महाराष्ट्र: विधान परिषद में हंगामे के बाद छोड़ा गया कर्ज़माफी में गड़बड़ी की शिकायत करने पहुंचा किसान

सूखे और किसानों की आत्महत्या को लेकर सुर्खियों में बने महाराष्ट्र में एक किसानों को कर्ज़माफी में गड़बड़ी की शिकायत को लेकर हिरासत में लिया गया। हंगामा बढ़ने पर उसे छोड़ा भी गया, जानिए क्या था पूरा मामला

Update: 2019-06-22 09:27 GMT

मुंबई/लखनऊ। महाराष्ट्र में कर्ज़माफी में गड़बड़ी की शिकायत करने वाले किसान को विधान परिषद में हंगामे के बाद छोड़ दिया। करीब तीन घंटे तक वाशिम से आए किसान अशोक मनवर पुलिस की हिरासत में रहे। महाराष्ट्र विधान परिषद में विपक्ष के नेता धनंजय मुंडे ने कहा कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की कर्ज़माफी योजना कागजी है और प्रदेश के लाखों किसानों को कर्ज़माफी के नाम पर सिर्फ सर्टिफिकेट मिले हैं।

वाशिम के किसान अशोक मनवर 600 किलोमीटर दूर मुंबई में विधानपरिषद में विपक्ष के नेता धनंजय मुंड़े से अपनी कर्ज़माफी में गड़बड़ी की शिकायत करने आए थे। अशोक का दावा है कि सरकार की तरफ से उन्हें 1 लाख 40 हजार का प्रमाणपत्र दिया गया था, लेकिन बैंक में सिर्फ 77 हजार की कर्ज़माफी हुई। अशोक के मुताबिक उन्होंने इसकी शिकायत बैंक से लेकर वशिम जिले के कलेक्टर से भी की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। जिसके बाद वो विधान परिषद में विरोधी दल के नेता धनंजय मुंडे से मिलने आए थे। मुलाकात के बाद जैसे वो पत्रकारों से बात करने लगे पुलिस ने हिरासत में लेकर मरीन ड्राइव ले गई।

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मामले की ख़बर होने पर धनंजय मुंडे ने किसान के हिरासत में लिए जाने और कर्ज़माफी के मुद्दे को सदन में उठाया। जोरदार हंगामे और एक घंटे तक सदन स्थगित रहने के बाद पुलिस ने किसान को छोड़ा।

महाराष्ट्र में बीजेपी सरकार बनने के बाद वादे के मुताबिक सरकार ने 2017 में छत्रपति शिवाजी महाराज शेतकरी सन्मान योजना लागू की थी। योजना के तहत 89 लाख किसानों को इसका फायदा मिलना था। लेकिन बहुत सारे किसानों का आरोप है कि उन्हें कर्ज़माफी का लाभ नहीं मिला है। 2019 में सरकार ने बचे हुए किसानों के लिए दोबारा रजिस्ट्रेशन की शुरुआत की।

धनंजय मुंडे इसे लेकर सदन के बाहर भी फडणवीस सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। शुक्रवार को उन्होंने कहा, "प्रदेश में बहुत सारी किसानों को कर्ज़माफी के नाम पर सिर्फ सर्टीफिकेट मिला है। मुख्यमंत्री की ये योजना कागजी है। और आवाज उठाने वाले किसानों को सरकार गिरफ्तार करवा रही है।"

कर्ज़माफी के नाम पर मिला सर्टिफकेट- धनंजय मुंडे

धनंजय मुंडे, नेता प्रतिपक्ष, विधान परिषद, महाराष्ट्र

धनंजय मुंडे ने ट्वीटर पर लिखा कि सरकार ने अशोक मनहर के अलावा एक और किसान को गिरफ्तार किया है तो कह रहा था कि किडनी ले लो लेकिन हमें बीज दे दो। उस किसानों को भी सरकार जल्द रिहा करे।

सूखे से जूझ रहे किसानों की स्थिति दयनीय है। छत्रपति शिवाजी महाराज शेतकरी सन्मान योजना से काफी किसानों को उम्मीदें थे लेकिन हजारों किसान इस योजना से आ भी वंचित हैं। महाराष्ट्र में सांगली जिले के किसान सुरेश काबड़े ने कहा, "योजना में बड़ी जोत वाले शेतकारी को बाहर कर दिया गया है, जबकि बड़े किसान की भी लागत लगती है। सरकार को चाहिए कि सबका कर्ज़ माफ करे।"

महाराष्ट्र में मराठवाड़ा के औरंगाबाद जिले के पारडु गांव में भी कई किसानों को कर्ज़माफी योजना का लाभ नहीं मिला है। यहां के किसान जाकिर शेख ने गांव कनेक्शन को पिछले दिनों बताया था कि वो लोग पानी खरीद कर खेती को मजबूर हैं और यहां के किसानों की कर्ज़माफी नहीं हुई है।

हमारे गांव में 300 खातेदार हैं। जिसमें से सिर्फ 89 लोगों का कर्ज़माफ हुआ है। बाकी 211 लोगों को आज भी इंजतार है। इनमें से 19 लोगों के यहां तो बैंक की तरफ से कर्जमाफी के लिए आरसी भी जारी हो चुकी है।



 भाजपा राज में किसानों को मिला मौत का अभिशाप: कांग्रेस

महाराष्ट्र में किसानों की आत्महत्या के मामला गरमाता जा रहा है। कांग्रेस ने प्रदेश में पिछले 3 साल में 12 हजार किसनों की मौत पर बीजेपी सरकार को घेरा। कांग्रेस ने कहा कि मानो भाजपा शासन में किसानों को मौत का अभिशाप मिला है। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा, ''भाजपा राज में अन्नदाता को मिला मौत का अभिशाप! भाजपा शासित महाराष्ट्र में पिछले 3 सालों में 12,000 किसानों ने आत्महत्या की है। यानी हर रोज़ 11 किसान आत्महत्या करने पर मजबूर! यह बेहद शर्मनाक है।'' उन्होंने कहा, ''फडनवीस जी ने 34,000 करोड़ रुपये की क़र्ज़-माफ़ी की थी, उसका क्या हुआ?''  भाषा इनपुट के साथ 

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