यह बजट उत्तर प्रदेश के संपूर्ण विकास के लिए: योगी आदित्यनाथ

Update: 2018-02-16 15:20 GMT
विधानसभा में बजट पेश होने के बाद प्रेस वार्ता के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ।

लखनऊ। “यह बजट उत्तर प्रदेश का अब तक का सबसे बड़ा बजट है और यह पिछले बार के बजट की तुलना में 11.4 फीसदी ज्यादा है। वित्तीय अनुशासन को बनाए रखते हुए प्रदेश के किसानों, नौजवानों, महिलाओं और गांवों को ध्यान में रखकर समग्र रूप से बहुत अच्छा यह बजट है।“ यह बातें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को 2018-19 का बजट पेश करने के बाद संवाददाताओं से बातचीत में कहीं। उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल ने शुक्रवार को 4 लाख 28 हजार 384 करोड़ 52 लाख रुपए का बजट पेश किया।

मुख्यमंत्री योगी की बजट पेश होने के बाद खास बातें:

  • इस बार कृषि और उससे संबद्ध क्रियाकलापों के लिए 8403.40 करोड़ रुपये का प्रावधान है, जो पिछले बार की तुलना में 17.5 फीसदी ज्यादा है।
  • प्रदेश में सिंचाई की परियोजनाओं, बुंदेलखंड की 8 जरूरी सिंचाई परियोजनाओं, बाढ़ नियंत्रण और जल निकासी की अच्छी व्यवस्था के लिए 10938 करोड़ रुपये का बजट है, जो पिछली बार की तुलना में 54 फीसदी ज्यादा है।
  • हर घर में बिजली पहुंचाई जा सके, इसके लिए इस बजट में 29883 करोड़ का प्रावधान किया गया है। यह पिछले साल की तुलना में 54 फीसदी ज्यादा है।
  • ग्रामीण विकास के लिए 22110 करोड़ रुपये का प्रावधान है, जो पिछले बार की तुलना में 28.8 फीसदी ज्यादा है।
  • पंचायती राज के पास कई महत्वपूर्ण अभियान हैं। इसके लिए 17222.55 करोड़ रुपये का प्रावधान है, जो पिछले बार की तुलना में 16 फीसदी ज्यादा है।

  • मुसहर जाति के लोगों के लिए और ऐसे लोगों के लिए जिनके नाम पर आज तक जमीन का कोई पट्टा नहीं हुआ है, हमने मुख्यमंत्री आवास योजना के अंतर्गत 200 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। हमने 1556 ऐसे गांव चिन्हित किए हैं, जहां ये योजना पहुंचेगी।
  • महिला और बाल विकास के लिए 8814.53 करोड़ रुपये का प्रावधान है। यह पिछले बार के बजट की तुलना में 15 फीसदी ज्यादा है। हमने बजट में सीएचसी, पीएचसी और जिला अस्पतालों में बेहतर सुविधाओं के लिए 710 करोड़ की व विभिन्न मेडिकल कॉलेजों में दवा के लिए 743 करोड़ रुपये की व्यवस्था की है।
  • बेसिक, माध्यमिक, उच्च शिक्षा के साथ तकनीकी शिक्षा के लिए 68263.20 करोड़ रुपये का प्रावधान है। इस बार सबसे ज्यादा बजट शिक्षा का रखा गया है।
  • समाज कल्याण में अनुसूचित जीति व जनजाति के लिए स्पेशल कॉम्पोनेंट प्लान के तहत 24488 करोड़ रुपये का प्रावधान है। यह पिछले बार के बजट की तुलना में 1824 करोड़ रुपये ज्यादा है।
  • अनुसूचित जाति के लिए 409.44 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जो पिछली बार की तुलना में 74 करोड़ रुपये ज्यादा है।
  • प्रदेश में अच्छी सड़कें बनाने और बेहतर कनेक्टिविटी के लिए 17615 करोड़ रुपये का बजट है, जो पिछले साल की तुलना में 22 फीसदी ज्यादा है।

  • सरकारी कार्यालयों को ई-ऑफिस से जोड़ने के लिए हमने 22 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया है। इस योजना से 22 विभाग पहले ही जुड़ चुके हैं, बाकी विभाग भी जल्द ही जुड़ेंगे।
  • उत्तर प्रदेश में तीन नई मेट्रो योजनाओं को प्रारंभ करने कानपुर, आगरा, मेरठ का प्रावधान बजट में पेश किया।
  • प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों के लिए 1751.47 करोड़ रुपये, जिला चिकित्सालयों को मेडिकल कॉलेज के रूप में बदलने के लिए व 8 नए मेडिकल कॉलेज बनाने के लिए 500 करोड़ रुपये की व्यवस्था बजट में है।
  • चिकित्सा और स्वास्थ्य, परिवार कल्याण, चिकित्सा शिक्षा और आयुष के लिए 21197.58 करोड़ रुपये का प्रावधान है, जो पिछले बार की तुलना में 17.3 फीसदी ज्यादा है।
  • स्टार्टअप के लिए करीब 250 करोड़ रूपये, वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रॉडक्ट योजना के लिए 250 करोड़ रुपये, मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना के लिए 100 करोड़ रुपये और यूपी में शासन-प्रशासन की जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए 40 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित की गई है।
  • नगर विकास और नगरीय रोजगार के लिए 14654.22 करोड़ रुपये का प्रावधान है।

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