बनारस। ट्रेनों में यात्रा के दौरान हो रही आपराधिक घटनाओं को रोकने के लिए साथ ही यात्री महफूज सफर कर सकें इसके लिए ट्रेन में अस्थाई पुलिस चौकी का निर्माण किया जाएगा। मसलन, यात्री जरूरत पर ट्रेन में ही सीधे शिकायत दर्ज कराने पहुंच सकेंगे। यह व्यवस्था ट्रेन की सुरक्षा में चल रहे सुरक्षाकर्मियों के अतिरिक्त होगी। सबकुछ ठीक रहा तो ट्रेनों के एस-वन कोच में अस्थाई सुरक्षा चौकी अस्तित्व में जल्द आ जाएगी।
क्यों पड़ी जरूरत
ट्रेनों में अपराध पर अंकुश लगाने को मंत्रालय पहले से गंभीर है। यात्रियों की सुरक्षा को आरपीएफ, जीआरपी के जवान असलहों से लैस होकर चलते हैं। सफर में सुरक्षाकर्मियों के मोबाइल रहने के कारण 24 कोच की ट्रेनों में इन्हें खोजना मुश्किल होता है। रेलवे बोर्ड प्रत्येक ट्रेन में अस्थाई सुरक्षा चौकी की रणनीति बना रहा है।
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रेल मंत्रलय ने ट्रेनों में एस-वन कोच का 63 नंबर बर्थ सुरक्षाकर्मियों के लिए आरक्षित कर दिया है। इस बर्थ पर एक सुरक्षाकर्मी को ट्रेन के मंजिल तक पहुंचने तक ड्यूटी देनी होगी। मसलन, मुश्किल में यात्री के पहुंचने पर सुरक्षाकर्मी का मिलना तय है।राजेश कुमार, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी, पूर्व मध्य रेल, हाजीपुर
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ट्रेन के S-1 कोच में बनेगी चौकी
प्रत्येक ट्रेन में एस-वन कोच की 63 नंबर बर्थ पर प्रतीकात्मक चौकी होगी। ट्रेन के मंजिल को रवाना होने के साथ ही बर्थ पर एक दारोगा की ड्यूटी लगा दी लाएगी। उसके पास वायरलेस सेट होगा, जिससे वह जरूरत पड़ने पर सुरक्षा ड्यूटी में चल रहे कर्मियों को काल कर सके। वायरलेस से मैसेज मिलने पर जवानों को मोर्चा संभालने में मुश्किल नहीं होगी। ट्रेन में कई तरह के अपराध होते हैं। जिसमें चोरी, उचक्कागिरी, छेड़खानी भी शामिल है। पीड़ित यात्री बच्चों के साथ कहां जाए, क्या करे, उसके लिए बड़ी मुसीबत। ट्रेन में कई तरह के अपराध होते हैं। जिसमें चोरी, उचक्कागिरी, छेड़खानी भी शामिल है। पीड़ित यात्री बच्चों के साथ कहां जाए, क्या करे, उसके लिए बड़ी मुसीबत। नई व्यवस्था में पीड़ित यात्री को सीधा एस-वन कोच के बर्थ नंबर 63 पर पहुंच कर अपनी पीड़ा बतानी होगी।