प्रदेश की 90% किशोरियों में खून की कमी

Update: 2016-07-20 05:30 GMT
प्रदेश की 90% किशोरियां, खून की कमी

कानपुर/लखनऊ। कानपुर देहात के बैरी दरियाव गाँव की रमा (20 वर्ष) हर दूसरे दिन माँ से यह कहती रहती कि उसे चक्कर आ रहा है। रमा की माँ झल्लाते हुए बोली कि ये तुम्हारा रोज का नाटक है, चुपचाप काम करो। मगर अब रमा को आयरन की गोली दी गई तो उसे काफी आराम मिला।

उत्तर प्रदेश में कुल जनसंख्या में से 80 प्रतिशत खून की कमी से पीड़ित हैं और उनमें भी किशोरियां सबसे अधिक हैं। कारण उनका सही खान-पान और आयरन की पूर्ति के लिए उचित दवाई न लेना है।

वाराणसी में यूनीसेफ और वात्सल्य संस्था एक कार्यक्रम में भी प्रदेश की 90 प्रतिशत किशोरियों में रक्त अल्पता की बात कही गई।

2011 की जनगणना के अनुसार यूपी में 10-19 वर्ष के किशोर-किशोरियों की संख्या 48.9 लाख है। प्रदेश में लगभग 90 प्रतिशत किशोरियों में रक्त अल्पता है। इससे बचने के लिए छह महीने से 19 वर्ष के किशोर-किशोरियों को नियमित रूप से आयरन की गोली खानी चाहिए।

“10 से 19 वर्ष की किशोरियों में 90 प्रतिशत खून की कमी चिंताजनक स्थिति है। एनीमिया के तीन प्रकार में से 80 प्रतिशत लोग तीनो में से किसी न किसी तरह से एनीमिया का शिकार हैं।” यूनिसेफ की न्यूट्रीशन आफिसर अनुजा भार्गव ने कहा।

 स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

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