमुख अभियन्ता लोक निर्माण विभाग वी.के. सिंह, मुख्य अभियन्ता एस.के. श्रीवास्तव, सेतु निगम तथा निर्माण निगम के एमडी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।

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