एक ऐसा गाँव जहां गाँववालों ने अपने पैसे से बनवाया शौचालय, लौटाई 17.5 लाख की सरकारी मदद

Update: 2017-06-12 13:23 GMT
उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के गाँव मुबारकपुर काला में चौपाल कर ग्रामीणों ने अपने पैसे से शौचालय बनवाने और सरकारी धन को वापस करने का किया निर्णय।

लखनऊ। स्वच्छ भारत मिशन के तहत देश में स्वच्छता को लेकर लोग काफी जागरूक हो रहे हैं। सभी अपना-अपना सहयोग कर देश को स्वच्छ और खुले मे शौच से मुक्ति दिलाने की कोशिश कर रहे हैं। कई लोग ऐसे भी हैं जो बिना किसी सरकारी मदद के अपना काम कर नई मिसालें कायम कर रहे हैं। ऐसे ही एक मिसाल उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के एक गाँव मुबारकपुर काला के लोगों ने कायम की है।

बिजनौर के एक मुस्लिम बहुल्य गाँव में लोगों ने अपने पैसे इकट्ठा कर सार्वजनिक शौचालय बनवाए हैं। वहीं इस काम के लिए गाँव वालों ने 17.5 लाख रुपये की सरकारी मदद लेने से भी इंकार कर दिया। सिर्फ इतना ही नहीं गाँव वालों की यह मेहनत रंग लाई, गाँव को अब खुले में शौच से मुक्त घोषित कर दिया गया है।

संजय सिंह चौहान राज्य सलाहकार स्वच्छ भारत मिशन उत्तर प्रदेश बताते हैं, "मुझे बहुत खुशी हुई ये जानकार की ग्रामीण शौचालय के लिए जागरूक हो रहे हैं। सरकार से बिना किसी मदद के शौचालय बनाने के लिए आगे बढ़ रहे हैं। बिजनौर जिले के एक गाँव मुबारकपुर काला में शौचालय के लिए सरकार की तरफ से भेजी गई चेक वापस आ गई है। इस गाँव के ग्रामीणों ने शौचालय बनवाने के लिए सरकारी मदद वापस कर दी अौर अपने पैसे से शौचालय का निर्माण करवाया है।"

3,500 लोगों की जनसंख्या वाले इस गाँव में सिर्फ 146 घरों में शौचालय थे। ज्यादातर लोग खुले में ही शौच के लिए जाते थे लेकिन अब इस गाँव की सूरत बदल चुकी है। गाँव की प्रधान किश्वर जहां के नेतृत्व में लोगों ने गाँव को खुले में शौच से मुक्ति दिलाने का बीड़ा उठाया। किश्वर जहां बताती हैं, "गाँव को खुले में शौच मुक्त बनाने के लिए प्रशासन को प्रपोजल भेजा था, प्रशासन द्वारा 17.5 लाख रुपये जॉइंट बैंक अकाउंट में डाले गए। ग्रामीणों ने शौचालय के लिए सरकारी धन को लेने से मना कर दिया।"

ग्रामीण फारुख आलम (41 वर्ष) का कहना है, ‘यह रमजान का महीना है और अच्छे कामों के लिए मदद नहीं ली जाती।" वहीं खबर के मुताबिक सीडीओ ने इस मौके पर खुशी जाहिर करते हुए कहा है कि यह राज्य का पहला गाँव होगा जिसने पैसे लेने से इंकार किया और खुद शौचालय बनवाने का काम किया। गाँव की प्रधान किश्वर ने बताया, "गाँव की महिलाओं समेत सभी लोगों ने अपने पैसे से शौचालय बनवाने का बीड़ा उठाया था। वहीं गाँव के लोगों ने न सिर्फ पैसे से बल्कि मजदूरी करके भी शौचालय बनवाने में मदद की।"

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