लखनऊ। बीते दिनों तीन तलाक पर चल रही गहमगहमी के बीच रविवार को केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि पर्सनल लॉ संविधान के हिसाब से ही होना चाहिए। उन्होंने कहा कि मैं उन लोगों में शामिल हूं जो यह मानते हैं कि पर्सनल लॉ का नियमन संविधान के जरिये होना चाहिए। वहीं, उन्होंने आगे कहा कि यूनिफार्म सिविल कोड से अलग मुद्दा है।
कांग्रेस के रुख की आलोचना
बता दें कि इससे पहले उन्होंने कहा था कि तीन तलाक पर सरकार का हलफनामा धर्मनिरपेक्ष दृष्टिकोण को दिखलाता है। इस मामले में कांग्रेस के रुख की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा था कि वह इससे हैरान हैं क्योंकि उसी पार्टी के जवाहर लाल नेहरु और सरदार पटेल जैसे नेताओं ने समान नागरिक संहिता की परिकल्पना की थी।