लखनऊ। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने प्रदेश में मचे सियासी घमासान के बीच BJP और BSP पर चुटकी लेते हुए जमकर तंज कसा। मुख्यमंत्री ने कहा कि एक की जुबान फिसली तो फिर दोनों तरफ से गालियों का दौर शुरू हो गया। BJP कार्यकर्ताओं को चाहिए वो मेरी बुआ से माफी मांगकर राखी बंधवा लें। रक्षाबंधन आने वाला है और ये उनकी परंपरा भी रही है।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव शनिवार को अपने आवास पर शिक्षक और विज्ञान सम्मान समारोह में शिक्षकों को सम्मानित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि दयाशंकर सिंह ने जो कहा वो निदंनीय है लेकिन बहुजन समाजवादी पार्टी में टिकट बेचे जाते हैं ये सब जानते हैं। मायावती पर दर्ज FIR पर सवाल पूछने पर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कानून अपना काम करेगा, वो सबके लिए बराबर है। बीजेपी से निष्कासित नेता दयाशंकर सिंह ने बसपा पर टिकट बेचने का आरोप लगाते हुए मायावती पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी।
राखी बंधवा लीजिए शायद माफी मिल जाए: अखिलेश यादव
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी महिला के प्रति ऐसी भाषा और ऐसा व्यवहार नहीं होना चाहिए लेकिन अदब के शहर में दूसरे पक्ष ने सारी सीमाएं लांघ दी। इस दौरान मुख्यमंत्री ने मायावती के जन्मदिन से लेकर कई मामलों पर चुटकी ली। उन्होंने कहा कि हमारी बुआ की सरकार होती तो पत्रकार उनसे कितनी बार मिल पाते। मैं अधिकारियों से भी कहता हूं बुआ अगर आ गईं तो जूते बाहर उतार कर आना पड़ेगा।
मुख्यमंत्री ने मुस्कुराते हुए बीजेपी से कहा, ''मैं तो बुआ कहता हूं आप भी बुआ-बहन मान लो। रक्षाबंधन आने वाला है राखी बंधवा लो। हमारे यहां परंपरा रही है, राखी बंधवाने पर शायद माफी मिल जाए। फिर बीजेपी तो पहले ही रक्षाबंधन मनाती रही है।''
जनता तय करे पूर्वांचल में एम्स का श्रेय किसको: मुख्यमंत्री
शुक्रवार को गोरखपुर में एम्स की स्थापना में प्रदेश सरकार को श्रेय न देने का मुद्दा जोर पकड़ सकता है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शनिवार को कहा कि करोड़ों रुपये की जमीन प्रदेश सरकार ने दी हो तो अब जनता को तय करना है कि इसमें किसका योगदान है। मुख्यमंत्री ने कहा पहले रायबरेली में भी एम्स की स्थापना के लिए प्रदेश की सबसे कीमती जमीन एम्स के लिए दी थी। इसी तरह गोखरखुर में प्रदेश सरकार ने जमीन खोज़ कर दी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे लोगों ने बताया कि एम्स शिलान्यास के दौरान लगाई गई पट्टी में हमारा नाम तक नहीं है लेकिन हमें श्रेय नहीं चाहिए हमें प्रदेश की जनता की अच्छी सेहत चाहिए। हम जमीन को लेकर महाभारत नहीं चाहिए। हमें जनता का भला चाहिए। इससे पहले मुख्यमंत्री शुक्रवार को ही फेसबुक पर इस बारे में अपनी दावेदारी जता दी थी। इस दौरान मुख्यमंत्री ने गन्ना किसानों के बकाए को लेकर भी प्रधानमंत्री के दावों पर सवाल खड़े किए और कहा कि हम अधिकारियों से खोज करवा रहे हैं, ये 175 करोड़ का मामला कहां से आया क्योंकि हमारे मुताबिक 300 करोड़ का मामला है।