बच्चों का स्कूल में एडमिशन कराना ही इस बच्ची का मकसद

Update: 2017-11-16 22:01 GMT
मीना मंच की अध्यक्ष लीलावती।

बदायूं। आठवीं कक्षा में पढ़ने वाली लीलावती अब तक दर्जनों लड़कियों का स्कूल में एडमिशन करा चुकी है, इससे पहले वो कभी स्कूल ही न जाती थी।

बदायूँ ज़िले के हार्यपुर पूर्व माध्यमिक विद्यालय में पढ़ने वाली लीलावती और उनके साथी गाँव में साफ सफाई, शिक्षा, जैसे मुद्दे पर लोगों को जागरूक करने जाते हैं। मीना मंच की अध्यक्ष लीलावती बताती हैं, "अब तक मैं कई लोगों का नाम स्कूल में लिखा चुकी हूं, घर वाले शुरू में मना करते हैं, कि लड़की है पढ़ लिखकर क्या करेगी, लेकिन हम बार-बार जाते हैं, तब वो मान जाते हैं।

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बदायूं ज़िले के 402 प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में यूनिसेफ के सहयोग से 'मुस्कान' योजना चल रही है, जिसके तहत हर स्कूल में छात्र-छात्राएं मीना मंच के तहत काम करते हैं, ये बच्चे बच्चों के साथ ही बड़ों को भी पढ़ना लिखना सिखाते हैं।

इसी का नतीजा है कि बदायूँ के ही पूर्व माध्यमिक विद्यालय, गोठा में 138 बच्चों में से पिछले 80 दिनों से एक बच्चा भी अनुपस्थित नहीं हुआ है।

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इस विद्यालय के सहायक अध्यापक डॉ. मनोज कुमार वाष्र्णेय बताते हैं, "मीना मंच से जुड़ने के बाद बच्चों में अपने आप जागरूकता आ जाती है, आज हर दिन बच्चे स्कूल आते हैं, यहां तक कि छुट्टी वाले दिन भी आ जाते हैं।"

इस विद्यालय में बच्चों को प्रोजेक्टर से स्मार्ट क्लास में पढ़ाया जाता है, विद्यालय प्रबंध समिति और ग्रामीणों के सहयोग से विद्यालय में कम्प्यूटर, सीसीटीवी जैसी सुविधाएं हैं।

बच्चे मीना गुल्लक की मदद से बचत करना भी सीखते हैं, मंच की कोषाध्यक्ष भावना ने बताया, "हम बच्चे इस गुल्लक में पैसे जमाकर बचत करना सीखते हैं और उन्हीं पैसे से कई कार्यक्रम भी करते रहते हैं।"

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