नई दिल्ली (भाषा)। भारतीय क्रिकेट के सबसे सफल खिलाड़ियों में से एक सचिन तेंदुलकर ने आज यहां कहा कि हर क्षेत्र में महिलाओं को सपना पूरा करने का मौका मिलना चाहिये और इसके लिये अभिभावकों का कर्तव्य बनता है कि वे उनका साथ दें।
इंटरनेशनल डे ऑफ द गर्ल चाइल्ड के मौके पर एक कार्यक्रम में पहुंचे तेंदुलकर ने कहा कि जब सपने किसी के साथ भेदभाव नहीं करते तो फिर हम क्यों लड़कियों के साथ भेदभाव करते हैं।
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उन्होंने कहा, ''ये क्यों होता है मुझे नहीं पता। मेरा सपना था भारत के लिये खेलने का, बचपन से ही मैं अपने सपने के पीछे भागने लगा, ऐसा सभी बच्चों के साथ होना चाहिये खासकर लड़कियों के साथ। सिर्फ भारत ही नहीं दुनिया के किसी भी हिस्से में हर लड़की को सपना पूरा करने का मौका मिलना चाहिये इसके लिये माता-पिता का योगदान सबसे जरुरी है। अभिभावकों को लड़कियों पर विश्वास कर उन्हें आजादी देनी चाहिये।
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तेंदुलकर ने कहा, ''पिछले साल ओलंपिक के दौरान मैं रियो में था जहां हमारी कई महिला एथलीटों से बात करने का मौका मिला और मैं अच्छे से जान पाया कि उनके लिये यह कितना मुश्किल है, उन्हें कितना त्याग करना पड़ता हैं। ओलंपिक में हमारी महिला खिलाड़ियों ने अपने प्रदर्शन से दिखाया कि वे किसी से कम नहीं।
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इस मौके पर तेंदुलकर के साथ भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तान मिताली राज, महिला बास्केटबाल टीम की कप्तान रशप्रीत, पैरा एथलीट रजनी झा, कराटे में ब्लैक बेल्ट माना मंडलेकर जैसी महिला खिलाड़ी मौजूद थी।