जय आदिवासी, जय भीलिस्तान के नारों के साथ पहली बार गुजरात चुनाव में उतरी भारतीय ट्राइबल पार्टी ने भी दो सीटों में बढ़ते के साथ अपनी जोरदार उपस्थिति दर्ज करा रही है। इस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेशभाइ छोटुभाई वसावा ने इसे अपनी बड़ी जीत करार दिया है। गुजरात के 182 सीटों के मुकाबले इस पार्टी ने आदिवासी बाहुल्य सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़ा किए थे।
जनता दल यूनाइटेड के पूर्व नेता छोटूभाई वसावा ने पिछले साल इस पार्टी का गठन किया था। गुजरात विधानसभा चुनाव में यह पार्टी पांच सीटों पर चुनाव लड़ी थी। एक आदिवासी नेता और भरुच जिले में झगडीया से विधायक वसावा ने गुजरात से हुए राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल का समर्थन किया था। वसावा उस समय जद (यू) के विधायक थे।
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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बिहार में भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाने के बाद राज्यसभा सांसद शरद यादव ने अलग रास्ता अपना लिया था और वसावा ने शरद यादव नीत जद (यू) गुट का समर्थन किया था।
गुजरात में आदिवासी वोटरों की संख्या करीब 12 फीसदी है। सूबे में आदिवासियों के लिए 27 सीटें आरक्षित हैं। आदिवासी वोटर कुल 182 सीटों में लगभग 40 सीटों पर निर्णायक की भूमिका में रहते हैं। आदिवासी वोटर किसी भी पार्टी के परंपरागत मतदाता नहीं रहे हैं।
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गुजरात के दक्षिणी इलाके में आदिवासियों का काफी असर है। आदिवासियों के लिए आरक्षित सीटों में से 17 सीटें इसी क्षेत्र से आती हैं। 2012 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने इनमें से 8 और बीजेपी ने 7 सीटें जीती थीं।