गन्ने को छोड़कर खरीफ की सभी फसलों का उत्पादन घटने का अनुमान 

Update: 2017-09-24 20:30 GMT
धान का घट रहा उत्पादन

नई दिल्ली (भाषा)। देश के कई प्रदेशों में कहीं पर कम बारिश व कहीं पर बाढ़ की वजह से इस बार धान उत्पादन इस साल खरीफ की ज्यादातर फसलों के कम उत्पादन का अनुमान लगाया जा रहा है।

दलहन और मोटे अनाज के उत्पादन में भी कमी आई है। इससे खरीफ सत्र (गर्मियों) के सत्र में खाद्यान्न उत्पादन घटकर 13.46 करोड़ टन पर आने का अनुमान है। यह पिछले खरीफ सत्र में 13.85 करोड टन के रिकॉर्ड स्तर पर रहा था। खरीफ अनाज में चावल, दालें और मोटे अनाज आते हैं। गन्ने के अलावा अन्य सभी प्रमुख खरीफ फसलों के उत्पादन में गिरावट आने का अनुमान है। केंद्रीय कृषि सोमवार को अपना पहला अग्रिम अनुमान जारी करेगा।

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2017-18 के फसल वर्ष (जुलाई-जून) के खरीफ सत्र में धान उत्पादन घटकर 9.44 करोड़ टन पर आने का अनुमान है। यह पिछले खरीफ सत्र में रिकॉर्ड 9.63 करोड़ टन पर रहा था। एक अधिकारी ने अपना नाम न छापने की शर्त पर यह जानकारी दी। कमजोर कीमत तथा बारिश में कमी की वजह से दलहन उत्पादन भी रिकॉर्ड 94.2 लाख टन से 87.1 लाख टन पर आने का अनुमान है। तुअर और उड़द का उत्पादन क्रमश: 39.9 लाख टन और 25.3 लाख टन रहने का अनुमान है।

इसी तरह मोटे अनाजों का उत्पादन घटकर 3.14 करोड़ टन रहने का अनुमान है। यह पिछले खरीफ सत्र में 3.27 करोड टन रहा था। नकदी फसलों में गन्ने का उत्पादन अधिक यानी 33.76 करोड़ टन रहने का अनुमान है जो पिछले खरीफ सत्र में 30.67 करोड़ टन रहा था।

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तिलहन उत्पादन भी घटकर 2.06 करोड़ टन पर आने का अनुमान है। यह पहले 2.24 करोड टन रहा था। सोयाबीन का उत्पादन 1.22 करोड़ टन रहने का अनुमान है। खरीफ उत्पादन में कमी की वजह कुछ स्थानों में बारिश की कमी और कुछ अन्य में बाढ की स्थिति को माना जा रहा है।

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असम, बिहार, गुजरात और राजस्थान में बाढ़ की स्थिति रही। वहीं कर्नाटक, छत्तीसगढ और तमिलनाडु के कुछ हिस्सों में बारिश कम हुई। राज्यों से ब्योरा मिलने के बाद खरीद उत्पादन के अनुमान को बाद में संशोधित किया जा सकता है। मंत्रालय कटाई के विभिन्न चरणों में चार अनुमान जारी करता है। उसके बाद अंतिम अनुमान जारी किया जाता है।

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