रेशम फार्मों पर ही किसानों को मिलेगा प्रशिक्षण-सत्यदेव पचौरी

Update: 2017-06-09 21:28 GMT
रेशम उद्योग मंत्री सत्यदेव पचौरी (फ़ोटो साभार -इंटरनेट )

लखनऊ। प्रदेश में रेशम कीट पालन को व्यवसाय से जोड़ने के लिए किसानों को प्रेरित किया जाएगा, जिससे अधिक से अधिक किसान इस व्यवसाय से लाभ ले सकें। देश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम, खादी ग्रामोद्योग, हथकरघा एवं रेशम उद्योग मंत्री सत्यदेव पचौरी ने शुक्रवार को मुख्य भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष में हथकरघा एवं रेशम विभाग की समीक्षा बैठक में कही। उन्होंने निर्देश दिया कि रेशम उत्पादन से जुड़े किसानों को प्रशिक्षण प्रदान करने की सुविधा रेशम फार्मों पर ही उपलब्ध कराई जाए।

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रेशम उद्योग मंत्री ने विभागीय वेबसाइट को अपडेट करने का भी निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि रेशम उत्पादन से जुड़े लाभार्थियों का विवरण ऑनलाइन करने का काम जल्द से जल्द किया जाए। उन्होंने रेशम उत्पादन को बढ़ावा देने हेतु विस्तृत कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए हैं।

रेशम उत्पादन (फ़ोटो साभार -नेट)

मंत्री ने यह भी निर्देश दिए कि केन्द्रीय रेशम बोर्ड से कीटाण्ड क्रय करने की आवश्यकता को उतरोत्तर कम करने के लिए विभागीय बीजागारों से कीटाण्ड उत्पादन को बढ़ाए जाने हेतु सार्थक प्रयास सुनिश्चित किये जाए।

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बैठक में बताया गया कि कुल शहतूती कीटाण्ड आवश्यकता 37.49 लाख डीएफएल के विरूद्ध विभाग ने 20.32 लाख, टसर रेशम कीटाण्ड की आवश्यकता 3.50 लाख के विरूद्ध विभागीय रेशम फार्मों पर 3.01 लाख और ऐरी कीटाण्ड आवश्यकता 6.15 लाख के विरूद्ध 2.45 लाख कीटाण्ड उत्पादन किया जा रहा है। इस प्रकार कुल कीटाण्ड आवश्यकता 47.14 लाख के विरूद्ध विभागीय बीजागारों से 25.78 लाख डीएफएल का उत्पादन किया जा रहा है।

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