लापरवाह डॉक्टरों का कारनामा, जिन्दा को बना दिया मुर्दा

Update: 2016-11-12 20:03 GMT
केजीएमयू, लखनऊ

लखनऊ। लड़की की जगह लड़का, गोरे की जगह काला जैसे बच्चों की अदला-बदली का आरोप तो अस्पतालों पर लगता रहा है लेकिन जिन्दा बच्चे के मां बाप को मरा हुआ बच्चा थमा देना भी चौकाने वाला है। ऐसा ही एक मामला केजीएमयू के ट्रामा सेंटर के एनआईसीयू वार्ड में आया।

यहां की लापरवाही के चलते बीमार बच्चे के ठीक होने की आस लगाए मां को उसके बच्चे के जगह दूसरे का मरा हुआ बच्चा दे दिया गया। मृत बच्चे के मां-बाप को यहां के डॉक्टर और नर्स दौड़ाते रहे, उधर जिन्दा बच्चा अस्पताल में लावारिस पड़ा रोता रहा।

फैजाबाद जिले के अमोड़ा गाँव के निवासी रामपूजन के एक महीने के बच्चे कार्तिक के फेफड़ों में पानी भर गया था। उन्होंने उसे फैजाबाद में एक निजी अस्पताल में दिखाया। लेकिन वहां बच्चे की स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ। बच्चे की हालत नाजुक देख अस्पताल वालों ने उन्हें लखनऊ मेडिकल कॉलेज के ट्रामा सेंटर में रेफर कर दिया। बीते तीन दिन पहले रामपूजन अपने बच्चे को लेकर ट्रामा सेंटर आए। बच्चे को ट्रामा सेंटर के एनआईसीयू में भर्ती किया गया था। डॉक्टर शालिनी बच्चे का इलाज कर रही थी। शुक्रवार की सुबह करीब पांच बजे बच्चे के परिजनों को बताया गया कि उनका बच्चा सीरियस है। साढ़े छह बजे बच्चे डॉक्टर ने बताया कि आपका बच्चा मर गया है।

जब हम बच्चे को देखने के लिए वार्ड में गए तो उन्हें वहां बच्चा नहीं मिला। डॉक्टर से जब पूछा तो कहा पहले कागज बनवा के लाओ। जब कागज बन गया तो फिर भी डॉक्टर दो बजे तक दौड़ाते रहे। कभी यह कागज दिखाओ, कभी वह कागज की मांग करते रहे। जब हम जिद पर अड़ गए कि बच्चा पहले दिखाईए तो डाक्टर टाल-मटोल करना शुरू कर दिया। इसके बाद छानबीन करने पर पता चला बच्चा किसी और को दे दिया गया है। वह लोग बच्चे को दफनाने ले जा रहे थे। तभी डाक्टरों ने पहुंचकर मेरा बच्चा मुझे दिलवा दिया।
रामपूजन, बच्चे के पिता

जब मां बाप ने हंगामा किया तो प्रशासन की नींद टूटी और करीब तीन घण्टे की मशक्कत के बाद बच्चे के असली मां बाप को उसका बच्चा सौंप दिया गया। उधर वहीं जो मां बाप बच्चे को लेकर गए थे। उनका बच्चा सुबह छह बच्चे से लावारिसों की तरह अपने मां बाप के लिए तड़पता और रोता रहा।

लखनऊ की रहने वाली बेबी आलिया को उनके जिन्दा बच्चे की जगह मुर्दा बच्चा दे दिया गया। वह रोते हुए बच्चे को घर ले गए और उसको दफनाने की तैयारी करने लगे तभी अस्पताल प्रशासन ने उन्हें खबर दी उनका बच्चा जिन्दा है।

दोनों का बच्चा सीरियस था। बच्चे के मरने के बाद उनके अटेंडेड को बताया गया। उन्होंने आने में टाइम लगा दिया। उधर आलिया का बच्चा भी सिरियस था उन्हें जब बताया गया कि उनका बच्चा सीरियस है तो वह वार्ड में रोते हुए पहुंच गए। उनको रोता देख वार्ड के डाक्टरों को लगा कि मरा हुआ बच्चा इनका है और बच्चे के मृत शरीर उनको सौंप दिया। जब पता चला तो अस्पताल प्रशासन खोजबीन कर असली मां-बाप तक बच्चें के मृत शरीर को सौंप दिया।
डॉक्टर हैदर, ट्रामा सेन्टर के इन्जार्ज

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