तीन मौतें: अब तो स्टंट बाइकर्स का खतरनाक खेल रोकिए 

Update: 2017-06-27 18:20 GMT
लखनऊ में गोमती नगर के पास कुछ इसी तरह स्टंट करते हैं बाइकर्स।

लखनऊ। राजधानी में महंगी बाइकें और महिला मित्र के साथ फर्राटा भरने का शौक नवजवानों के लिए मौत का काल बनता जा रहा है। इन बाइकर्स की स्टंटबाजी की चपेट में अगर कोई सामने आ गया तो मानों उसकी सामत ही है। फिर भी इन पर लगाम लगा पाने में लखनऊ पुलिस नाकाम साबित होती दिख रही है।

शहर की सड़कों में अब यह चलन सा हो गया है। स्टंटबाजी का शौक मासूमों की जिंदगी निगल रहा है। या यूं कहें तो स्टंटबाजी मौत का दूसरा नाम होता जा रहा है। बावजूद इसके नवजवान मौत का खेल खेलने से बाज नहीं आते। ऐसा ही मौत का खेल ईद जैसे त्यौहार पर गोमतीनगर में बाइक सवार दो युवकों ने खेला। इन दोनों युवकों ने सोमवार को ईद त्यौहार पर अपनी महिला मित्र के साथ महंगी बाइक से बैठकर गोमतीनगर पहुंचे। युवकों ने जनेश्वर मिश्र पार्क के पास बने पुल पर तेज रफ्तार में फर्राटा भरने लगे। देखते-देखते दोनों युवकों का अपनी बाइक के ऊपर से नियंत्रण खत्म हो गया, जिसके चलते उनकी दोनों बाइकें आपस में भिड़ गई। इस दर्दनाक हादसे में पीछे बैठी दोनों युवतियों सहित एक युवक की मौत हो गई, जबकि एक युवक और युवती को घायल अवस्था में ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया है।

स्टंट बाइकर्स। फाइल फोटो

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गोमतीनगर के जनेश्वर मिश्र पार्क के पास सोमवार को अलीगंज के चंद्रलोक कालोनी निवासी तालिब (22) और अल्ताफ (24) ईद के जश्न में डूबे थे। दोपहर को तालिब और अल्ताफ अपने-अपने घरों से तेज रफ्तार बाइक लेकर दोस्तों के पास जाने की बात कहकर घर से निकल गए। जहां तालिब और अल्ताफ ने रास्ते से अलीगंज की रहने वाली मोनी यादव (18), मुस्कान (19) और चांदगंज निवासी सपना (17) को बाइक पर बैठा कर गोमतीनगर स्थित जनेश्वर मिश्र पार्क पहुंच गए। जहां से घर वापस लौटते समय एक दर्दनाक हादसे में तालिब, मोनी यादव और मुस्कान की मौत हो गई। जबकि अल्ताफ और सपना को गंभीर हालत में ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया है। जहां उनकी हालत नाजुक बनी हुई है।

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वहीं एसओ गोमतीनगर सुजीत दुबे ने बताया कि, यह घटना दोपहर के वक्त की है, जहां स्टंट करने के चक्कर में एक युवक और दो युवतियों की लोहिया अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई, जबकि दो अन्य की हालत गंभीर होने के चलते दोनों को ट्रांमा सेंटर रेफर कर दिया, जहां इनकी हालत नाजुक बनी हुई है।

राहगीरों ने 100 से ऊपर बताई बाइक की रफ्तार

राहगीरों की माने तो मो तालिब और अल्ताफ जनेश्वर मिश्र पार्क जाने वाले रास्ते पर कम से कम 100 से ऊपर की रफतार से बाइक चला रहे थे। इतना ही नहीं दोनों युवकों ने चलती बाइक पर हाथ छोड़ दिए। नतीजा यह हुआ कि दोनों की बाइक अनियंत्रित होकर आपस में भिड़ गई। घटना स्थल पर मौजूद राहगीरों का कहना है कि, जिस समय बाइकें आपस में टकराकर सड़क पर गिरी। दोनों बाइकों की रगड़ से करीब एक मिनट तक चिंगारी निकल रही थी। गनीमत रही कि चिंगारी निकलने से बाइकों में आग नहीं लगी। तकरीबन 50 मीटर तक बाइक सवार सड़क पर घिसटते रहे और अगल-बगल से गुजर रहे दूसरे बाइक सवार डरे-सहमे उस रास्ते से गुजर रहे थे।

इन सड़कों पर होता है स्टंट

राजधानी में शाम होते ही बाइकर्स गैंग का आतंक इतना अधिक बढ़ जाता है कि आम लोग इनकी चपेट में आने से बचने के लिए रात होने का इंतजार करते हैं या तो दूसरे रास्ते का इस्तेमाल कर अपने घरों के लिए निकल जाते हैं। समता मूलक चौक, मरीन ड्राइव, जनेश्वरमिश्र पार्क रोड, लोहिया पथ, शहीद पथ और सीएमएस चौराहा, अम्बेडकर चौराहा जैसे रास्ते स्टंटबाजों की पसंद बने हैं जो मौत को दावत देते हैं, जिसे रोक पाने में पुलिस असफल रहती है। हालांकि शाम होने पर कुछ रास्तों पर पुलिस वाहन चेकिंग अभियान चलाते हैं।

पुलिस नदारद

खुलेआम युवा महंगी बाइक पर फर्राटा भरते रहते हैं। लेकिन वहां खड़ी पुलिस टीम मूकदर्शक बनी उन्हें देखती रहती है। खास तौर पर देर को शहर की सड़कों पर स्टंट होता है और पुलिस कर्मी उन्हें रोकने के बजाए वहां से निकल जाते हैं। जबकि स्टंटबाजों के खिलाफ अभियान चलाने के लिए अफसरों की सख्त हिदायत है।

पार्क के दोनों तरफ लगेंगे सीसीटीवी कैमरे

गोमतीनगर के जनेश्वर मिश्र पार्क के पास लगातार स्टंट के चलते हादसों पर रोकथाम के लिए पुलिस ने यहां चारों चौराहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने की बात कही है। सीओ गोमतीनगर सत्यसेन यादव के मुताबिक, जनेश्वर मिश्र जाने वाले पुल के रास्ते पर सीसीटीवी कैमरा लगाए जायेगा, जिसकी मानिटरिंग कंट्रोल रूम से की जायेगी। उन्होंने इससे होने वाले लाभ के बारे में बताया कि, कैमरे लगने से स्टंट करने वाले युवकों को भी चिन्हित कर लिया जायेगा, जिससे इन पर कार्रवाई करने में आसानी होगी।

पुलिस को घटना के बारे में खुद नहीं पता

गोमतीनगर में हुई स्टंट के बाद मौत मामले में गोमतीनगर पुलिस को घटना के तीन घंटे बाद तक कुछ नहीं पता था कि इस तरह का कोई दर्दनाक हादसा भी उनके क्षेत्र में हुआ है, जबकि घायलों को अस्पताल तक डॉयल 100 के पीआरवी जवान ले गए थे, जो पुलिस का ही एक दूसरा अंग है। बावूजद इसके सीओ से लेकर एसओ तक को शाम तक घटना के बारे में कुछ नहीं पता था। हालांकि देर शाम स्टंट में इस्तेमाल बाइक को गोमतीनगर पुलिस अपने साथ थाने ले आई, जो थाने के मालखाने में खड़ी है।

विशेषज्ञ का क्या कहना है

सड़क सुरक्षा को लेकर सोती फाउंडेशन चलाने वाले आशुतोष सोती ने बताया कि, स्टंट करने वाले युवकों से अधिक उन मॉं-बाप की भी है, जो अपने बच्चों की हर उस मांग को पूरी करते हैं, जो पूरी तरह नाजयाज है। 18 वर्ष पूरा होने से पहले ही परिजन अपने बच्चों को महंगी बाइकें खरीद कर देते हैं, जो नाबालिग बच्चों की मौत की वजह बनती है। आशुतोष सोती आगे बताते हैं कि, बाइक पर पीछे बैठने वाला कोई भी शख्स हेलमेट नहीं लगाता, जिससे किसी भी सड़क हादसे में सबसे पहले पीछे बैठे शख्स की ही मौत होती है। सोती फाउंडेशन सड़क सुरक्षा को लेकर हर चार महीने पर एक अभियान चला लोगों को जागरूक करता है।

सड़क हादसों में होने वाली मौतों के आकड़े

तेज रफ्तार वाहनों की चपेट में आने से रोजाना किसी न किसी की मौत हो रही है, जिसको लेकर सरकारों ने अबतक कोई योजना नहीं बनाई है, जिससे इन मौतों को रोका जा सके। वहीं केंद्रीय भूतल एवं परिवहन विभाग ने 2015 में देश भर में होने वाले सड़क हादसों में मौतों का आकड़ा जारी किया था, जिसमें यूपी छठे स्थान पर है, जहां करीब 32,385 मौते हो चुकी है। जबकि 2016 का आकड़ा अबतक भूतल एवं परिवहन विभाग ने जारी नहीं किया है।

आजादी के बाद से लेकर अबतक इस ओर किसी भी सरकार का ध्यान नहीं गया, जिसका नतीजा लोगों को अपनी जान से हाथ धो कर उठाना पड़ता है। हालांकि कुछ माह पहले केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने एक प्रेस वार्ता कर बताया था कि, 2020 तक सड़क हादसों में होने वाली मौतों के आकड़ों में कमी आयेगी, क्योंकि इस ओर हमारा विभाग तेजी से काम कर रहा है।

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