एक और राज्यपाल पर लगा यौन शोषण का आरोप, शिकायत पर गृह मंत्रालय ने शुरू की जांच 

Update: 2018-02-26 18:07 GMT
प्रतीकात्मक तस्वीर।

आपको याद होगा की वर्ष 2009 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के कद्दावर नेता नारायण दत्त तिवारी की एक सीडी सामने आई थी जिसमें राजभवन में वह कुछ महिलाओं के साथ आपत्तिजनक स्थति में दिख रहे थे। उस समय नारायण दत्त तिवारी आंध्र प्रदेश के राज्यपाल थे। जिसके बाद उन्हें पद से इस्तीफ़ा देना पड़ा था। उन दिनों ये वाकया देश के राजनीतिक गलियारों में जहां चर्चा का विषय बना हुआ था तो वहीं मीडिया ने भी इस मामले को जमकर उछाला था।

ऐसा ही एक मामला दक्षिण भारत के एक प्रदेश से है। जिसमें राज्यपाल के खिलाफ गृह मंत्रालय भारत सरकार को शिकायत मिली है कि राजभवन में काम करने वाली महिला कर्मचारियों पर राज्यपाल द्वारा शारीरिक संबंध बनाने के लिए दबाव डाला जाता है। देश के राजनीतिक गलियारों में एक बार फिर से चर्चा का माहौल गर्म है। साथ ही राजनीतिक लोग तरह-तरह के कयास लगा रहे हैं।

टाइम्स ऑफ इण्डिया के हवाले से खबर है कि गृह मंत्रालय ने जांच में लगी एजेंसी को इससे जुड़ी कुछ हिदायतें दी हैं। यदि राज्यपाल के खिलाफ आरोप साबित होता है तो उनसे इस्तीफा लेकर जरूरी कार्यवाही की जा सकती है। हालांकि अभी केंद्र सरकार ने इस मामले के आरोपी राज्यपाल को नोटिस नहीं भेजी है। सरकार अभी गृह मंत्रालय के रिपोर्ट का इंतजार कर रही है।

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मेघालय के राज्यपाल पर लगे थे गंभीर आरोप

बीते वर्ष जनवरी महीने में मेघालय के राज्यपाल वी. संगमुंगनाथन को यौन शोषण के आरोपों के चलते अपने पद से इस्तीफा देना पडा था। संगमुंगनाथन के खिलाफ राजभवन के कर्मचारियों ने सामूहिक रूप से तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी से शिकायत कर कार्यवाही की मांग की थी। शिकायत में नाथन पर आरोप था की उन्होंने राजभवन मेघालय को "महिला क्लब "बना दिया है।

कर्मचारियों ने आरोप लगाया था की नाथन के प्रत्यक्ष आदेश से युवतियां और महिलाएं राजभवन में बेरोकटोक आते जाते हैं। कई युवतियों की पहुंच तो सीधे नाथन के शयन कक्ष तक है। राजभवन मेघालय में नौकरी के लिए साक्षात्कार देने आई एक महिला ने भी वी .संगमुंगनाथन पर छेड़छाड़ का आरोप लगाया था।

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