गिरफ्तार हुआ भीम आर्मी चीफ चन्द्रशेख़र आज़ाद, सहारनपुर हिंसा भड़काने का था आरोप
लखनऊ। सहारनपुर की जातीय हिंसा का आरोपी व भीम आर्मी के मुखिया चन्द्रशेखर आजाद उर्फ रावण को हिमाचल प्रदेश में गिरफ़्तार कर लिया गया है। उत्तर पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने चंद्रशेखर को हिमाचल प्रदेश के डल्हौजी से आज सुबह अरेस्ट किया है।
उत्तर प्रदेश पुलिस चंद्रशेखर को साथ लेकर सहारनपुर के लिए निकल चुकी है। सहारनपुर लाने के बाद उससे यहां हुई जातीय हिंसा के बारे में पूछताछ की जाएगी।
जानकारी के मुताबिक, यूपी पुलिस को सूचना मिली थी कि चंद्रशेखर हिमाचल प्रदेश के डल्हौजी में छिपा हुआ हुआ है। इसके बाद टास्क फोर्स ने बेहद गोपनीय ऑपरेशन में चंद्रशेखर को धर दबोचा था।
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दरअसल, इस मामले की शुरुआत 20 अप्रैल को शुरू हूई जब सड़क दूधली में बाबा साहब अंबेडकर की जयंती के उपलक्ष्य में शोभायात्रा निकालने को लेकर ठाकुर और दलित आपस में भिड़ गए थे। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में दोनों पक्षों में पथराव हुआ था। बाद में नाराज बीजेपी कार्यकर्ताओं ने एसएसपी आवास पर कब्जा कर तोड़फोड़ और हंगामा किया था।
बता दें कि चंद्रशेखर ने पिछले दिनों सहारनपुर में कथित तौर पर ऊंची जाति के लोगों के अत्याचार के खिलाफ दिल्ली में प्रदर्शन बुलाया था, जबकि वह खुद जिले में जाति आधारित हिंसा भड़काने के आरोप में गिरफ्तारी से बचने के लिए अंडरग्राउंड था।
भीम आर्मी क्या है?
पुलिस के लिए भले आर्मी एक उपद्रवी संगठन हो, लेकिन दलित समुदाय इसके लिए लड़ने-मरने को तैयार है। जो जोश-जुनून पहले मायावती को लेकर दलित समुदाय में देखा जाता था वही जोश सहारनपुर में चंद्रशेखर आजाद (रावण) को लेकर देखने को मिल रहा है।
भीम सेना से जुड़े राजीव राज (बदला नाम) बताते हैं कि प्रदेश में कहीं भी दलितों पर अत्याचार होता है। भीम सेना उनकी मदद के लिए जाती है। शब्बीरपुर में भी यही हुआ था। हम लोग न्याय की मांग करने के लिए जमा हो रहे थे और हम पर हमला कर दिया गया। भीम आर्मी वंचितों की आवाज़ है। इस संगठन में दलितों को ही शामिल किया जाता है।
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