दिवाली पर आग की घटना से निपटने की तैयारी पूरी 

Update: 2017-10-18 20:07 GMT
फाइल फोटो 

लखनऊ। दिवाली पर हर साल देश भर में आगे लगने की सूचना आती है, जिसे देखते हुए यूपी फायर विभाग ने कमर कस ली है। जिसके मद्देनजर जिलों के सभी फायर विभाग कर्मियों को अलर्ट पर रहने का निर्देश दिया गया है।

दिवाली यानी यार-रिश्तेदारों से मिलना-जुलना, मिठाइयां खाना, जमकर पटाखे चलाना और खूब सारी मौज-मस्ती। लेकिन ऐहतियात न बरती जाए तो खुशियों का यह त्योहार कुछ लोगों के लिए समस्या भी बन सकता है। दिवाली पर सबसे ज्यादा घटनाएं आग लगने और जलने की होती हैं। इसके अलावा पल्यूशन और तेज धमाकों की वजह से आंखों में जलन, दम घुटने, हार्ट अटैक और कान बंद होने जैसी दिक्कतें भी आम हैं। अस्थमा के मरीजों, बुजुर्गों, बच्चों पर खास देखभाल की जरूरत होती है।

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आग लगने और जलने की ज्यादातर घटनाएं दीए-मोमबत्ती या फिर पटाखों की वजह से होती हैं। कई बार बिजली की लड़ियों आदि से भी आग लग जाती है। वैसे, सावधानी बरती जाए तो बहुत सारे हादसों से बचाव हो सकता है। जबकि देश भर में इस पर काबू पाने के लिए जिम्मदारी फायर विभाग पर होती है, जो कही से भी आग लगने की सूचना पर अलर्ट पर रहता है। बावजूद इसके बाद भी आग लगने के चलते हर साल काफी जनहानि और मकानों को नुकसान पहुंचता है। वहीं सीएफओ लखनऊ अभय भान पाण्डेय ने कहा कि, हर वर्ष की तरह इस साल भी दिवाली पर फायर कर्मी सबकुछ छोड़छाड़ जनता की सेवा में तत्पर रहेंगे। साथ ही सभी फायर उपक्रमों का दिवाली से पहले एक बार टेस्ट कर लिया गया है, जिससे आग लगने के दौरान सभी उपक्रम ठीक ढंग से काम कर सके। वहीं डीजी फायर प्रवीण सिंह ने बताया कि, पूरे प्रदेश में फायर सर्विस कर्मियों की छुट्टीयां दीवाली त्यौहार के वक्त निरस्त कर दी जाती है। साथ ही सूबे के हर जिले में फायर ऑफिसर को अलर्ट पर रहने के निर्देश हैं।

बच्चों कर रख्रे विशेष ध्यान
दिवाली का आनंद सबसे अधिक बच्चे ही लेते हैं, लेकिन बच्चे नासमझ होते हैं और छोटी-सी चूक उनके लिए पूरी जिंदगी की मुसीबत बन सकती है। ऐसे में माता-पिता को चाहिए कि पटाखे जलाते समय हमेशा उनके साथ रहें। अस्थमा और एलर्जी की चपेट में आने से बचाएं।

रात 10 बजे के बाद चलाए पटाखे
सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक आदेश में कहा था कि, रात 10 बजे से लेकर सुबह 6 बजे पटाखे ना चलाए जाएं। यह नियम इस साल भी लागू है। अगर कोई ऐसा करता है तो उसकी शिकायत पुलिस से की जा सकती है। इसके लिए आप 100 नंबर या लोकल थाने के नंबर पर कॉल कर इसकी शिकायत कर सकते हैं।

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प्रदेश में मौजूदा फायर सर्विस

  • फायर स्टेशन- 285
  • फायर मैन- 3000
  • फायर टेंडर- 1600
  • चालक- 800
  • लीडिंग फायरमैन- 800

राजधानी में मौजूदा फायर सर्विस

  • फायर टेंडर- 22
  • वाटर मिस्ट- 6
  • हाइड्रोलिक प्लेटफार्म- 2
  • छोटे टेंडकर 20
  • फायर मैन-168
  • लीडिंग फायरमैन-45
  • चालक-56
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