अब बहुविवाह, निकाह हलाला पर उठे सवाल, सुप्रीम कोर्ट ने मांगा जवाब

Update: 2018-03-26 15:26 GMT
फोटो साभार: इंटरनेट

नई दिल्ली। तीन तलाक को खत्म करने का फैसला सुनाने के बाद मुस्लिम समुदाय में प्रचलित बहुविवाह और निकाह हलाला की प्रथा की संवैधानिक वैधता पर विचार के लिए सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को केंद्र सरकार से जवाब मांगा है।

बहुविवाह और निकाह हलाला के खिलाफ दायर याचिकाओं को देखते हुए केंद्र सरकार और विधि आयोग से सुप्रीम कोर्ट ने सवाल पूछा है।

इससे पहले प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति एएम खानविलकर और धनन्जय वाई चन्द्रचूड़ की पीठ ने इस दलील को स्वीकार किया कि पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने 2017 के अपने फैसले में तीन-तलाक को खत्म करते हुए बहुविवाह और निकाह हलाला के मामलों को इसके दायरे से बाहर रखा था।

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पीठ ने सोमवार को कहा कि पांच सदस्यों वाली नई संविधान पीठ का गठन किया जाएगा, जो बहुविवाह और निकाह हलाला के मामले पर गौर करेगी। बहुविवाह जहां मुस्लिम पुरुषों को एक समय में एक से ज्यादा महिलाओं से विवाह करने की अनुमति देता है।

वहीं निकाह हलाला ऐसी प्रथा है, जिसमें पति द्वारा तलाक दिए जाने पर यदि दोनों फिर से निकाह करना चाहतें हैं तो तलाक देने वाले पति से दोबारा शादी करने से पहले मुस्लिम पत्नी को किसी अन्य व्यक्ति से विवाह करके उससे तलाक लेना होता है।

पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने 3:2 के बहुमत से अपने फैसले में तीन-तलाक को असंवैधानिक करार दिया था। शीर्ष अदालत इन प्रथाओं को चुनौती देने वाली कई याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी। इनमें समता के अधिकार का हनन और लैंगिक न्याय सहित अनेक मुद्दे उठाए गए हैं।

(एजेंसी)

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