राष्ट्रपति चुनाव: जानिए यूपी में एनडीए को कैसे मिले विधायकों की संख्या से ज्यादा वोट 

Update: 2017-07-20 20:55 GMT
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ रामनाथ कोविंद (फोटो : गांव कनेक्शन)

लखनऊ। राष्ट्रपति पद पर रामनाथ कोविंद की जीत में उत्तर प्रदेश ने बड़ी भूमिका निभाई है। 73 संसदीय वोट और 335 विधानसभा के वोट राजग प्रत्याशी कोविंद को मिले हैं।

राजग के पक्ष में यूपी में 325 विधायक ही हैं। बीजेपी ने 312 सीटें 2017 के विधानसभा चुनाव में जीती थीं। जबकि, बाकी भासपा (भारतीय समाज पार्टी) और अपना दल जैसे सहयोगी दलों को 13 सीटें मिली हैं लेकिन एनडीए को राष्ट्रपति चुनाव में 335 सीटें यूपी से मिली हैं जिसका अर्थ है कि बाहर से भी 10 विधायकों ने वोट कोविंद के पक्ष में किया गया है।

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तीन निर्दलीय विधायकों को हटाया जाए तो तय है कि, सपा, कांग्रेस और बसपा में से सात विधायकों ने एनडीए के पक्ष में क्रॉस वोटिंग की है।

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राष्ट्रपति चुनाव के दिन सपा विधायक शिवपाल यादव ने स्पष्ट कर दिया था कि क्रॉस वोटिंग होगी जबकि सपा यूपीए के साथ है। राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से मिलने के लिए चुनाव से पहले मीरा कुमार खुद लखनऊ आई थीं। इसके बावजूद शिवपाल यादव ने कोविंद का समर्थन किया। इसका साफ अर्थ है कि शिवपाल गुट से जुड़े चंद विधायकों ने एनडीए के पक्ष में वोट दिया है।

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इसके अलावा बसपा और कांग्रेस में भी सेंधमारी हुई है। कुल 10 विधायकों के वोट एनडीए को यूपी में अतिरिक्त मिले हैं। इनमें से तीन निर्दलीय हैं। जबकि बाकी यूपीए को समर्थन देने वाले दलों से सात विधायकों के वोट रामनाथ कोविंद के खाते में गए हैं।

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