म्यांमार बॉर्डर पर भारतीय सेना का बड़ा एक्शन, कई नगा उग्रवादी ढेर, जानें क्या है NSCN

Update: 2017-09-27 18:14 GMT
भारतीय सेना के जवान। (फाइल फोटो-)

लखनऊ। पीओके में सर्जिकल स्ट्राइक के ठीक एक साल बाद सेना ने एक और बड़ी स्ट्राइक की है। भारत म्यांमार सीमा पर सेना ने स्ट्राइक करके कई घुसपैठियों को मार गिराया है। उग्रवादी नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड (NSCN) खापलांग के कैंप को निशाना बनाया गया है।

आज सुबह करीब पांच बजे म्यांमार सीमा से सटे इलाके में ऑपरेशन हुआ है। तीन से साढ़े तीन घंटे तक ये ऑपरोशन चला। कई उग्रवादियों को मार गिराया है, लेकिन ये पता नहीं है कि मारे गए उग्रवादियों की संख्या कितनी है। 2015 में भी भारतीय सेना ने म्यांमार पर स्ट्राइक की थी। इस स्ट्राइक को लेकर गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि म्यांमार हमारा मित्र देश है अभी आगे जो भी जानकारी मिलेगी उससे आपको अगवत करा दिया जायेगा।

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क्या है पूरा विवाद?

भारतीय सेना के कमांडों ने आंतकी संगठन नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड के खापलांग गुट के खिलाफ कार्रवाई की है। आतंकवादियों का ये गुट नागालैंड शांति समझौते का विरोध करता है और नागालैंड सहित नॉर्थ ईस्ट के दूसरे राज्यों में अक्सर भारतीय सुरक्षाबलों पर हमला करते रहता है।

सुरक्षा मामलों से जुड़े लोगों के मुताबिक खापलांग गुट के आतंकवादी भारतीय जवानों पर हमला करने के बाद सीमा पार करके म्यांमार में चले जाते हैं ताकि भारतीय सैनिक उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं कर सकें। इसके अलावा म्यामांर की सीमा में इनके वैसे ही ट्रेनिंग कैंप हैं जैसे ट्रेनिंग कैंप पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आतंकवादियों ने बना रखे हैं। कुछ दिन पहले इसी खापलांग गुट के आतंकवादियों ने भारतीय सैनिकों के ऊपर हमला किया था, जिसके जवाब में आज भारतीय सैनिकों ने उनके खिलाफ बड़ी कार्रवाई की।

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क्या है NSCN खपलांग गुट?

नागालैंड के कई अलगाववादी गुट सालों से भारत से अलग होने की मांग करते आये हैं। इन सभी गुटों ने मिलकर 31 जनवरी 1980 को नेशनल सोशलिस्ट कौंसिल ऑफ नागालैंड नाम का एक संगठन बनाया है, बाद में इस गुट में फूट पड़ गई और 30 अप्रैल 1988 को एनएससीएन खापलांग ने अपना अलग गुट बना लिया।

खापलांग का गुट नागालैंड का सबसे खतरनाक अलगाववादी गुट माना जाता है। ये गुट सालों से भारत से अलग होने की मांग पर अड़ा हुआ है। पिछले दिनों भारत सरकार ने नागालैंड में सक्रिय तमाम दूसरे अलगाववादी गुटों से बातचीत शुरू की और उन्हें शांति समझौता में शामिल किया।

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दूसरे गुट तो सरकार के साथ समझौते वार्ता में शामिल हो गये लेकिन नेशनल सोशलिस्ट कौंसिल ऑफ नागालैंड के खापलांग गुट ने किसी तरह की शांति वार्ता में शामिल होने से इनकार कर दिया है। वो पहले की तरह भारतीय सैनिकों और गैर नागा लोगों पर हमला करता है। ये गुट भारत से अलग ग्रेटर नागालैंड की बात करता है। इस गुट के ज्यादातर नेता नागालैंड से बाहर रहते हैं और वहीं से वो राज्यभर में आतंकवादी गतिविधियों को संचालित करते रहते हैं।

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