1 जनवरी से बनेंगे एसी केबिन वाले ट्रक, ड्राइवरों को नहीं बहाना पड़ेगा पसीना

Update: 2017-11-28 08:30 GMT
अब ट्रक ड्राइवरों को गर्मी में पसीना बहाते हुए ट्रक चलाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

लखनऊ। अब ट्रक ड्राइवरों को गर्मी में पसीना बहाते हुए ट्रक चलाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। एक जनवरी 2018 से नए ट्रकों में ड्राइवर के लिए एसी केबिन जरूरी कर दिया गया है। मिनिस्‍ट्री ऑफ रोड एंड ट्रांसपोर्ट ने इस आशय का नोटिफिकेशन जारी किया है। इस नोटिफिकेशन के जरिए ट्रक मैन्‍युफैक्‍चरर्स के लिए मेंडेटरी किया गया है कि वे एक जनवरी के बाद से बनने वाले ट्रकों में एसी केबिन को फिट करें या जिन में एसी केबिन फिट नहीं हो सकते, उनमें केबिन वेंटिलेशन सिस्‍टम लगाएं।

नोटिफिकेशन जारी कर लोगों से मांगे गए थे सुझाव

इस प्रोविजन को मेंडेटरी करने के लिए मोटर व्‍हीकल एक्‍ट 1988 में अमेंडमेंट किया गया है। इस बाबत अगस्‍त 2017 में एक ड्राफ्ट नोटिफिकेशन जारी कर संबंधित लोगों से सुझाव व आपत्तियां मांगी गई थी। 20 नवंबर 2017 को फाइनल नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है।

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एसी केबिन होने पर ही होगा रजिस्ट्रेशन

नोटिफिकेशन में स्‍पष्‍ट किया गया है, जो मैन्‍युफैक्‍चरर्स केवल चैसिस बनाते हैं और ट्रक की बॉडी बाहर बॉडी बिल्‍डर्स से बनाई जाती है तो बॉडी बिल्‍डर्स को भी स्‍पेसिफिकेशन के मुताबिक एसी या वेंटिलेशन वाला केबिन बनाना होगा। ट्रक का रजिस्‍ट्रेशन तब ही होगा, जब ट्रक में एसी केबिन बना होगा।

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क्‍या है मकसद

मोदी सरकार लॉजिस्टिक सप्‍लाई में बदलाव करना चाहती है। इस दौरान सरकार के सामने समस्‍या आई कि तपती गर्मी, बारिश और धूल में ट्रक ड्राइवरों को बड़ी परेशानी होती है, जिससे गुड्स सप्‍लाई में डिले होता है। इसके चलते ही सरकार ने ड्राइवर की परेशानी दूर करने के लिए ऐसे केबिन बनाने का निर्णय लिया, ताकि ड्राइवर सामान पहुंचाने में कोताही न बरतें।

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