मुख्य संवाददाता
लखनऊ। राम जन्मभूमि न्यास के सदस्य रामविलास वेदांती ने अयोध्या में विवादित ढांचे के ध्वंस की पूरी जिम्मेदारी ली है। उनका कहना है कि भले ही उनको फांसी हो जाए मगर वे ये मानने से इनकार नहीं करेंगे कि उन्होंने कारसेवकों को ढांचा ध्वस्त करने के लिए प्रेरित किया था। उन्होंने कहा कि उनके साथ में महंत अवैधनाथ और विहिप के पूर्व अंतररराष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक सिंघल भी शामिल थे। लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी कारसेवकों को ढांचा ध्वस्त न करने की अपील कर रहे थे।
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सुप्रीम कोर्ट ने ही हाल ही में भाजपा मार्गदर्शक मंडल के सदस्य लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी के अलावा उमा भारती सहित कई अन्य पर विवादित ढांचा ध्वस्त करने में आपराधिक साजिश का केस चलाने का आदेश दिया है। जिसके बाद में इस मामले में कई तरह के बयान सामने आते रहे हैं। अब वेदांती भी कूद पड़े हैं। रामविलास वेदांती ने शुक्रवार को एक न्यूज चैनल को दिए गए इंटरव्यू में कहा कि “मैं इस बात की पूरी जिम्मेदारी लेता हूं कि विवादित ढांचे को ध्वस्त उन्होंने करवाया है।
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आडवाणी और जोशी तो केवल मना कर रहे थे। वे कारसेवकों को समझा रहे थे। मगर मैंने महंत अवैद्नायथ और अशोक सिंघल ने कारसेवकों को ढांचा ध्वस्त करने के लिए ललकारा था। जिसके बाद में कारसेवकों ने ढांचा ध्वस्त करने में देर नहीं लगाई। वेदांती ने कहा कि उनको इस बात से कोई समस्या नहीं है। अगर सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर उनको फांसी भी लगा दी जाए तो कोई अंतर नहीं पड़ेगा।”
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