यूपी को दाल और तेल उपलब्ध कराए केंद्र: अखिलेश यादव

Update: 2016-03-16 05:30 GMT
Gaon Connection akhilesh yadav narendra modi

गाँव कनेक्शन नेटवर्क

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने प्रदेश के 50 सूखाग्रस्त ज़िलों के लोगों के लिए अरहर दाल और खाद्य तेल व अन्य खाद्यान्न सब्सिडी पर उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को चिट्ठी लिखी है। 

मुख्यमंत्री ने लिखा है कि सूखाग्रस्त ज़िलों के निवासियों को प्रोटीन भी मिल सके, इसके लिए राज्य सरकार ने यह तय किया है कि सूखाग्रस्त जिलों के सभी अन्त्योदय परिवारों एवं पात्र गृहस्थियों के लिए 2 किलोग्राम अरहर दाल तथा 1 किलोग्राम खाद्य तेल प्रति परिवार प्रतिमाह बांटा जाए।

मुख्यमंत्री ने बताया, ''खाद्य तेल की उपलब्धता नही होने पर विकल्प के तौर पर दो किग्रा सरसों या तिल हर एक परिवार को प्रतिमाह बांटने के लिए प्रधानमंत्री से अनुरोध किया है। इसके लिए लगभग 38 हजार मीट्रिक टन सरसों या तिल सब्सिडाइज्ड दर पर जल्द से जल्द आवन्टित किए जाने की मांग की है।'' उन्होंने बताया, ''इससे प्रदेश के 50 सूखाग्रस्त जिलों के लोगों को सूखे की स्थिति से निपटने में मदद मिलेगी।''

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को जानकारी दी है कि प्रदेश की आर्थिक स्थिति के हिसाब से इन सामग्री पर आने वाला व्यय भार राज्य सरकार के लिए वहन करना सम्भव नहीं है। इन सामग्री के वितरण, परिवहन एवं मार्जिन मनी पर आने वाला खर्च राज्य सरकार उठाने के लिए तैयार है। 

इस सम्बन्ध में प्रदेश के उपभोक्ता, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के सचिव द्वारा ज़िलेवार आकलन रिपोर्ट 3 फरवरी, 2016 को केंद्र सरकार के पास भेज दिया गया है

प्रदेश में इस वर्ष में सूखे के कारण ग्रामीण क्षेत्रों के किसानों को काफ़ी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। पिछले साल में कम वर्षा के बाद लगातार दूसरा वर्ष ऐसा है, जिसमें किसानों के सामने सूखे की विषम स्थिति है। इससे अति गरीब लोगों के सामने खाने-पीने की समस्या के साथ ही बच्चों के स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव पड़ने की आशंका है।

प्रदेश के 75 जिलों में से 50 जिलों जिसमें बुन्देलखण्ड के सभी ज़िले सामिल हैं, सूखाग्रस्त हैं। इनमें लगभग 28 लाख परिवार अन्त्योदय श्रेणी के हैं। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के प्रावधानों के अनुसार इन परिवारों को 35 किलोग्राम प्रति परिवार प्रतिमाह की दर से खाद्यान्न उपलब्ध कराने पर लगभग 32 हजार मीट्रिक टन गेहूं वा लगभग 68 हजार मीट्रिक टन चावल बांटा जाएगा। 

सूखाग्रस्त जिलों की कुल जनसंख्या में से अन्त्योदय श्रेणी की यूनिटों की संख्या घटाने के बाद लगभग 11 करोड़ जनसंख्या शेष रह जाती है। सूखे की स्थिति को देखते हुए राज्य सरकार का यह मत है कि सूखाग्रस्त जनपदों की सारी जनसंख्या को एपीएल एवं बीपीएल का भेद किए बगैर राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 का लाभ पहुंचाया जाए और तीन किलोग्राम गेहूं तथा दो किलोग्राम चावल प्रति व्यक्ति प्रतिमाह का वितरण छह माह तक कराया जाए, जिससे सूखाग्रस्त जिलों के निवासी इस परिस्थिति से उबर सकें।

ऐसा करने के लिए प्रदेश के सूखाग्रस्त जिलों के लिए प्रतिमाह लगभग 37 हजार मीट्रिक टन गेहूं, 29 हजार मीट्रिक टन चावल, 38 हजार मीट्रिक टन अरहर दाल तथा 1.89 करोड़ लीटर खाद्य तेल की प्रतिमाह आवश्यकता होगी।

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