लखनऊ। महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों को लेकर समाज में चारो तरफ चर्चा होती है, लेकिन उन मासूमों को हर कोई भूल कही पीछे छोड़ देता है जो स्कूलों और घरों में अपराध के शिकार होते हैं। इससे निजात दिलाने के लिए आईजी वीमेन पॉवर लाइन नवनीत सिकेरा एक अनूठी कार्य-योजना तैयार कर रहे हैं, जिसे सूबे में फोन न होने पर भी स्कूली बच्चे पत्र के माध्यम से अपनी शिकायत वीमेन पॉवर लाइन में कर सकते हैं।
आईजी नवनीत सिकेरा का मानना है कि, बच्चे बड़े अनमोल होते हैं, जिन्हें अपने आस-पास होने वाले अपराधों को देखकर भी घर में बताने की हिम्मत नहीं जुटा पाते, जिसके चलते वह अक्सर अपराध का शिकार हो जाते हैं। इस पर लगाम लगाने के लिए वीमेन पॉवर लाइन आने वाले वक्त में ऐसी योजना तैयार कर रहा है, जिससे वह बच्चे भी अपनी सीधी तौर पर 1090 में शिकायती पत्र लिखकर अपना दर्द बयां कर सकते हैं।
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नवनीत सिकेरा का कहना है कि, शहर और गॉंव में ज्यादातर बच्चों के पास मोबाइल फोन होता है, लेकिन उन बच्चों का क्या, जिनके पास मोबाइल फोन नहीं होता और वह अपने पास हो रहे अपराधों की जानकारी मां-बाप को बताने से परहेज करते है। इस समस्या को देखते हुए ही वीमेन पॉवर लाइन कुछ माह के भीतर ही कम्पलेन लेटर की शुरुआत करेगा, जहां स्कूलों में यौन शोषण, अध्यापक द्धारा मारपीट, और युवतियां छेड़छाड़ की शिकायत लेटर लिखकर कर सकती हैं। साथ ही घरेलू हिंसा का सबसे पहले घर में वह बच्चा शिकार होता है, जो रोजाना अपने घरों में मॉं-बाप की लड़ाई को देखता आ रहा है, लेकिन वह बच्चा चाह कर भी अपनी मां की मदद नहीं कर पाता है।
कुछ ऐसे ही घटनाक्रम को देखते हुए लेटर कम्पलेन में सुविधा दी जायेगी कि, घरों में बच्चे भी घरेलू हिंसा की शिकायत कर सकते है, जिससे होने वाले अपराध पर भविष्य में लगाम लगाई जा सके। आईजी का कहना है कि, कम्पलेन लेटर में उन बच्चों का नाम पूरी तरह से गोपनीय रखा जायेगा, जो अपने आस-पास होने वाले अपराध की सूचना लेटर के माध्यम से 1090 को देंगे। आईजी का कहना है कि, यूपी के कुछ शहरों में जिले के पुलिस कप्तानों ने अपने स्तर पर स्कूलों में शिकायती पत्र जैसी योजना शुरू की थी, लेकिन नाम की गोपनियता उजागर होने के चलते यह ज्यादा कारगर साबित नहीं हुई।
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जबकि 1090 के कम्पलेन लेटर की सुविधा के बाद स्कूली बच्चे सीधे तौर पर पुलिस से जुड़ कर अपराधों की जानकारी दे सकेंगे। आईजी नवनीत सिकेरा ने कहा कि, मौजूदा वक्त में बाल अपराध भी बहुत बड़ी समस्या हो गई है, जिसे खत्म करने के लिए स्कूलों के बच्चों से पुलिस सीधे तौर पर जुड़ होने वाले बाल अपराधों पर लगाम लगा पायेगी। वहीं इस मुद्दे पर समाजशास्त्री आलोक चांटिया का कहना है कि, स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे समाज के ही बीच में रहते हैं, लेकिन वह स्कूल व बाजार में अपने साथ होने वाले अपराधों की जानकारी आपने माता-पिता को नहीं दे पाते है, जिसके चलते उनके साथ अक्सर कोई अनहोनी हो जाती है, लेकिन 1090 की कम्पलेन लेटर सुविधा शुरू होने के बाद इस पर कुछ हद तक रोकथाम हो पायेगी। साथ ही उन्होने कहा कि, यह योजना उन बच्चों के लिए रामबाण ईलाज साबित होगा, जिनके पास मोबाइल फोन नहीं है।
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वहीं आली संस्था की संचालक रणू मिश्रा ने कहा कि, वीमेन पॉवर लाइन की इस पहल से उन बच्चों में जान आयेगी जो सब कुछ सहने के बाद भी अपना दर्द किसी से बयां नहीं कर पाते। वहीं वीमेन पॉवर लाइन के इस कार्य योजना के संबंध में बाल न्यायालय सदस्य संगीता शर्मा ने बताया, 1090 की इस पहल से भले ही शिकायत का पत्र देर से लखनऊ पहुंचे, लेकिन कोई भी सूचना सही जगह पहुंच कर उसका निराकरण हो जाये तो होने वाले बाल अपराधों पर लगाम लगाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि, बड़ी घटना को रोकने के लिए यह योजना सूबे में हर उस बच्चे के काम आयेगी जो अपनी शिकायत पुलिस तक पहुंचा सके।