स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने संभाला कोरोना के खिलाफ मोर्चा, कम लागत में बना रहीं मास्क और पीपीई किट

लॉकडाउन के इस संकट भरे समय में 150 महिलाओं को इस पहल से रोजगार मिल रहा है।

Update: 2020-04-28 12:40 GMT

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले की स्वयं सहायता समूह की महिलाओ ने कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए कम लागत में पीपीई किट तैयार किया है। इन महिलाओं के काम की सराहना भारतीय सेना ने की है। इंडियन आर्मी ने इस स्वयं सहायता द्वारा निर्मित पीपीई किट की 2000 खेप का ऑर्डर दिया है।

इस किट को तैयार करने वाली महिला कारीगर नवरीन जहां बताती हैं, "लाकडाउन के चलते हम बेरोजगार हो गए थे और हमारे परिवार के आगे खाने पीने की दिक्कतें आने लगी थी। लेकिन तब तक स्वयं सहायता समूह में काम मिल गया, इससे अब हमारे घर का खर्च बहुत आसानी से चल रहा है।"

जिले के खंड विकास अधिकारी सन्तोष सिंह ने बताया कि जनपद की 6 ब्लाकों में 150 महिलाओ द्वारा नियमित रूप से पीपीई किट बनाने का कार्य कराया जा रहा है। ऐसे में एक महिला रोजाना पांच से छः किट आराम से तैयार कर लेती है, जिससे वह रोजाना साढ़े चार सौ से छ: सौ रुपये कमा लेती है।

इस स्वयं सहायता समूह की ब्लाक मिशन मैनेजर अनामिका भारती ने बताया की पीपीई किट का निर्माण करने वाली महिलाओं को केंद्र पर आने से पहले पूरी तरह से सैनिटाइज कराया जाता है। सभी को डब्लूएचओ द्वारा जारी किए गए निर्देशों का कड़ाई से पालन कराया जाता है। सभी महिलाएं मास्क पहन कर सोशल डिस्टेनसिंग का विशेष ख़्याल रख ही पीपीई किट बनाती है।

उन्होंने बताया कि हमारे पास कही जनपदों से आर्डर आ रहे है, लेकिन लॉकडाउन के कारण हम उन तक भेज ही नही पा रहे है। हमारी सारी किटें आसपास के जनपद में ही खपत हो रही हैं। जिलाधिकारी शैलेन्द्र सिंह ने बताया कि इस संकट की घड़ी में रोजमर्रा के जीवन जीने वाली महिलाओं के आगे रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया था, तो वहीं विश्व मे कोरोना महामारी से बचाव के लिए पीपीई किट की मांग काफी हद तक बढ़ गई थी।

वह आगे कहते हैं, "हमारे मुख्य विकास अधिकारी के द्वारा सुझाव दिया गया कि क्यो न स्वयं सहायता समूह की महिलाओ द्वारा पीपीई किट का निर्माण कराया जाये। इसको लेकर मुख्य चिकित्साधिकारी से वार्त्तालाप किया गया। पहले चरण में सैम्पल तैयार कर स्वाथ्य मंत्रालय को भेजा गया। वहां से सुरक्षा मानकों पर खरा उतरने और एनओसी मिलने के बाद पीपीई निर्माण कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है।" 

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