रैंप पर होगी खादी, ऑनलाइन मिलेंगे उत्पाद

Update: 2017-09-08 12:25 GMT
प्रतीकात्मक तस्वीर

लखनऊ। अब वह दिन दूर नहीं जब खादी को पहन कर मॉडल रैंप पर जलवा बिखेरेंगे और खादी के उत्पाद आप ऑनलाइन खरीद भी पाएंगे। उत्तर प्रदेश में खादी की ब्रांडिंग और बढ़ावा देने के साथ ही विभाग एक ग्रामोद्योग नीति बनाकर युवाओं को अधिक से अधिक रोजगार उपलब्ध कराएगा। गाँव कनेक्शन से खास बातचीत में खादी एवं ग्रामोद्योग के प्रमुख सचिव नवनीत सहगल ने बताया, “जमाना ई-मार्केटिंग का है, हम कोशिश कर रहे हैं कि इन उत्पादों की उपस्थिति वहां पर हो।

फ्लिकार्ट और अमेजॉन जैसी कंपनियों से जुड़ने की कोशिश कर रहे हैं। अगर खादी के उत्पाद इन कंपनियों के माध्यम से इंटरनेट पर बेचे जाएं तो उनकी मार्केटिंग आसानी से पाएगी और उत्पादों की पहुंच अधिक लोगों तक होगी।” खादी गाँव-देहात में रोजगार का बड़ा साधन है, इससे महिलाओं और युवाओं को रोजगार मिलता है, लेकिन सबसे बड़ी समस्या मार्केटिंग की आती है।

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नवनीत सहगल ने बताया, “अभी क्षेत्रीय गांधी आश्रम को छोड़कर कोई भी ऐसी जगह नहीं कि जहां यह सामान आसानी से मिल पाता हो। जो संस्थाएं खादी के उत्पादन में लगी हैं उनके पास ऐसी सुविधाएं नहीं हैं कि वह दूसरी जगहों पर मुख्य स्टोर खोल सकें। हम उन सभी को एक माध्यम देना चाहते हैं, जहां वह अपने उत्पाद बेच सकें। उसके लिए खादी प्लाजा बनाए जाएंगे। इसकी शुरुआत लखनऊ से होगी,” । खादी के उत्पादन से जुड़े लोगों के लिए बड़ी राहत इस तरह भी दी जाएगी कि प्रदेश में पहली बार उत्पादन पर सब्सिडी देने की व्यवस्था की जा रही है।” उनहोंने आगे कहा, “जबकि अभी तक बिक्री पर सब्सिडी देने का ही प्रावधान है।

“बिक्री में छूट देने पर यह तय नहीं होता कि उन माल का उत्पादन कहां हुआ होगा। किसी अन्य प्रदेश में हुआ होता है। इसे हम बदल रहे हैं, जो हमारे प्रदेश में सामान बनाया जाएगा हम उसी पर सब्सिडी देंगे। ताकि प्रदेश में खादी के उत्पादन को बढ़ाया जा सके,” सहगल ने बताया। इससे साफ है कि दूसरे राज्यों से सामान खरीद कर बेचने में कोई छूट नहीं मिलेगी।

उत्तर प्रदेश में बनने वाली खादी ग्रामोद्योग नीति के तहत जिला कार्यालय एक नोडल सेंटर की तरह काम करेगा। “हर किसी के लिए एक सिंगल विंडो सिस्टम होगा। जिन लोगों को बैंकों से डील करने में दिक्कत होती है वहां विभाग का सरकारी आदमी मदद करेगा।
नवनीत सहगल, प्रमुख सचिव

खादी उत्पादन से जुड़े लोगों की दो तरह से मदद की जाएगी, एक तो बेहतर उत्पादन कैसे कर सकते हैं, दूसरे डिजाइन को बेहतर बनाकर आकर्षक कैसे बनाया जाए। “इन लोगों के लिए एक ट्रेनिंग प्रोग्राम होगा, देश के नामी-गिरामी डिजाइनर को लाकर उनसे भी प्रशिक्षण दिलाएंगे कि डिजाइन अच्छा कैसे हो। ताकि मॉडल खादी को पहनें और खादी फैशन में आए,” नवनीत सहगल ने बताया।

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गाँव के युवाओं को अधिक से अधिक सुविधा दी जाए इसके लिए हर चीज ऑनलाइन की जाएगी। प्रोजेक्ट सैंक्शन करने से लेकर बैंक से लोन दिलाने तक।नवनीत सहगल ने बताया, “यूपी में दीनदयाल रोजगार योजना जल्द शुरू होगी, जिसमें हर चीज ऑनलाइन करेंगे। बैँक से प्रोजेक्ट पास होने से लेकर पैसे ट्रांसफर तक। इसमें इंटर सब्सिडी और कैपिटल सब्सिडी भी दे रहे हैं। हमारा लक्ष्य है कि अगले पांच साल में पांच लाख लोगों को खादी में रोजगार देंगे,” ।

उत्तर प्रदेश में शुरू होगा ‘हनी मिशन’

प्रदेश में शहद उत्पादन को अधिक से अधिक बढावा देने के लिए ‘हनी मिशन’ को शुरू किया जाएगा। इसके लिए एक पूरे गाँव को मधुमक्खी पालन के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। नवनीत सहगल ने बताया, “अभी गोरखपुर, वाराणसी और लखीमपुर में एक-एक गाँव का चयन किया है, गाँव के लोगों को मधुमक्खी देंगे, फिर उनका शहद भी खरीदेंगे। मार्केटिंग में दिक्कत न आए, इसलिए पूरा गाँव अगर मधुमक्खी पालन करेगा तो इससे काफी मात्रा में शहद पैदा होगा। कोई भी कंपनी गाँव जाकर शहद खरीद सकती है,” ।

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