दिल्ली में आंदोलन कर रहे तमिलनाडु के किसानों के लिए गुरुद्वारा की नेक पहल

Update: 2017-08-01 19:49 GMT
बंगला साहिब गुरुद्वारा में लंगर करते श्रद्धालु ( फोटो साभार : इंटरनेट)

लखनऊ। सुप्रीम कोर्ट ने भले ही मद्रास हाई कोर्ट के उस आदेश पर रोक लगी दी है जिसमें हाई कोर्ट ने तमिलनाडु में किसानों के कर्ज माफ करने का आदेश दिया था लेकिन किसानों का आंदोलन अभी समाप्त नहीं हुआ है। अप्रैल में 39 दिन तक झकझोर देने वाले आंदोलन के बाद इन दिनों किसान दोबारा जंतर-मंतर में अपनी मांगों की सुनवाई के लिए पहुंचे हुए हैं।

इस बार भले ही मीडिया के कैमरे उन तक नहीं पहुंच रहे हों लेकिन दिल्ली स्थित बंगला साहिब गुरुद्वारा ने इन किसानों की मदद के लिए सराहनीय कदम उठाया है। ये गुरुद्वारा किसी भी जरूरतमंद को शरण देने के लिए जाना जाता है, उसने इस बार इन किसानों के लिए अपने दरवाजे खोल दिए हैं। दिल्ली सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमिटी (डीएसजीएमसी) ने इन किसानों के लिए लंगर का इंतजाम किया है, जो यहां कर्ज माफी और सूखा राहत राशि के लिए आंदोलनरत हैं।

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डीएसजीएमसी के अध्यक्ष मंजीत सिंह ने न्यूज चैनल एनडीटीवी से कहा, ये आंदोलनकारी जंतर-मंतर तक दूर स्थानों से आए हैं। न तो ये यहां की भाषा जानते हैं और नहीं उन्हें खाने-पीने की जगह का आइडिया है इसलिए हम उन्हें दिन में दो बार लंगर परोस रहे हैं।

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हम उन्हें आवास प्रदान करने के लिए भी प्रयास कर रहे हैं हालांकि किसानों ने अभी तक स्वयं उस सेवा के लिए नहीं कहा है। बंगला साहिब गुरुद्वारा रोज करीब 10,000 आगंतुकों को लंगर में तीन रोटी, दाल, सब्जी और खीर परोसते हैं।

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तमिलनाडु किसानों के आंदोलन को अब तक 100 से ज्यादा दिन हो चुके हैं। इन किसानों ने सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए आत्महत्या तक की कोशिश की। वे यहां पर 40,000 रुपए सूखा राहत राशि, फसल कर्ज माफी के साथ कावेरी मुद्दे को हल करने के लिए कमिटी की मांग करने आए हैं।

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