दो अरब के खर्च पर किसानों को नलकूप बिजली मुफ्त, मगर कितनी ?

Update: 2017-05-17 18:08 GMT
किसान इस सरकार में भी परेशान है। (फोटो- विनय)

लखनऊ। प्रदेश के किसानों को नलकूप चलाने के लिए मुफ्त बिजली देने के लिए कृषि विभाग बिजली विभाग को दो अरब रुपए देगा। जिसकी पहली किस्त जारी कर दी गई है। मगर गांवों में अब भी किसानों को नलकूप चलाने के लिए पर्याप्त बिजली आपूर्ति नहीं है। खरीफ की बुआई का समय सर पर है मगर किसान बेहतर बिजली आपूर्ति के इंतजार में कुछ उसी तरह से परेशान हैं, जैसे वे पिछली सरकारों में हुआ करते थे।

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सरकार का दावा है कि गांवों को 18 घंटे बिजली मिल रही है मगर वास्तविकता इससे इतर है। शाम 7:00 बजे से लेकर सुबह 5:00 बजे तक के लिए गांवों को कटौती से मुक्त रखा गया है इसके बावजूद गांव में अब जबकि सबसे अधिक बिजली की जरूरत बुआई के लिए है तब किसान बिजली का तरस रहे हैं। इसी वजह से पूर्वांचल बिजली वितरण निगम के एमडी को हटा दिया गया है।

कृषि मंत्रालय के विशेष सचिव बी राम शास्त्री की ओर से इस आशय का शासनादेश जारी किया गया है। उन्होंने वित्तीय वर्ष 2017-18 के लिए नलकूपों से सिंचाई पर बिजली का कुल खर्च 2.40 अरब रुपये आंका है। जिसमें से पहले पांच महीने के लिए एक अरब रुपए की राशि विद्युत निगम को भुगतान करने के लिए जारी कर दी गई है। ताकि नलकूपों से सिंचाई में कोई बाधा न आए। नलकूपों के जरिए किसान सिंचाई करते हैं। जिस पर खर्च होने वाली बिजली किसानों के लिए मुफ्त है। केवल वार्षिक किराया के तौर पर उनसे नाममात्र का बिल लिया जाता है। इसलिए बिजली विभाग के खर्च की प्रतिपूर्ति सरकार करती है।

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इसी मद में इस वित्तीय वर्ष 2.40 अरब रुपये का खर्च किया गया। ये बहुत बड़ी धनराशि है, जिसका भुगतान बिजली निगम को समय से कर दिया गया है। मगर बिजली निगम किसानों को पर्याप्त बिजली नहीं दे पा रहा है। जिससे खरीफ की बुआई में ही किसान बेहाल हैं।

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अरबों लेकर भी किसानों को बस तकलीफ दे रहा पॉवर कॉरपोरेशन

मलिहाबाद तहसील के अंतर्गत आने वाले ग्राम रामनगर निवासी महेश यादव (42 वर्ष) कहते हैं कि मक्का,ज्वार, उड़द, लोबिया, लौकी कद्दू हरी सब्जियों की खेती सिंचाई के बिना सूख रही हैं। लाइट मुश्किल से 10 घंटे आती है। लखनऊ के ग्राम जिन्दौरा के रामू 32 बताते है कि 15 तारीख को किसान यूनियन की ने सिंचाई और बिजली के मुद्दे पर मलिहाबाद में प्रदर्शन किया था मौके पर आए बिजली विभाग के अधिकारियों ने 19 जून से 21 घण्टे बिजली और 1 जून से 24 घण्टे बिजली आपूर्ति देनी की बात कही है जबकि सरकार का आदेश बहुत पुराना है।

सिद्धार्थनगर के ढेबरुआ गांव निवासी होली प्रसाद (54) कहते हैं, बिजली आपूर्ति के मामले में प्रदेश सरकार फेल साबित हुई है। 14 अप्रैल से आपूर्ति सुधारने का वादा एक माह से अधिक समय बीतने के बाद भी पूरा नहीं हुआ। ऐसे में बिजली से सिंचाई करवाने की बात बेमानी लगती है।

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“बिजली की कमी से अगर किसान जूझेगा तो ये किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अफसरों की जिम्मेदारी तय है। सरकार की ओर से गांव को स्पष्ट तौर पर 18 घंटे बिजली देने की घोषणा है। शाम को 7:00 बजे से सुबह 5:00 बजे तक गांवों को कटौती मुक्त किया गया है। इसलिए बिजली विभाग किसानों को सिंचाई के लिए पूरी बिजली देगा।”
श्रीकांत शर्मा, ऊर्जा मंत्री, उप्र

पूर्वांचल वितरण निगम के एमडी भी हटाए गए

ऊर्जा विभाग योगी सरकार की बड़ी कार्रवाई की है। पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के एमडी को सरकार ने हटाया, एमडी एके मित्तल को शासन ने पद से हटाया है। करीब महीने पहले एके मित्तल को बनाया गया था एमडी। भ्रष्टाचार के आरोप में पूर्वांचल के एमडी मित्तल हटाए गए हैं। ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने शिकायतों के बाद फैसला, लिया है। सुरेश चंद्र भारती को पूर्वांचल विद्युत वितरण का कार्यवाहक एमडी बनाया गया है। विभाग की कई योजनाओं में मित्तल पर भ्रष्टाचार के आरोप थे। बिजली सप्लाई देने में भी डील करने की भी शिकायत थी।

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