कोरोना वायरस के बीच बिहार में एक और संकट, चमकी बुखार से तीन साल के मासूम की मौत

Update: 2020-03-30 06:45 GMT
वर्ष 2019 में बिहार के मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार से सैकड़ों बच्चों की मौत हो गई थी। (फोटो- चंद्रकांत मिश्रा, गांव कनेक्शन)

मुजफ्फरपुर (बिहार)। इधर पूरे देश में कोरोना के खिलाफ जंग छिड़ी हुई है, उधर बिहार के मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार ने दस्तक दे दी है। रविवार 29 मार्च को चमकी बुखार से पीड़ित एक तीन वर्षीय मासूम की मौत हो गई जबकि एक बच्चे का इलाज चल रहा है।

बिहार के मुजफ्फरपुर में गर्मी के साथ ही एईएस (एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम) का असर शुरू हो गया है। स्थानीय भाषा में इसे चमकी बुखार कहते हैं। पिछले साल इस बुखार से बिहार में 150 से ज्यादा बच्चों की मौत हुई थी जबकि अकेले मुजफ्फरपुर में 111 बच्चों की जान गई थी।

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मुजफ्फरपुर के श्री कृष्णा मेडिकल कॉलेज अस्पताल (एसकेएमसीएच) के पीआइसीयू वार्ड संख्या दो में भर्ती तीन वर्षीय आदित्य कुमार को शुक्रवार को वेंटिलेटर पर रखा गया था, लेकिन रविवार को बच्चे को मृत घोषित कर दिया है। इस बीमारी से इस सीजन में यह पहली मौत है। वहीं पूर्वी चंपारण जिले के पांच वर्षीय सपना कुमारी की स्थिति में लगातार सुधार हो रहा है।

अस्पताल अधीक्षक डॉ सुनील कुमार शाही ने बताया, "दो बच्चों को भर्ती किया गया था। इसमें से एक बच्चे की मौत हो गई, जबकि दूसरे की स्थिति में सुधार हो रहा है। एईएस को लेकर सभी को अलर्ट कर दिया गया है। अस्पताल में बच्चों की इलाज की बेहतर व्यवस्था की गई है।"

एसकेएमसीएच में वर्ष 2019 में एईएस से 431 बच्चे बीमार होकर भर्ती हुए थे, जिसमें से 111 बच्चों की मौत हो गई थी जबकि 320 बच्चे स्वस्थ्य हुए थे।

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