दुनियाभर में और बढ़ी भारतीय मसालों की धाक, 24 फीसदी बढ़ा निर्यात

Update: 2018-01-04 15:21 GMT
खाद्य सुरक्षा दिशानिर्देशों में सख्ती के बावजूद भारतीय मसालों की मांग बढ़ती जा रही है।

प्राचीन काल से अपने मसालों की दुनियाभर में धाक जमाने वाले भारत का मसाला निर्यात 2017 की अप्रैल-सितंबर तिमाही में 24 प्रतिशत बढ़ा है। जबकि रुपए में मूल्य के आधार पर इसमें दो प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। इस संबंध में मसाला बोर्ड ने आंकड़े जारी किए हैं। बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक समीक्षावधि में भारत का निर्यात 5,57,525 टन रहा है जो 2016 की इसी अवधि में 4,50,700 टन था।

दुनिया भर के देशों द्वारा खाद्य सुरक्षा दिशानिर्देशों में सख्ती किए जाने से भारतीय मसालों और मसाला उत्पादों के निर्यात में रिकॉर्ड बढ़ोतरी हुई है। 2016-17 में यह निर्यात मूल्य के रूप में 17,664.61 करोड़ रुपए और मात्रा के रूप में बढ़कर 9,47,790 टन हो गया है।

मूल्य और मात्रा दोनों ही रूप में मसालों और उनसे संबंधित उत्पादों का निर्यात काफी अच्छा रहा है। 2015-16 में 16,238.23 करोड़ रुपए मूल्य का मसाला उत्पाद 8,43,255 टन निर्यात हुआ था। इस तरह, इसके मुकाबले मात्रा के रूप में 12 प्रतिशत और मूल्य के रूप में (रुपए में) नौ प्रतिशत तथा डॉलर में छह प्रतिशत का इजाफा हुआ है।

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वित्त वर्ष 2016-17 में भी मिर्च सबसे अधिक मांग वाले मसालों में शुमार रही। इस दौरान 5,070.75 करोड़ रुपए मूल्य की 4,00,250 टन मिर्च का निर्यात हुआ। मात्रा के रूप में इसमें 15 प्रतिशत और मूल्य के रूप में 27 प्रतिशत का इजाफा हुआ। सबसे ज्यादा निर्यात किए जाने वाले मसालों में जीरा दूसरे स्थान पर रहा। मात्रा के रूप में इसमें 22 प्रतिशत और मूल्य के रूप में 28 प्रतिशत का इजाफा दर्ज हुआ। 2016-17 के दौरान भारत से 1,963.20 करोड़ रुपए का कुल 1,19,000 टन जीरा निर्यात किया गया।

आयातक देशों के बार-बार सावधान किए जाने से मसाला बोर्ड द्वारा की जाने वाली जीरे और इसके गौण उत्पादों की अनिवार्य जांच इस इजाफे की प्रमुख वजह रही। मसाला बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. ए जयतिलक स्पाइस बोर्ड ऑफ इंडिया की वेबसाइट पर जारी एक विज्ञप्ति में बताया "भारत ने निर्यात के पिछले सभी कीर्तिमानों को पीछे छोड़ दिया है और वैश्विक बाजार की कड़ी प्रतिस्पर्धा में अपने गुणवत्तापूर्ण मसालों के लिए बढ़ती अंतरराष्ट्रीय मांग को पूरा किया है।

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सबसे संतोषजनक बात यह रही कि निर्यात में यह प्रशंसनीय वृद्धि अंतरराष्ट्रीय जिंस व्यापार का निर्धारण और निर्णय करने वाले खाद्य सुरक्षा के कड़े दिशानिर्देशों के बावजूद हुई है। खास तौर पर औषधीय क्षेत्र में हल्दी की बढ़ती मांग ने 2016-17 में इसके निर्यात को मात्रा के रूप में बढ़कर 1,16,500 टन के स्तर को छू लिया और मूल्य के रूप में 1,241 करोड़ रुपए के स्तर को पार कर लिया।"

पिछले वित्त वर्ष कीतुलना में सौंफ में सबसे ज्यादा इजाफा दिखाई दिया। मात्रा के रूप में इसमें 129 प्रतिशत और मूल्य के रूप में 79 प्रतिशत का इजाफा हुआ। जायफल और जावित्री की निर्यात मांग में भी वृद्धि का रुख रहा। 2015-16 के दौरान 4,050 टन की तुलना में यह 25 प्रतिशत बढ़कर 5,070 टन रही। इसी तरह अजवायन का निर्यात 2016-17 में बढ़कर 6,250 टन हो गया जिसका मूल्य 62.46 करोड़ रुपए रहा, जबकि 2015-16 के दौरान यह 5,310 टन था जिसका मूल्य 53.28 करोड़ रुपये था। डॉ. जयतिलक ने कहा "खासतौर पर देश के उत्तरी-पूर्वी इलाके में बड़ी इलायची के उत्पादन को बढ़ाने के मसाला बोर्ड के प्रयासों से इसके निर्यात में मात्रा के रूप में 30 प्रतिशत और मूल्य के रूप में नौ प्रतिशत का इजाफा हुआ है।"

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भारतीय मसाला उत्पादन क्षेत्र

स्पाइस बोर्ड ऑफ इंडिया के अनुसार भारत दुनिया का 86% मसाला उत्पादन करता है, जिसकी मात्रा 16 लाख टन से ज्यादा है. आप इससे अंदाजा लगा सकते हैं की भारत का दुनिया में कितना बड़ा कारोबार मसालों का है। इसके द्वारा बहुत बड़ी मात्रा में विदेशी पूंजी अर्जित की जा सकती है। सबसे बड़ी बात है की इन मसालों का उत्पादन ग्रामीण इलाकों में होता है। किसानों द्वारा बिना संसोधित किये कच्चे रूप में यह मसले शहरों में पहुंचा दिए जाते है जहाँ से इनको संसोधित कर पैकिंग और ग्रेडिंग करके पूरी दुनियां में सप्लाई कर दिए जाते है।

भारतीय मसाले जो आईएसओ से प्रमाणित हैं

भारत कई प्रकार के मसालों का उत्पादन करता है। विश्व मसाला उत्पादन में भारत का महत्वपूर्ण स्थान है। विभिन्न प्रकार की जलवायु के कारण मसालों का बढिया उत्पादन भारत में होता है । असल में भारत के लगभग सभी राज्यों व संघ शासित क्षेत्रों में कोई-न-कोई मसाले कीर खेती होती है। संसद के अधिनियम के अनुसार कुल 52 मसाले स्पाइसेस बोर्ड के अधीन लाये गए हैं। तथा 109 मसालों को IOS सूचि में सूचीबद्ध किया गया है।

52 मसालों की सूची

1. सौंफ 2. हींग 3. तुलसी 4. बे-पत्ता 5. अजवान 6. केबोज 7. केपर 8. काला जीरा 9. दाल चीनी 10. इलाइची 11. केसिया 12. सेलरी 13. मिर्च 14. लोंग 15. धनिया 16. जीरा 17. करी पत्ता 18. सोआ 19. बड़ी सौंफ 20. मेथी 21. लहसून 22. अदरक 23. महा गेलेंजा 24. हॉर्स रैडिस 25. हिस्स्प 26. जुनिपर बेरी 27. कोकम 28. लुएज 29. मर्जोर्म 30. पुदीना 31. सरसों 32. जायफल 33. मेस 34. ओरगेनो 35. अजमेद 36. काली मिर्च 37. पीपला 38. अनार 39. खसखस 40. रोजमेरी 41. केसर 42. सेज 43. सेवरी 44. स्टार एनिज 45. स्वीट फ्लैग 46. इमली 47. टेरागन 48. तेजपत्ता 49. थाइम 50. हल्दी 51. वेनीला 52. आलस्पाइस

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