मध्य प्रदेश : आग में ख़ाक हो गई धान की पूरी फसल, फूट-फूट कर रो पड़े किसान परिवार
मध्य प्रदेश के सतना जिले में रामनगर तहसील के गांव दतोर के रहने वाले किसान चंद्रभान पांडेय और रामसुंदर के खेत में अचानक आग लगने से पूरी फसल जलकर राख हो गयी।
सतना (मध्य प्रदेश)। "पिछले कई सालों से खेत की सिंचाई के लिए दूसरों के बोर पर आश्रित रहना पड़ रहा था, इसलिए इस साल सोचा कि अपने खेत में ही बोर कराऊंगा। इस बोर से खेत तो सींचूंगा ही और सब्जियां की भी खेती करूँगा ताकि चार पैसा रोज के खर्चे के लिए मिलते रहेंगे, लेकिन आपन सोचा दूर है प्रभु सोचा तत्काल," यह कहना है किसान चंद्रभान पांडेय का।
इस बार अच्छी फसल की उम्मीद लगाए चंद्रभान के खलिहान में रखी करीब चार ट्राली (ट्रैक्टर की ट्राली) धान की फसल में अचानक आग लगने से पूरी फसल चंद मिनटों में ही ख़ाक हो गयी। उनके साथ दो एकड़ में बटाई पर खेती कर रहे रामसुंदर की फसल भी जलकर राख हो गयी।
फसल में आग लगने पर ग्रामीणों ने एकत्रित होकर आग बुझाने का प्रयास भी किया मगर करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका, तब तक दोनों किसानों की फसलें पूरी तरह से खाक हो चुकी थीं। दमकल गाड़ी भी देर से ही पहुंच सकीं।
मध्य प्रदेश के सतना जिले के रामनगर तहसील से करीब 18 किलोमीटर दूर स्थित गांव दतोर निवासी चंद्रभान पांडेय और रामसुंदर के परिवार जब खेत में आग लगने की सूचना पर मौके पर पहुंचे तो पूरा खेत आग की लपटों में देखकर फूट-फूट कर रो पड़े।
#MadhyaPradesh के सतना जिले के रामनगर ब्लॉक से करीब 18 किमी दूर स्थित ग्राम नांदो दंतौर के रामसुंदर कोल के खलिहान में आग लग गई। राम सुन्दर कोल ने 4 एकड़ धान अधिया (बटाई) पर लेकर बोया था। फसल जलती देख उनके परिजन हताश हो गए
— GaonConnection (@GaonConnection) November 9, 2020
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दोनों ही किसानों ने इस साल अच्छी पैदावार के लिए उन्नत बीज भी खरीदा था। किसान चंद्रभान 'गांव कनेक्शन' से बताते हैं, "इस बार राज्य बीज निगम से धान आर-36 और आर-64 का बीज लाया था। करीब 25 किलो था, कीमत भी 40-45 हज़ार रुपये थी। सिंचाई में 10 हजार रुपये खर्च किए थे। सोचा था कि बीज अच्छा रहेगा तो पैदावार भी अच्छी रहेगी। इसलिए हम दोनों ने मिलकर चार एकड़ में धान बोई थी और 29 डिसमिल छोड़ रखी थी। उसे सब्जियों के लायक बनाना था मगर अब सब बर्बाद हो गया।"
इधर अपनी जलती फसल को देखकर किसान चंद्रभान और रामसुंदर के परिजन भी दु:खी थे। दोनों किसानों के परिवार फूट-फूट कर रो रहे थे। रामसुंदर के मुताबिक, इस बार उम्मीद के हिसाब से फसल हो गई थी, लेकिन भगवान भी गरीब के पीछे पड़ा है। जो सपने सजाए थे, लेकिन अब कहने-सुनने को नहीं बचा।
चंद्रभान के खेत में अधिया में खेती करने वाले रामसुंदर को भी खेत में आग लगने पर देर से पता चला। रामसुंदर कोल 'गांव कनेक्शन' से कहते हैं, "दीवाली नजदीक है। सोचा था कि फसल बेच कर कुछ खरीदारी करूँगा। कुछ अनाज खाने के लिए रखना था लेकिन अब तो दीया जलेगा न बाती। मेहनत में तो आग ही लग गई।"
किसानों की फसल इस तरह नष्ट होने पर अखिल भारतीय किसान महासंघ ने संज्ञान में लिया। महासंघ के सुभाष पांडेय बताते हैं, "किसान चंद्रभान पांडेय और अधिया में काम करने वाले रामसुंदर कोल के लिए हम प्रशासन से मदद की मांग करेंगे। आवश्यकता पड़ी तो मुख्यमंत्री और कृषि कल्याण मंत्री से भी भेंट करेंगे ताकि उन्हें फसल की क्षतिपूर्ति मिल सके।"