नयी दिल्ली (भाषा)। भूजल दोहन पर चिंता जताते हुए राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने किसानों को कृषि उद्देश्यों के लिए पेयजल के बजाय शोधित सीवेज जल के इस्तेमाल का सुझाव दिया है।
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एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि ऐसे समय जब जलस्तर में गंभीर रूप से गिरावट हो रही है, पानी की कम खपत वाली फसलों के इस्तेमाल की जरूरत है। पीठ ने कहा कि हम किसानों की मुश्किलों को समझते हैं लेकिन शोधित सीवेज जल के इस्तेमाल आदि या कम जल खपत वाली फसलों के इस्तेमाल के विकल्प अपनाने पर विचार करने की आवश्यकता है।
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पीठ ने कहा कि जमीन में जल धाराओं में बिना शोधन जल डालने वालों द्वारा भूजल प्रदूषण रोकना भी बराबर महत्वपूर्ण है। अधिकरण एनजीटी बार एसोसिएशन और राजहंस बंसल द्वारा दायर याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा था जिसमें दिल्ली में उद्योगों द्वारा भूजल के गैर कानूनी इस्तेमाल का विरोध किया गया था।