कन्नौज : राशन कार्ड न बनने से भटक रहे जरूरतमंद, अपात्र डकार रहे गरीबों का राशन

कन्नौज में राशन कार्ड के लिए आवेदन करने वाले कई लोगों का कहना है कि अपात्रों को राशन का लाभ दिया जा रहा है, लेकिन वह पात्र होने के बाद भी योजनाओं के लाभ से वंचित हैं।

Update: 2020-07-17 06:59 GMT
गरीबी रेखा के नीचे या उससे भी नीचे रहने वालो लोगों के सामने पैसे खर्च कर कोविड वैक्सीन लगवाने की चुनौती है। फोटो : गाँव कनेक्शन

कन्नौज। कोविड-19 की वैश्विक महामारी की वजह से लगे लॉकडाउन में शासन से आदेश आया कि जिन लोगों के राशनकार्ड नहीं बने हैं, उनके कार्ड जारी किए जाएं। जो प्रवासी मजदूर हैं, उनके भी अस्थाई राशनकार्ड बनाए जाएं, लेकिन यूपी के कन्नौज जिले के शहरी क्षेत्रों में रहने वालों के राशन कार्ड नहीं बन रहे हैं।

कन्नौज में नगर पालिका परिषद सदर, गुरसहायगंज और छिबरामऊ के अलावा नगर पंचायत सिकंदरपुर, सौरिख, तालग्राम, तिर्वागंज और समधन हैं। यहां के रहने वाले सैकड़ों लोग राशनकार्ड के लिए ऑनलाइन आवेदन कर चुके हैं, लेकिन कई साल बाद भी उनके राशनकार्ड नहीं बने हैं।

अधिकारियों के चक्कर काट-काट कर लोग थक गए हैं, लेकिन सुनने वाला कोई नहीं है। आवेदनकर्ताओं का कहना है कि अपात्रों को लाभ दिया जा रहा है, लेकिन वह पात्र होने के बाद भी योजनाओं के लाभ से वंचित हैं।

नगर पालिका परिषद कन्नौज के मोहल्ला चौहट्टा में बतौर शिक्षक कार्य कर रहे अभय शुक्ल (32 वर्ष) बताते हैं, "राशन कार्ड के लिए मैंने वार्ड के सभासद से कहा, कई बार सम्पर्क किया, फिर भी मुझे कार्ड मुहैया नहीं हो सका।"

अभय कहते हैं, "कोटेदार राशन नहीं देता। मैं ही नहीं, मेरे जैसे शहर में कई जरूरतमंदों को लाभ नहीं मिला रहा है। सिर्फ अपात्र मौज मार रहे हैं।" अभय लॉकडाउन के दौरान से राशन के लिए परेशान हैं। ऑनलाइन आवेदन भी किया, लेकिन अब तक उन्हें राशन कार्ड नहीं मिल सका। 

कन्नौज में 3,26,201 राशनकार्ड धारक हैं, जिसमें 29,430 अन्त्योदय श्रेणी के शामिल हैं। फोटो : गाँव कनेक्शन 

जिला मुख्यालय कन्नौज से करीब 16 किमी. दूर तिर्वा के मोहल्ला दुर्गानगर निवासी साधना तिवारी बताती हैं, "करीब 15 महीने पहले मैंने जनसुविधा केंद्र से राशनकार्ड के लिए ऑनलाइन आवेदन किया था, लेकिन यह कहकर कार्ड नहीं बनाया गया कि शहरी क्षेत्र में अभी कार्ड नहीं बनाए जा रहे हैं। अब तो आदेश भी आ चुका है लेकिन फिर भी राशन कार्ड का लाभ नहीं दिया गया।"

साधना कहती हैं, "परिवार की हालत ठीक नहीं है। गरीबों के लिए सरकार कई योजनाएं चलाती है, लेकिन लाभ अपात्र उठाते हैं। अब तक किसी ने ध्यान नहीं दिया।"

जनपद कन्नौज में 41,196 परिवारों के निकाय क्षेत्र में पात्र गृहस्थी के राशन कार्ड बने हैं, इसमें 1,72,593 यूनिट शामिल हैं। अन्त्योदय राशन कार्ड की संख्या 2,983 है, इसमें 7622 यूनिट हैं। शहरी क्षेत्र में दोनों कैटेगरी के 44,179 राशन कार्ड में 1,80,215 यूनिट हैं। इसके अलावा शहरी क्षेत्र में कुल 71 और ग्रामीण क्षेत्रों में 590 दुकानें हैं। राशनकार्ड धारकों की बात करें तो जिले में 3,26,201 राशनकार्ड धारक हैं, जिसमें 29,430 अन्त्योदय श्रेणी के शामिल हैं।

साधना की तरह कस्बा तिर्वागंज के मंडी समिति निकट के रहने वाली पार्वती बाथम राशन कार्ड होने के बावजूद भी परेशान हैं।

पार्वती कहती हैं, "मेरे परिवार में पांच यूनिट होने के बाद भी राशन दो यूनिट का दिया जाता है। तीन यूनिट किसी दूसरे कोटेदार के यहां गलत तरीके से अटैच हो गया। इस पर मैंने तिर्वा तहसील और जिला पूर्ति अधिकारी के यहां शिकायत भी की, लेकिन अब तक समस्या नहीं निपटी। हर बार कह दिया जाता है कि जब साइट चलेगी, तब सुधार होगा।"


आठ दिनों पहले ही शहर के सरायमीरा नलकूप के निकट रहने वाले पूर्व फोटो पत्रकार आलोक शुक्ल का कोरोना वायरस की चपेट में आने के बाद निधन हो गया। वह कैंसर व डायबिटीज से भी पीड़ित थे। परिवार में कमाऊ मुखिया चले जाने के बाद अब महिला और उनके दो बच्चे बचे हैं, लेकिन परिवार में राशनकार्ड नहीं है।

अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए राशनकार्ड की जरूरत भी है, लेकिन शहरी क्षेत्र में बन नहीं रहे हैं, इसको लेकर अलोक शुक्ला का परिवार भी काफी परेशान है।

'शहरी क्षेत्र में पूरा हो गया है लक्ष्य'

कन्नौज के जिला पूर्ति अधिकारी केके गुप्त 'गाँव कनेक्शन' से बताते हैं, "शहरी क्षेत्र में 74.43 फीसदी लोगों के राशन कार्ड बन चुके हैं। करीब इतना ही लक्ष्य है जो अब पूरा हो चुका है, इसलिए शहरी क्षेत्र में नए कार्ड बनाने का काम बंद है। शासन से आदेश आने पर ही काम शुरू होगा।" जिलापूर्ति अधिकारी बताते हैं, "वहीं ग्राम पंचायतों में रहने वालों के ही कार्ड बन सकते हैं। यहां 79.56 फीसदी तक कार्ड बन सकते हैं। अभी करीब चार फीसदी लोगों को और लाभ मिल जाएगा।" 

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