अस्पतालों में दवा संसाधन न होने पर सीएमओ नपेंगे

Update: 2017-08-16 19:25 GMT
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह।

लखनऊ। प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग में कहीं भी किसी भी तरह का बकाया होने पर मुख्य चिकित्साधिकारी की जिम्मेदारी होगी। प्रत्येक अस्पताल में जरूरी दवाएं, संसाधन और आॅक्सीजन का कोटा पूरा हो।

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में स्थापित बाढ़ चौकियों पर आवश्यक दवाओं एवं चिकित्सकों की उपलब्धता हर हाल में सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि बाढ़ के बाद पानी घटने पर कई संक्रामक बीमारियों के पनपने की सम्भावना के साथ ही सांप काटने की घटनाएं भी घटित होती है। इसलिए समय से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों खासतौर से ग्रामीण इलाकों में क्लोरीन टैबलेट तथा ओआरएस किट का वितरण सुनिश्चित किया जाए और जिला चिकित्सालयों सहित सीएचसी एवं पीएचसी पर प्रचुर मात्रा में एन्टी स्नेक वीनेम के स्टाक को भी मेनटेन रखा जाए। इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही अथवा शिथिलता क्षम्य नहीं होगी।

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स्वास्थ्य मंत्री आज यहां योजना भवन में प्रदेश के सभी मुख्यचिकित्सा अधिकारियों, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारियों तथा चिकित्सा अधीक्षकों से वीडियो कान्फ्रेसिंग कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कल 17 अगस्त से एक सप्ताह तक पूरे प्रदेश में विशेष स्वच्छता अभियान चलाया जाएगा। इसके अतिरिक्त जे0ई0 तथा ए0ई0एस0प्रभावित जनपदों में यह स्वच्छता अभियान दो सप्ताह के लिए होगा।

उन्होंने सी0एम0ओ0 को निर्देश दिए कि ग्रामीण स्तर पर गठित विलेज हेल्थ सैनिटेशन कमेटी की नियमित रूप से बैठक कराई जाए और इस स्वच्छता अभियान में कमेटी की पूरी सहभागिता सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि जहां-जहां सफाई होनी है, वहां कमेटी के माध्यम से पैम्पलेट आदि का वितरण भी कराया जाए।

सिंह ने कहा कि लगभग 400 दवाइयों के रेट कान्ट्रेक्ट (आर0सी0) तय किए जा चुके है और इसकी सूची सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारयोें को भेजी जा चुकी है। दवाओं की खरीद के लिए 250 करोड़ रुपये का बजट भी आवंटित किया जा चुका है। सभी जनपदों के सी0एम0ओ0 चिकित्सालयों में दवाइयों की उपलब्ध सुनिश्चित करें। उन्होंने निर्देश दिए कि दवाओं के स्टाक की जानकारी आम जनता हो, इसके लिए सभी जिला चिकित्सालयोें में स्क्रीन पर दवाओं की सूची प्रदर्शित की जाए।

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उन्होंने सभी सी0एम0ओ0 को चेतावनी देते हुए कहा भविष्य में निरीक्षण के दौरान यदि किसी भी चिकित्सालय में दवाओं की मिली, तो उनको किसी भी दशा में बख्शा नहीं जाएगा।
श्री सिंह ने कहा कि प्रदेश में स्वाइन फ्लू का प्रकोप बढ़ रहा है। इसके मददेनजर अस्पतालों में टैमीफ्लू टैबलेट की उपलब्धता सुनिश्चित होनी चाहिए। जिस परिवार के अन्दर किसी व्यक्ति को स्वाइन फ्लू होता है, उन्हें टैमीफ्लू टैबलेट के साथ निःशुल्क एन-95 मास्क दिया जाए। साथ ही जिस एरिया में स्वाइन फ्लू का प्रकोप है, वहां एन-95मास्क तथा दवा का वितरण प्राथमिकता पर सुनिश्चित किया जाए। साथ ही स्वाइन फ्लू की रोकथाम एवं बचाव के लिए वृहद स्तर पर प्रचार-प्रसार भी कराया जाए और अधिक से अधिक लोगों को जागरूक किया जाए। वीडियो कान्फ्रेंसिंग में प्रमुख सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, प्रशान्त त्रिवेदी, निदेशक, संचारी रोग, डा0 बद्री विशाल सहित वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे।

सीएमओ जम कर फटकारे गए

स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग करके जिलों में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने का निर्देश दिया। बकाया भुगतान फ़ौरन किया जाए। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं। सभी जरूरी दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करें। सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि दवाओं की कमी होने पर सीएमओ पर कार्रवाई की जाएगी। अस्पतालों में दवाओं की आपूर्ति में पारदर्शिता होनी चाहिए,पता होना चाहिए कि कौन से दवा अस्पताल से नहीं मिल पाएगी।

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