यहां किन्नरों ने भी मनाया करवा चौथ

Update: 2018-10-27 09:45 GMT
निर्जला संकल्प, साज श्रृंगार, पूजन सामग्री, चंद्रदर्शन सारे नियमों का पालन करते हैं किन्नर

लखनऊ। किन्नरों ने भी इस बार करवा चौथ का व्रत किया लेकिन अपने पतियों के लिए नहीं बल्कि गुरु के लिए। पूजा की सारी रस्में निभाई गईं। निर्जला संकल्प, साज श्रृंगार, पूजन सामग्री, चंद्रदर्शन और गहनों का प्रेम इनके व्रत में भी ये सबकुछ दिखा। चाहे हिंदू हों या मुस्लिम व्रत सबने किया।

किन्नर रौनक सिंह (30 वर्ष) शनिदेव मंदिर के पास रहती हैं। उनका कहना है कि मैं पिछले सात साल से करवाचौथ व्रत अपनी गुरु पायल के लिए रख रही हूं। हम सबने एकसाथ मिलकर पूजा की। हजरतगंज में मेंहदी लगवाई।

किन्नरों का सब कुछ गुरु के लिए ही होता है। चौक में रहने वाली किन्नर फरहान (32 वर्ष) पिछले आठ साल से अपने गुरु के लिए करवा चौथ का व्रत रख रही हैं। उन्होंने बताया कि हम सब लोगों ने खूब खरीदारी की है, ये व्रत की पूजा हम सब मिलकर करते हैं। सजने संवरने के लिए हमने बाजार से आर्टिफिशियल ज्वैलरी किराए पर ली।

करवाचौथ का दिन हम सब के लिए बहुत खास होता है न इसमें कोई हिन्दू होता है न मुसलमान होता है। किन्नर का कोई धर्म नहीं होता। पायल बताती हैं कि मेरे लिए इन सब लोगों ने करवाचौथ का व्रत रखा। पर मेरा कोई गुरु नहीं है। मैं किसके लिए व्रत रखूं। हमने त्योहार धूमधाम से मनाया। मेरे ऊपर 25 किन्नरों की जिम्मेदारी है।

सिंदूर और मंगलसूत्र साल भर पहनते हैं किन्नर

किन्नर अपने गुरु और प्रेमी के नाम का सिंदूर और मंगलसूत्र भी पहनते हैं। इसलिए करवा चौथ मनाना भी आवश्यक मानते हैं। करवा चौथ से एक रात पहले सगरी कर के सोते हैं और चौथ के पूरे दिन व्रत रखते हैं। पानी शाम को गुरु का चेहरा और चंद्रदर्शन करने के बाद ही पीते हैं। सभी एक घेरे में सामान्य महिलाओं की तरह पूजा करते हैं।

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