कोरोना वायरस : टैक्सी ड्राइवर - 'रात तक एक भी पैसेंजर नहीं मिला, नौ साल में पहली बार इतना सन्नाटा है'

कोरोना वायरस से जुड़ी आपात स्थिति के उत्पन्न होने से करोड़ों लोगों पर सीधा असर पड़ा है। एक लाख से ज्यादा लोग इस बीमारी से प्रभावित हैं और साढ़े तीन हज़ार लोगों की मौत हो चुकी है। लेकिन इन गिनतियों के परे करोड़ों लोग हैं जिनकी जिंदगियों और आजीविका पर इस बीमारी का अदृश्य असर पड़ रहा है। गाँव कनेक्शन की सीरीज 'कोरोनाश' पार्ट-4 में पड़ताल पर्यटन से जुड़े आम लोगों की।

Update: 2020-03-12 13:50 GMT

"कल सुबह गाड़ी स्टैंड में लगाई थी मगर रात तक एक भी पैसेंजर नहीं मिला, नौ साल से गाड़ी चला रहा हूं मगर ऐसा पहली बार हो रहा है, बिल्कुल सन्नाटा है," लखनऊ के चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के प्री-पेड टैक्सी स्टैंड में अपनी गाड़ी में बैठे-बैठे ग्राहक का इंतजार करते अजीत सिंह (36 वर्ष) बताते हैं।

अजीत की गाड़ी में बैठे दो और टैक्सी ड्राइवर अफगन खां (51) और जसकरन सिंह (42) का मानना है कि कोरोना वायरस के खौफ के कारण उनका धंधा बिल्कुल चौपट हो गया है। अजीत और उनके जैसे सैकड़ों टैक्सी ड्राइवर अकेले लखनऊ एयरपोर्ट के चलते रोजी-रोटी चला रहे हैं।

चीन के वुहान शहर से पनपे कोरोना वायरस ने भारत में पर्यटन से जुड़े लाखों आम लोगों की जिंदगियों और उनकी आजीविका पर सीधा असर डाला है। भारत में कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए केंद्र सरकार ने 15 अप्रैल तक सभी विदेशियों के वीजा रद्द कर दिए हैं। अजीत सिंह के मुताबिक कोरोना के चलते पहले देश में लोग कम ट्रैवल कर रहे थे, अब अगला एक महीना भी काम नहीं मिलने वाला।

लखनऊ के गोमती नगर के खरगापुर में अपनी पत्नी और एक बच्चे के साथ अजीत एक किराये के घर पर रहते हैं। अजीत आम दिनों में 500 से 1000 रुपए तक कमा लेते थे।

अजीत बताते हैं, "दो दिन में सिर्फ एक पैसेंजर मिला, 500 रुपए मिले जिसमें 250 रुपए का तो सिर्फ डीजल खर्च हो गया, होली के समय में पैसेंजर मिलने की ज्यादा उम्मीद रहती है, मगर सन्नाटा पसरा रहा, दिन का गाड़ी का खर्चा भी नहीं निकल रहा।"

लखनऊ के सीसीएस एयरपोर्ट में इन दिनों टैक्सी गाड़ियों की लंबी लाइन लगी है। कोरोना वायरस के डर की वजह से टैक्सी ड्राइवर्स को मुश्किल से मिल रहे पैसेंजर।

पूरी दुनिया में कोरोना वायरस की वजह से अब तक 3,500 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और 1.19 लाख से ज्यादा लोग कोरोना वायरस की चपेट में आ चुके हैं। भारत में अब तक मौतों का यह आंकड़ा 62 (11 मार्च तक) पार कर चुका है। ऐसे में कोरोना वायरस के कारण देश का पर्यटन उद्योग भी दम तोड़ रहा है।

पर्यटन मंत्रालय ने अब तक कोरोना वायरस से पर्यटन उद्योग को हुए नुकसान को लेकर कोई आधिकारिक आंकड़ा पेश नहीं किया है, मगर इंडियन एसोसिएशन ऑफ टूर ऑपरेटर्स (आईएटीओ) के अनुसार देश के पर्यटन उद्योग को फरवरी तक 500 मिलियन डॉलर (37.04 अरब रुपए) से ज्यादा का नुकसान हो चुका है।

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आईएटीओ के अध्यक्ष प्रणब सरकार 'गांव कनेक्शन' को फोन पर बताते हैं, "पिछले साल से तुलना करें तो मार्च के पहले हफ्ते में 67 प्रतिशत से ज्यादा टूरिस्ट अपना प्लान कैंसिल कर चुके हैं। लोग फ्लाइट से आने-जाने के लिए तैयार नहीं हैं क्योंकि वे कोरोना से डरे हुए हैं और किसी तरह का जोखिम नहीं लेना चाहते। देश के पर्यटन उद्योग को अब तक 500 मिलियन डॉलर से ज्यादा का नुकसान हो चुका है।"

उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े पर्यटन स्थल और ताजमहल के लिए मशहूर आगरा में भी पर्यटन से जुड़े आम लोगों पर कोरोना का खासा असर पड़ा है। कोरोना के बढ़ते खौफ की वजह से अखिल भारतीय महापौर परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष और आगरा के महापौर नवीन जैन ने केंद्रीय पर्यटन मंत्री से मांग की है कि मार्च के तीसरे सप्ताह तक देश के सभी पुरातात्विक और ऐतिहासिक धरोहरें बंद कर दी जाएं।

हमारे 70 प्रतिशत से ज्यादा पर्यटकों ने बुकिंग कैंसिल कर दी है और जो आ रहे हैं वो भी दुविधा में हैं। मेयर की अपील की वजह से मेरे पास लगातार कॉल आ रहे हैं कि ताज बंद तो नहीं हुआ है। हमारा बहुत नुकसान हो रहा है, कोई काम धंधा नहीं बचा है, खाली बैठे हैं बिल्कुल।

सन्नी मांगलिक, आकृति टूर एंड ट्रैवल, आगरा

आगरा में आकृति टूर एंड ट्रैवल के सन्नी मांगलिक फोन पर बताते हैं, "हमारे 70 प्रतिशत से ज्यादा पर्यटकों ने बुकिंग कैंसिल कर दी है और जो आ रहे हैं वो भी दुविधा में हैं। मेयर की अपील की वजह से मेरे पास लगातार कॉल आ रहे हैं कि ताज बंद तो नहीं हुआ है। हमारा बहुत नुकसान हो रहा है, कोई काम धंधा नहीं बचा है, खाली बैठे हैं बिल्कुल।"

भाग - 2 कोरोना का साया: "पटरी दुकानदार ने कहा, पहले रोज़ 3000 रुपए का सामान बेचता था अब 600 तक पहुंचना मुश्किल"

ताजमहल में पर्यटकों के गाइड के रूप में काम कर रहे अनिल सेंगर बताते हैं, "यह आलम है कि जो गाइड 500 रुपए में पर्यटकों को घुमाते थे, वे 200 रुपए में भी घुमाने के लिए तैयार हैं, मार्च तक हमारा सीजन होता है, मगर कोरोना के कारण 12 देशों से आवाजाही पर भारत में पहले ही प्रतिबंध लगा था, इसलिए इस बार पर्यटक बहुत कम हैं।"

नई दिल्ली में भी कोरोना का साया आम लोगों की जिंदगियों पर पड़ रहा है। दिल्ली में जो पर्यटन स्थल इस समय विदेशी सैलानियों से गुलजार रहते थे, वो भी बिल्कुल सन्नाटे में हैं।

नई दिल्ली में 24*7 ट्रैवल्स कंपनी के हरजीत सिंह बताते हैं, "पहले दिल्ली में दंगे हुए और अब कोरोना का खौफ। जाहिर है हमारा बिजनेस बिल्कुल जीरो हो चुका है। कोरोना की वजह से मार्च-अप्रैल में जो बुकिंग पहले से तय थी वो भी हमारे ग्राहक कैंसिल कर रहे हैं। हम 15 दिनों में 75 से ज्यादा बुकिंग कैंसिल कर चुके हैं, नई तो छोड़ दीजिए। हमें तो अपने कमर्चारियों को सैलरी देनी है, हमारे पास तो कोई विकल्प भी नहीं है।"


स्थिति काफी खराब है। यह सीजन का टाइम होता है, लोग घूमने के लिए प्री-प्लान बनाते हैं, मगर लोग बुकिंग कैंसिल करा रहे हैं, न ही कोई नई बुकिंग हो रही है, करीब 15 दिनों से यही हाल है। जो दूसरी ट्रैवल एजेंसी हैं, वे भी कह रहे हैं लगभग सारी बुकिंग कैंसिल हो चुकी हैं।

राजेंद्र बजाज, एफोर्डेबल टूर एंड ट्रैवल्स, भोपाल

मध्य प्रदेश में भी दिल्ली जैसे हाल है। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में एफोर्डेबल टूर एंड ट्रैवल्स के राजेंद्र बजाज बताते हैं, "स्थिति काफी खराब है। यह सीजन का टाइम होता है, लोग घूमने के लिए प्री-प्लान बनाते हैं, मगर लोग बुकिंग कैंसिल करा रहे हैं, न ही कोई नई बुकिंग हो रही है, करीब 15 दिनों से यही हाल है। जो दूसरी ट्रैवल एजेंसी हैं, वे भी कह रहे हैं लगभग सारी बुकिंग कैंसिल हो चुकी हैं।"

भाग - 3 Corona Virus : सात फेरों पर कोरोना का साया, करोड़ों का नुकसान

कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप की वजह से विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना वायरस को महामारी घोषित किया है और कहा कि यह बीमारी खतरनाक स्तर तक फैल रही है। अब तक दुनिया के 114 देशों में कोरोना वायरस पांव पसार चुका है। भारत सरकार ने सख्त एहतियात बरतते हुए 15 अप्रैल तक सभी देशों के टूरिस्ट वीजा पर रोक लगा दी है।

पर्यटकों की बुकिंग कैंसिल होने के कारण होटलों से जुड़े लाखों लोगों की भी कमाई ठप्प हो गई है। होटल, ट्रैवल एजेंट, टैक्सी चालक, होटल से जुड़े कर्मचारी, गाइड समेत वो दुकानें और शोरूम जो पर्यटकों के चलते गुजलार रहते थे, सब परेशानी में है। पर्यटकों के न आने से और पहले से की गई होटलों में बुकिंग भी कैंसिल हो रही हैं।

बिहार के बोधगया में यह मौसम पर्यटकों के लिए होता है, जहां मलेशिया, सिंगापुर, थाईलैंड समेत दक्षिण पूर्व एशिया से बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं, मगर इस बार यहां विदेशी पर्यटक न के बराबर पहुंचे हैं।

बिहार के बोधगया में यात्री विहार होटल के अमित रॉय बताते हैं, "बोधगया ऐसी जगह है जहां साल के छह महीने तक लोग घूमने के लिए आते हैं, वह कोरोना की वजह से दो महीने पहले ही खत्म हो गया। यहां के ज्यादातर लोग जो सिर्फ पर्यटकों से कमाई पर आश्रित हैं और इन्हीं महीनों में कमा पाते हैं, उनका बहुत नुकसान हुआ है।'

अमित कहते हैं, "विदेशी पर्यटक बिल्कुल नहीं है और अपने देश के लोग भी कम आ रहे हैं। बोधगया के सभी होटल, ट्रैवल एजेंसी को कम से कम 100 करोड़ से ज्यादा का नुकसान पहुंचा है।"

लखनऊ के चारबाग क्षेत्र में होटल मनोरंजन में काम करतीं निहारिका ।

बोधगया से 563 किमी. दूर लखनऊ के चारबाग में होटल मनोरंजन की निहारिका बताती हैं, "अपने देश के जो पर्यटक हैं, वो तो घूमने के लिए आ रहे हैं मगर विदेशी पर्यटक नहीं हैं। फरवरी में हमारे होटल में ही चीन से एक परिवार तीन दिनों के लिए जरूर आया था, तो वे यहां लोगों की भीड़ देखकर खुद भी होटल से नहीं निकले और  अपने कमरे में ही रहे। वो सारे समय मास्क पहने रहे, सैनिटाइजर रखे रहे, वो बिल्कुल भी जोखिम लेना नहीं चाहते थे।"

एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने छह मार्च को अपने विश्लेषण में पाया है कि कोरोना वायरस की वजह से विकासशील अर्थव्यवस्थाओं को कई तरह से नुकसान होगा और इससे वैश्विक अर्थव्यवस्था को 77 से 347 अरब डॉलर का नुकसान होने की संभावना है। एडीबी ने कहा कि अर्थव्यवस्था को कितना नुकसान पहुंचता है यह इस बात पर निर्भर करता है कि कोरोना वायरस कितना फैलता है।

पिछले 12 वर्षों से टैक्सी चला रहे लखनऊ के एक और टैक्सी ड्राइवर विनोद सोनी (40 वर्ष) कहते हैं, "परिवार वाले डरते हैं, कोरोना का खौफ तो है ही, इसलिए मैं भी मुंह में रुमाल बांध लेता हूँ, लेकिन घर तो चलाना ही है।"

(गांव कनेक्शन की सीरीज 'कोरोनाश' का पांचवें भाग में पढ़िएगा- भारत के किसानों पर कोरोना वायरस का असर ... )

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