वो क्या चीज़ है जो नागरिक को सैनिक में बदल देती है?

Update: 2017-02-28 20:48 GMT
Source: Intrenet

वीरेंद्र सहवाग ट्वीटर के बादशाह कहलाते हैं। उनके ट्वीट्स और बेबाक टिप्पणियां उनके फैंस के बीच काफी मशहूर हैं और मौजूदा वक्त में उनके फॉलोवर की तादाद 80 लाख के आसपास है। रविवार को वीरेंद्र सहवाग ने अपने ट्वीटर हैंडल पर एक तस्वीर शेयर की जो दरअसल दिल्ली यूनिवर्सिटी की छात्रा गुरमेहर कौर की एक तस्वीर पर कटाक्ष के तौर पर थी।

गुरमेहर कौर दिल्ली यूनिवर्सिटी की छात्रा हैं लेकिन उनकी एक पहचान ये भी है कि उनके पिता कैप्टन मंदीप सिंह भारतीय सेना में थे और 6 अगस्त 1999 में जम्मू कश्मीर में करगिल युद्ध के दौरान वो तब शहीद हो गए जब उनके भारतीय राष्ट्रीय राइफल्स के कैंप पर आंतकी हमला हुआ। गुरमेहर कौर ने ट्वीटर पर एक तस्वीर लगाई थी जिसमें उन्होंने दोनों देशों के बीच शांति बहाल करने की कोशिशों पर ज़ोर देते हुए लिखा था - मेरे पिता को पाकिस्तान ने नहीं, जंग ने मारा। हालांकि ये वीडियो उन्होंने पिछले साल जारी किया था जिसमें और भी तमाम बातें थी, लेकिन गुरमेहर कौर ने जब बीते दिनों अपने सोशल मीडिया अकांउंट पर बीजेपी के स्टूटेंड विंग एबीवीपी को निशाना बनाने वाली तस्वीर लगाई तबसे वो ट्रोल ब्रिगेड के निशाने पर थी। पिछले साल उनकी बनाई वीडियो में से सिर्फ एक तस्वीर निकाल कर उसे उनके खिलाफ इस्तेमाल किया गया। वीडियो आप नीचे देख सकते हैं

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वीरेंद्र सहवाग इस मामले में कहां से आए?

ज़ाहिर है मामला कुछ और था, लेकिन हमारे देश की खासियत ये है देश का नाम आते ही हम लोग सच, झूठ, गलत, सही सब भूल जाते हैं। तर्क पर भावनाओं को सवार तक दिया जाता है और नागरिक भीड़ में बदल जाता है। वीरेंद्र सहवाग भी इस भीड़ की ‘सामूहिक चेतना’ के साथ खड़े हो गए, ये भुला कर कि वो लड़की जिसने जंग में अपनी पिता को खो दिया हो, वो जंग की मुख़ालिफत नहीं करेगी तो और क्या करेगी? जब वीरेंद्र सहवाग इस मामले में सामने आए तो रणदीप हुड्डा और हरियाणा की फोगाट बहनें भी ट्वीटर पर गुरमेहर की बात की मुखालिफत करती नज़र आईं।

हमारे देश में देशभक्ति नापने का एक मीटर है। इस मीटर में ये देखा जाता है आप दूसरे मुल्क से कितनी नफ़रत कर सकते हैं, कितनी गाली दे सकते हैं। जितनी गाली देंगे आप उतने ही बड़े देशभक्त माने जाएंगे। यही वजह थी कि गुरमेहर का ‘पाकिस्तान ने मेरे पिता को नहीं मारा’ कहना सबको बेहद नगवार गुज़रा।

लेकिन ये सोशल मी़डिया है, यहां आप चर्चा में आते हैं तो आपके इतिहास से लेकर भूगाल तक सब निकाल लिया जाता है। अब सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रही है जिसमें खुद वीरेंद्र सहवाग कह रहे हैं कि उन्हें पाक्सितान में बेहद मुहब्बत मिली, जब उन्होंने अपनी शादी के लिए शॉपिंग की तो वहां के दुकानदारों ने उनसे पैसे नहीं लिये।

इस वीडियो को किसी खास संदर्भ में देखने से पहले ये बताना ज़रूरी है कि ऐसा बिल्कुल ज़रूरी नहीं है कि जब दो देशों की सेना एक दूसरे के सामने आक्रमक होकर खड़ी हो तो लकीर के दोनों तरफ की जनता भी वैसे ही बर्ताव करे। वीरेंद्र सहवाग की नीचे दी गई वीडियो में हमें कुछ खास नहीं लगा, इसमें कोई बड़ी बात नहीं है कि आप पाकिस्तान जाएं और वहां के लोग आप से अच्छी तरह पेश आएं, ऐसा हमारे यहां भी होता है। पाकिस्तान से आए लोगों की यहां भी मेहमान नवाज़ी की जाती है।

तो ऐसे में सवाल ये है कि पाकिस्तान का नाम आते ही हम नागरिक, सेना में क्यों बदल जाते हैं, वीरेंद्र सहवाग जैसे भारतीय क्रिकेट के प्रतीक को कम से कम ये बात समझनी चाहिए थी कि गुरमेहर का बयान देश के खिलाफ या समर्थन में नहीं, सिर्फ युद्ध के खिलाफ था, वो युद्ध जिसमें कई गुरमेहर अपने पिता खो देती हैं।

वायरल हो रहा वीरेंद्र सहवाग का वीडियो

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- ये लेखक के अपने विचार हैं।

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