खट्टे-खट्टे आंवलों का नाम सुनते ही जीभ पर लार आना स्वाभाविक है और लगभग सभी लोग इसके औषधीय गुणों से परिचित भी हैं। सदियों से पारंपरिक ज्ञान के तौर पर आंवलों से जुड़े कई नुस्खों को आमतौर पर अपनाया भी गया है। चटनी, जूस, मुरब्बा से लेकर अचार तक, सब कुछ इसी आंवले के फलों से तैयार किया जाता है और आयुर्वेद में च्यवनप्राश की बात हो या त्रिफला, इन सब में आंवला एक प्रमुख अंग होता है। करीब 100 ग्राम आंवले में करीब 700 मिली ग्राम विटामिन सी पाया जाता है जो कि इतने ही संतरों में पाए जाने वाली मात्रा से करीब 30 गुना ज्यादा होती है, यानि आंवला विटामिन सी का एक महत्वपूर्ण स्रोत है। इसके अलावा प्रचूर मात्रा में इसमें कैल्शियम, लौह तत्व, प्रोटी, टैनिन, फोस्फोरस और अल्प मात्रा में कार्बोहाइड्रेट भी पाए जाते हैं। आंवला का सेवन नित किए जाने की सलाह हमारे बुजुर्ग भी समय-समय पर देते रहते हैं।
आंवला रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। गुजरात के अनेक इलाकों में हल्दी वाला आंवला तैयार किया जाता है। आंवले को चीरा लगाकर हल्दी नमक के पानी में लगातार 15 दिनों तक डुबोया रखा जाता है, ऐसा करने से आंवले का खट्टापन दूर होता है और आंवला स्वादिष्ट लगता है। आंवले के टुकड़ों को शक्कर की चासनी में डालकर सुखाया जाए तो एक बेहतरीन मुखवास भी बनाया जाता है।
बालों की बेहतर सेहत के लिए आंवला बड़ा खास है। इसका अक्सर सेवन करने वाले लोगों के बाल मजबूत, मोटे और स्वस्थ रहते हैं। शरीर में विटामिन सी की कमी का सीधा असर बालों की सेहत पर देखा जा सकता है, इसकी कमी से बालों में रूखापन, कमजोरी और टूटने जैसी समस्याएं आमतौर पर देखी जा सकती है। आंवले का सेवन शरीर में विटामिन सी की कमी को दूर करता है जिससे बालों की हालत सामान्य और आहिस्ता से सेहतमंद भी हो जाती है। आंवले के फलों का एक कप रस प्रतिदिन पीने से बालों के असमय पकने की समस्या से राहत मिलने लगती है। आंवले के फलों में सुगन्धित वसीय तेल भी पाया जाता है जो बालों की वृद्दि करने में सहायक होता है।
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आंवले में खूब फाईबर पाए जाते है जो पेट की अच्छी सेहत की लिए अतिआवश्यक हैं। आंत नलिकाओं की सफाई के लिए आंवला एक महत्वपूर्ण उपाय है। आधुनिक विज्ञान की शोधों से प्राप्त जानकारी के अनुसार आंवले का स्वाद लेते ही स्वाद ग्रंथियां सक्रिय हो जाती हैं और पाचन क्रिया में सम्मिलित होने वाले कुछ एंजाइम्स का स्रावण करने लगती है। लार के साथ शरीर में प्रवेश करने वाले इन एंजाइम्स की मदद से भोज्य पदार्थों के विघटन यानि पाचन में मदद मिलती है।
आंवले में पाए जाने वाले विटामिन सी और कई तरह के एंटीऑक्सीडेंट रसायनों की वजह से यह त्वचा की सेहत बेहतरी के लिए काफी उत्तम होता है। विटामिन सी भोजन को पचाकर शरीर से टॉक्सिन्स को बाहर निकाल फेंकता है और ये वो टॉक्सिन्स होते हैं जिनकी उपस्थिती से त्वचा के कई विकारों जैसे त्वचा का रंग बदलना, काले धब्बे बनना आदि होता है। आंवले की मदद से इस तरह के टॉक्सिन्स बाहर निकाल दिए जाने से त्वचा की सेहत बेहतर होने लगती है। वनवासियों से प्राप्त जानकारी के अनुसार आंवले के कच्चे फलों का नित सेवन त्वचा को चमकदार बनाता है। वैसे आंवला बढ़ती उम्र के साथ होने वाली अनेक समस्या की गति धीमी करने में मददगार होता है।
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मोटापा से त्रस्त लोगों को आंवला के फलों को अपनी भोज्य शैली का हिस्सा बनाना चाहिए। आंवले का रस शरीर से वसा की मात्रा कम करने में मददगार तो है ही इसके अलावा शरीर की चयापचय क्रियाओं को तेज कर भोज्य पदार्थ को शरीर में ज्यादा वक्त नही रहने देने का जबरदस्त कार्य करता है। शरीर में वसा के जमावड़े से कई घातक टॉक्सिन्स का निर्माण होता है और ये टॉक्सिन्स अपनी उपस्थिती से पाचन क्रिया को अनियंत्रित कर प्रभावित करते रहते हैं जिससे मोटापे जैसी समस्याओं को न्यौता मिलता है। इस तरह के घातक टॉक्सिन्स से निपटने के लिए आंवले के फलों से बेहतर कुछ भी नहीं। सुबह खाली पेट आंवले के कच्चे फलों को चबाया जाए या इसका रस तैयार कर एक गिलास पिया जाए तो मोटापे से निपटने के लिए यह खास फार्मुला साबित हो सकता है।
नमक के साथ आंवले का चूर्ण मिलाकर दांतो पर लगाने से मुंह से आने वाली दुर्गंध के अलावा दंत रोगों में खासा फायदा होता है। ऐसे ही नायाब नुस्खों और जानकारियों को जानने और समझने के लिए हमारे शो 'हर्बल आचार्य' को देखते रहें। हमारे 'गाँव कनेक्शन' के यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब भी करें।आंवला करे आपकी सेहत की देखभाल