ट्रेन में एसिड हमले की शिकार पीड़िता बोली- ‘मेरा बयान दर्ज़ करा लिया जाए, वो मुझे मार सकते हैं’

Update: 2017-04-20 19:22 GMT
एसिड पीड़िता

लखनऊ। पिछले महीने होली मनाकर अपने घर रायबरेली से लखनऊ आ रही सविता (काल्पनिक नाम) को अपराधियों ने तेजाब पिला दिया था। जिसके बाद से पीड़िता केजीएमयू में भर्ती रही थी। पीड़िता की स्थिति जानने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अस्पताल पहुंचे थे और एक लाख रुपए की मदद भी की थी।

सविता का परिवार दहशत के कारण रायबरेली से आकर लखनऊ में रह रहा है। उन्हें पुलिस की सुरक्षा मिली है, लेकिन सविता को डर है कि उसकी हत्या भी हो सकती है। सविता अस्पताल से बाहर हैं। प्रस्तुत है उनसे बातचीत के अंश..

सवाल- उस दिन क्या हुआ था?

जवाब- मैं लखनऊ में रहती हूं और मेरा परिवार रायबरेली में। होली बच्चों के साथ मनाकर मैं लखनऊ लौट रही थी। ट्रेन में मैं खिड़की के पास बैठकर अख़बार पढ़ रही थी। अचानक मेरे पीछे खड़े एक आदमी ने मेरा बाल पकड़ के खींच दिया। बाल खींचने के कारण मेरा सिर ऊपर हो गया, तभी सामने चेहरे पर रुमाल बांधकर खड़े आदमी ने मेरे मुंह में तेज़ाब डालने लगा। मैंने विरोध किया, लेकिन मेरे मुंह और शरीर पर तेजाब गिर गया था। मैं उनसे खुद को छुड़ाकर दूसरे डिब्बे में भाग गई। दूसरे डिब्बे में लोग मुझे पानी पिलाने लगे तो ऐसे लग रहा था तेज़ाब ही पिला रहे हैं। मेरे गर्दन में जलन हो रही थी। कुछ देर में ट्रेन लखनऊ पहुंच गई और फिर मुझे पुलिस की मदद से अस्पताल पहुंचाया गया।

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सवाल- उन्हें पकड़ने की या किसी भी तरह से ट्रेन में आपकी किसी ने मदद नहीं की?

जवाब- लोग तब तक मदद करने के लिए नहीं आए जब तक वो लोग ट्रेन में रहे। उनके ट्रेन से जाने के बाद कुछ लोगों ने पानी पिलाया और एक लड़के ने मुझे पुलिस तक पहुंचाया था। जब वे लोग मुझे तेज़ाब पिला रहे थे और मैं उनसे लड़ रही थी तब ट्रेन में सैकड़ों लोग मौजूद थे, लेकिन कोई भी मदद के लिए नहीं आया। महिलाओं ने अपने पतियों और बच्चों का हाथ पकड़ लिया था। मेरा मुंह, कंधा और सीना जल गया था।

सवाल- घटना के बाद जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया, उनके परिजन आरोप लगा रहे हैं कि आप पैसे के लिए यह सब करती हैं?

जवाब- अजीब बात है न यह। कोई भी व्यक्ति पैसे के लिए खुद के पेट में सरिया घोप लेगा? प्राइवेट पार्ट पर हमला करेगा? दुनिया में ऐसा कभी हुआ है? मैंने भी अस्पताल से निकलने के बाद यह सब सुना-पढ़ा तो हैरान रह गई थी। मैं सरकार से कहती हूं कि मेरे पास कितने पैसे हैं, जांच करा लें और जो लेकर मेरे साथ गलत किया गया है उनके परिवार का कोई आदमी तेज़ाब पी ले और सारे पैसे ले जाए। पैसे के लिए मैं अपना और अपने परिवार की जिंदगी बर्बाद करूंगी? आज मेरे बच्चों की पढ़ाई रुक गई है। पति डर-डर के जीने को मजबूर हैं। जिन लोगों ने मेरे साथ अब तक गलत किया है, उनमें से कोई भी तेजाब पी ले और पैसे ले जाए।

मेरा बयान दर्ज़ करा लिया जाए, वो मुझे मार सकते हैं.

सवाल- जब आप लखनऊ से रायबरेली गई थीं तो सुरक्षा की मांग नहीं की थी?

जवाब- मैंने लखनऊ और रायबरेली दोनों जगहों पर अधिकारियों को फोन किया लेकिन कहीं से सुरक्षा नहीं मिली। उल्टा अधिकारियों ने यह भी बोला कि तुम मायावती या सोनिया गांधी थोड़े हो जो तुम्हें सुरक्षा दी जाएगी। मेरे पास तो रिकॉर्डिंग भी है जो उन्होंने सुरक्षा देने से मना किया है। पुलिस ने हमेशा मेरे साथ गलत किया है। कई बार तो पुलिस की देखरेख में मेरे से गलत हुआ है। मुझे अब पुलिस पर भरोसा नहीं होता है।

सवाल- अब आप क्या चाहती हैं?

जवाब- मैं चाहती हूं कि सभी मामलों में पुलिस मजिस्ट्रेट के सामने मेरे बयान दर्ज करा ले। मुझे डर है कि वो लोग मेरी हत्या करा देंगे। इसबार उन्होंने मुझे चुप कराने की तो बहुत कोशिश की थी, लेकिन भगवान की कृपा से बच गई हूं। मेरे बयान दर्ज कर लिए जाएं उसके बाद अगर वो लोग मुझे मार भी देंगे तो मुझे न्याय तो मिल जाएगा।

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