बच्चों को जिम्मेदार बना रही बाल संसद

बरेली विकासखंड भोजीपुरा के प्राथमिक विद्यालय अभयपुर में किताबी ज्ञान के साथ अच्छा नागरिक बनने की भी शिक्षा दी जाती है

Update: 2019-02-18 05:33 GMT

बरेली। जनपद के एक प्राथमिक विद्यालय में पढ़ाई के साथ-साथ बाल संसद भी चलती है। किसी छात्र के पास अनुशासन का मंत्रालय है तो किसी के पास साफ-सफाई का। बच्चे भी अपनी जिम्मेदारी को अच्छी तरह से निभाते हैं।

विकासखंड भोजीपुरा का प्राथमिक विद्यालय अभयपुर में पढ़ाई के साथ-साथ बच्चों को अनुशासन और साफ-सफाई का पाठ पढ़ाया जाता है। विद्यालय के प्रधानाध्यापक मधुरेश दीक्षित ने बताया, " हम लोग बच्चों को सिर्फ किताबी ज्ञान नहीं देते हैं, बल्कि उन्हें एक अच्छा नागारिक बनाने की भी शिक्षा देते हैं। हम लोगों में विद्यालय में एक बाल संसद का गठन कर रखा है। इसमें कुछ बच्चों की जिम्मेदारियां तय की गई हैं।"

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स्कूल में बेहतर शिक्षा का माहौल होने से वर्तमान समय में स्कूल में 252 बच्चे नामांकित हैं। इसमें 125 छात्र और 127 छात्राएं हैं। विद्यालय में नियमित उपस्थिति का आंकड़ा 80 प्रतिशत के आसपास है। कुल 7 अध्यापक बच्चों को पढ़ा रहे हैं। विद्यालय का परिसर भी हरा-भरा है।


कक्षा पांच के छात्र आमिर के पास अनुशासन का विभाग है। आमिर विद्यालय में अनुशासन बनाए रखने के लिए अध्यापकों का सहयोग करते हैं। आमिर ने बताया, "मेरे मास्टर साहब ने मुझे जो जिम्मेदारी दी है मैं उसे पूरी ईमानदारी से निभाता हूं। अगर कोई बच्चा बिना वजह इधर-उधर घूमता है तो मैं उसे क्लास में जाने को कहता है।"

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वहीं कक्षा चार के छात्र मैवेश को विद्यालय में साफ-सफाई की जिम्मेदारी दी गई है। मवेश ने बताया, "लंच के समय मेरा ध्यान रहता है कि कोई छात्र विद्यालय परिसर में गंदगी न फैलाने पाए। अगर कोई बच्च ऐसा करता पाया जाता है तो उसे ऐसा न करने की हिदायत दी जाती है। सभी बच्चों के साथ मिलकर विद्यालय को साफ-सुथरा रखा जाता है।"


एसएमसी की बैठक में होते हैं आगे के फैसले

विद्यालय प्रबंधन समिति का भी काफी सहयोग मिलता है। एसएमसी की बैठक हर माह के अंत में होती है। बैठक में विद्यालय में आगे होने वाली गतिविधियों की बात की जाती है इसके अलावा आगे होने वाले कार्यों की समीक्षा की जाती है। बच्चों की उपस्थिति सही रखने के लिए सभी सदस्य काफी सक्रिय रहते हैं।


आर्ट एंड क्राफ्ट में पारंगत हैं बच्चे

विद्यालय के बच्चे पढ़ाई के साथ-साथ आर्ट एंड क्राफ्ट में भी काफी सक्रिय रहते हैं। बच्चे घर के बेकार चीजों से एक से बढ़कर एक मनमोहक चीजें बनाते हैं। विद्यालय की सहायक अध्यापिका नीतू चौधरी ने बताया, " हमारे विद्यालय के बच्चे काफी होनहार हैं। मैं उनको आर्ट एंड क्राफ्ट भी पढ़ाती हूं। बच्चे एक से बढ़कर एक चीजें बनाते हैं। कोई झाड़ू की सींक से घोंसला बनाता है तो कोई प्लास्टिक की बोतल से गमला।"

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एसएमसी अध्यक्ष सायरा बानो ने बताया, " हमारे बच्चे इस स्कूल में पढ़ते हैं इसलिए हमारी भी जिम्मेदारी है कि हम लोग स्कूल की भलाई के बारे में सोचें। हम सभी सदस्य हर माह नियमित रूप से बैठक कर विद्यालय और बच्चों के हित के लिए चर्चा करते हैं।"

प्रधनाध्यापक मधुरेश दीक्षित ने बताया, " अगर बच्चों को बचपन से ही जिम्मेदारियों का अहसास कराया जाए तो वे आगे चलकर एक अच्छा इंसान जरूर बनते हैं। बाल संसद के जरिए उन्हें जिम्मेदारियों का एहसास करवाया जाता है।" 

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