देश में कहीं भी एमएसपी से नीचे फसल को नहीं बिकने दिया जाएगा: योगेन्द्र यादव

Update: 2017-11-21 14:47 GMT
योगेन्द्र यादव ने अगले आंदोलन की घोषणा की।

देशभर के किसान प्रतिनिधि अपनी मांगों को लेकर दिल्ली में हुंकार भर रहे हैं। किसान संगठनों ने घोषणा की है कि अगर उनकी दोनों मांगों को नहीं माना गया तो 2019 के लोकसभा में चुनाव में नेता वो मांगने के लिए गांवों में नहीं घुस पाएंगे, चाहे वो किसी भी पार्टी के क्यों न हों।

वहीं स्वराज अभियान के नेता योगेन्द्र यादव ने घोषणा की कि 26 नवम्बर से 26 दिसम्बर तक किसान मुक्ति की शुरुआत गुजरात के बारदोली से होगी। 26 जनवरी को किसान दिवस मनाया जाएगा। देश मे अब कहीं भी एमएसपी से नीचे फसल को नहीं बिकने दिया जाएगा। देश मे कहीं भी किसान की कुर्की नहीं होने दिया जाएगा। कर्ज लिए किसी भी किसान का फोटो बैंक वालों को इश्तेहार में नहीं छापने दिया जाएगा।

सह अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अतुल अंजान, सचिव सीपीआई किसान मुक्ति संसद को संबोधित करते हुए कहते हैं,आज लोगों को भारत माता टैब दिखाई देती है जब सामने पाकिस्तान हो पर मुझे तो खेतों में धान रोपती महिला किसान साथियों में भारत माता दिखाई देता है। आज किसान आपको विरोध नहीं विकल्प देगें। इतिहास में पहली बार किसान अपना मसौदा लेकर आया है।

बिहार के एक सांसद महोदय कहते हैं कि मोदी जी को जो उंगली दिखायेगा उसका हाथ काट लिया जाएगा। हम कहते हैं आज यह किसान संसद मोदी जी को उंगली दिखा रहा है। AIKSCC ने यह तय किया है कि अब एक भी बोरी फ़सल MSP से कम पर नहींबेची जाएगी।आज इस किसान मुक्ति संसद से प्रण लेकर जा रहे है कि हम एक नहीं सवा लाख के बराबर हैं और अपनी जीत सुनिश्चित करेंगे।

किसान मुक्ति संसद की बड़ी घोषणा। 26 नवम्बर को देश का संविधान बनकर तैयार हुआ था और 26 जनवरी को लागू हुआ था। मंच से योगेंद्र यादव ने घोषणा की। 26 नवम्बर के दिन ही सरदार पटेल ने गुजरात के बारदोली से किसान आंदोलन की शुरुआत की थी।

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