इस स्कूल में प्रधानाध्यापक अभिभावकों से भरवाते हैं शपथ पत्र

विद्यालय में बच्चों का नाम लिखाने से पहले अभिभावकों को एक शपथ पत्र भरना होता है, जिसमें बच्चों को रोजाना स्कूल भेजने की शर्त लिखी होती है

Update: 2019-02-19 07:42 GMT

कुशीनगर। प्राथमिक विद्यालय हाटा नगर में छात्रों की उपस्थिति बढ़ाने और शिक्षा का स्तर ऊंचा करने लिए यहां के प्रधनाध्यापक ने नई पहल शुरू की है। विद्यालय में बच्चों का नाम लिखाने से पहले अभिभावकों को एक शपथ पत्र भरना होता है, जिसमें बच्चों को रोजाना स्कूल भेजने की शर्त लिखी होती है।

विकास खंड हाटा के प्राथमिक विद्यालय हाटा नगर के प्रधानाध्यापक संतोष कुमार ने बताया, " हम सभी अध्यापक हर एक बच्चे पर ध्यान देते हैं। आज हमारे विद्यालय में 310 बच्चे पंजीकृत हैं, जिसमें 140 छात्र और 170 छात्राएं हैं। बच्चों की उपस्थिति अच्छी बनी रहे इसके लिए हम लोग बच्चों के प्रवेश से पहले उनके अभिभावक से एक शपथ पत्र भरवाते हैं, जिसमें लिखा होता है कि, हम अपने बच्चे को रोजाना स्कूल भेजेंगे। जिस दिन बच्चा नहीं आएगा उसका कारण अगले दिन बताना होगा। इस पहल का असर यह हुआ कि हमारे विद्यालय में बच्चों की उपस्थिति 95 प्रतिशत रहती है।"

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सक्रिय हैं अभिभावक और एसएमसी सदस्य

विद्यालय में पढ़ने वाले छात्रों के अभिभावक भी काफी सक्रिय रहते हैं। प्राइवेट विद्यालयों की तरह हमारे विद्यालय में हर माह पैरेंट्स टीचर मीटिंग होती है। इस बैठक में अभिभावकों की उपस्थिति शत प्रतिशत रहती है। अध्यापक और अभिभावक मिलकर बच्चों और स्कूल की बेहतरी के लिए रणनीति बनाते हैं।

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अभिभावक कौशल्या बताती हैं, " हमारे बच्चे का स्कूल बहुत अच्छा है। सभी अध्यापक बहुत मेहनत से बच्चों का पढ़ाते हैं। स्कूल से आने के बाद बच्चे को मिलने वाले होमवर्क मैं पूरा कराती हूं। मेरा बच्चा पहले से काफी होशियार हो गया है। "


अखबार में निकलता है प्रवेश का विज्ञापन

विद्यालय में प्रवेश के लिए मारामारी रहती है। नमांकन सत्र में प्रवेश के लिए विद्यालय की तरफ से अखबारों में विज्ञापन निकाला जाता है। एसएमसी अध्यक्ष सिद्ध बरनवाल ने बताया, " हमारे विद्यालय में शिक्षा का स्तर इतना अच्छा है कि प्रवेश के लिए मारामारी रहती है। लोग निजी विद्यालयों से अपने बच्चों का नाम कटाकर यहां लिखाने आते हैं।"

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टैब और लैपटॉप से होती है पढ़ाई

विद्यालय में बच्चों को किताब के साथ-साथ टैब और लैपटॉप से पढ़ाया जाता है। सहायक अध्यापिका अलका राय ने बताया, " हमारे बच्चे बहुत हुनरमंद हैं। हम लोग एक्टिविटी के साथ पढ़ाई कराते हैं। हम सभी अध्यापकों ने अपने पैसे से बच्चों के लिए टैब और लैपटॉप खरीदा है। "

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